भारतीय ज्ञान परंपरा पर संपूर्ण विश्व का विश्वास : प्रो. सोमदेव शतांशु

भारतीय ज्ञान परंपरा पर संपूर्ण विश्व का विश्वास : प्रो. सोमदेव शतांशु
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भारतीय ज्ञान परंपरा पर संपूर्ण विश्व का विश्वास : प्रो. सोमदेव शतांशु


भारतीय ज्ञान परंपरा पर संपूर्ण विश्व का विश्वास : प्रो. सोमदेव शतांशु










































































देहरादून, 25 मई (हि.स.)। गुरुकुल कांगड़ी विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो.सोमदेव शतांशु ने शनिवार को एक कार्यक्रम में कहा कि भारतीय ज्ञान परंपरा प्राचीन काल से समृद्धि रही है और संपूर्ण विश्व का मार्गदर्शन किया है। आज इस ज्ञान परंपरा पर पूरा विश्व विश्वास कर रहा है।

डीएवी (पीजी) कॉलेज में दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी के दूसरे दिन समापन के मौके पर बतौर मुख्य अतिथि गुरुकुल कांगड़ी विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर सोमदेव शतांशु ने यह विचार रखे। इस दौरान उन्होंने उत्तर भारत में दयानंद शिक्षण संस्थान और गुरुकुल कांगड़ी के योगदान की जानकारी दी।

उन्होंने कहा कि इन संस्थाओं का उदय उस समय हुआ, जब शिक्षा को लेकर जागृति की आवश्यकता थी और इन्होंने एक समाज के एक बड़े वर्ग को जागृत करने का प्रयास किया। राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अनुसार जो नीति लागू की गई है, उसमें भारतीय ज्ञान परंपरा को महत्वपूर्ण विषय के रूप में जोड़ दिया गया है।

मानव अधिकार के आयोग के सदस्य आर.एस.मीणा ने अपने उद्बबोधन में में भारतीय ज्ञान परंपरा पर नए प्रयोगों और भारतीय ज्ञान परंपरा के बढ़ते महत्व पर चर्चा की। उन्होंने कहा कि डीएवी कॉलेज इस प्रकार का कार्यक्रम का आयोजन कर एक नई दिशा को दिखाया।

इग्नू के क्षेत्रीय निदेशक डॉ. रंजन कुमार ने कहा कि इस विषय पर काम करना इग्नू ने शुरू कर दिया है और एक नए कोर्स को भी जल्द ही शुरू करने जा रहे हैं। इस तरह की संगोष्ठियां राष्ट्रीय स्तर पर भारतीय ज्ञान परंपरा के महत्व को आगे बढ़ाएंगे। कॉलेज के प्राचार्य प्रो.सुनील कुमार ने कार्यक्रम में आए अतिथियों का आभार प्रकट किया।

आज के दो तकनीकी सत्रों में 22 शोध पत्र प्रस्तुत किए गए, जिसमें गुवाहाटी और केरल के अलावा देश के कई अन्य हिस्सों से आये प्रतिभागियों ने अपना शोध पत्र भी प्रस्तुत किया। कार्यक्रम का संचालन प्रो. डॉ. राम विनय सिंह की ओर से किया गया। संगोष्ठी के अंत में डॉ.रवि शरण दीक्षित ने दो दिवस की गतिविधियों की विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत की।

कार्यक्रम में कार्यक्रम में मुख्य रूप से प्रो.अशोक श्रीवास्तव,प्रो.रंजना रावत,प्रो.डी के गुप्ता,डॉ. गुंजन पुरोहित, डॉ.अनूप मिश्रा, डॉ.प्रदीप कोठियाल, डॉ.विवेक त्यागी, प्रो.सविता रावत, प्रो.शशि किरण सोलंकी, डॉ.अतुल सिंह, प्रो.प्रशांत सिंह, प्रो.देवना जिंदल शर्मा, प्रो.मृदुला सेंगर, प्रो.वीबी चौरसिया, डॉ.एमएमएस जस्सल, डॉ.एसवी त्यागी, डॉ.जेएस चांदपुरी, डॉ.विमलेश डिमरी सहित अनेक शिक्षक शिक्षिकाएं और शोधार्थी उपस्थित रहे।

हिन्दुस्थान समाचार/राजेश/रामानुज

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