भगवान महावीर के 2550वें निर्वाण दिवस पर विश्व शांति के लिए दौड़ेगा भारत
- नवचेतना तथा जनकल्याण की भावना को लेकर होगी मैराथन
- दून में 2 को गांधी रोड प्रिंस चौक जैन धर्मशाला से निकलेगा शांति मार्च
देहरादून, 30 सितंबर (हि.स.)। भगवान महावीर के 2550वें निर्वाण दिवस पर 2 अक्टूबर को संपूर्ण भारत की 1500 शाखों के माध्यम से विश्व शांति की कामना काे लेकर शांति मार्च और मैराथन का आयोजन किय जाएगा। इसी क्रम में देहरादून में भी 2 अक्टूबर को सुबह साढ़े सात बजे गांधी रोड प्रिंस चौक जैन धर्मशाला से शांति मार्च व मैराथन दौड़ होगी। यह दौड़ गांधी रोड से रेलवे स्टेशन, त्यागी रोड होते हुए प्रिंस चौक जैन धर्मशाला पर समाप्त होगी। इसके माध्यम से भगवान महावीर के संदेश जन-जन तक पहुंचाए जाएंगे।
इस संबंध में 108 मुनि उपाध्याय विकसंत सागर ने बताया कि भगवान महावीर किसी विशेष के महावीर नहीं जन-जन के महावीर हैं। उनके उपदेश-संदेश अहिंसा, जिओ और जीने दो, जल ही जीवन है, वनस्पति में भी जीव है, पर्यावरण सुरक्षा आदि हैं। भगवान महावीर ने केवल ज्ञान प्राप्त करके अहिंसा की पूर्णता हासिल की। अहिंसा परमो धर्म कहकर अहिंसा को परम धर्म और हिंसा का अधर्म बताया। उनका कहना था कि पाप से घृणा करो पापी से नहीं। अहिंसा, चोरी न करना, सत्य, ब्रह्मचर्य, अपरिग्रह उनके मूल पांच अणुव्रत थे। महावीर ने जीने की कला सिखाई। महावीर एकांतवाद के बजाय अनेकांतवाद में विश्वास रखते थे।
उन्होंने कहा कि वर्तमान में विश्व शांति के लिए महावीर के संदेश शांति-भाईचारा, अहिंसा एवं अनेकांतवाद वास्तव में प्रासंगिक है। भगवान महावीर का संदेश नवचेतना तथा जनकल्याण की भावना को जागृत करने में समर्थ है। इस दौरान संदीप जैन, नरेश चंद, डॉ. संजय, सुरेश चंद, संजीव, सचिन, राजीव, अध्यक्ष अंकुर जैन आदि उपस्थित थे।
हिन्दुस्थान समाचार / कमलेश्वर शरण
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