हेमकुण्ड साहिब यात्रा मार्ग पर मददगार साबित हो रहे हैं एसडीआरएफ के जवान
देहरादून/जोशीमठ, 11 जून (हि.स.)। श्री हेमकुंड साहिब की यात्रा के दौरान अटलाकोटि के पास स्थित ग्लेशियर के पास आम श्रद्धालुओं के लिए एक बड़ी चुनौती बना है। इस दुर्गम यात्रा को सुगम बनाने के लिए एसडीआरएफ (स्टेट डिजास्टर रिस्पॉन्स फोर्स) की टीम के जवान महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं।
श्री हेमकुंड साहिब की यात्रा मार्ग में अटलाकोटि के पास ग्लेशियर के कारण रास्ता दुर्गम हो गया है, जिससे श्रद्धालुओं को यात्रा के दौरान मुश्किलों का सामना करना पड़ता है। इस ग्लेशियर के हिस्से पर एसडीआरएफ की दो सब टीमें नियुक्त की गई हैं। एक टीम घांघरिया बेस कैंप और दूसरी टीम श्री हेमकुंड साहिब गुरुद्वारा से प्रतिदिन ड्यूटी के लिए अटलाकोटि ग्लेशियर पहुंचती है। यहां एसडीआरएफ के जवान एक-एक श्रद्धालु को अपने सुरक्षा घेरे में ग्लेशियर पार कराते हैं, ताकि कोई भी अप्रिय घटना न हो।
इस संबंध में पुलिस महानिरीक्षक एसडीआरएफ रिधिम अग्रवाल ने बताया कि उच्च हिमालय क्षेत्र की विषम भौगोलिक परिस्थितियों के बावजूद एसडीआरएफ के जवान चारधाम यात्रा मार्ग पर अपना सर्वश्रेष्ठ कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि श्री हेमकुंड साहिब के विभिन्न पड़ावों पर भूस्खलन व हिमस्खलन प्रभावित क्षेत्रों में एसडीआरएफ के जवान आम श्रद्धालुओं की सुरक्षा और जागरुकता के लिए मुस्तैद हैं।
एसडीआरएफ के सेनानायक मणिकांत मिश्रा ने बताया कि श्री हेमकुंड साहिब के मार्ग में पड़ने वाला अटलाकोटि ग्लेशियर यात्रा का महत्वपूर्ण पड़ाव है। यहां एसडीआरएफ की टीम पूरी मुस्तैदी से यात्रा को सुरक्षित बनाने के लिए लगातार प्रयासरत हैं।
हाल ही में श्री हेमकुंड साहिब की यात्रा पर आईं महिला असिस्टेंट प्रोफेसर दिव्या एवं तान्या ने बताया कि यात्रा के दौरान वे अपने ग्रुप से पीछे रह गई और घायल हो गई थीं। उन्होंने बताया कि एसडीआरएफ के जवानों ने उन्हें प्राथमिक चिकित्सा देने के साथ सुरक्षित रूप से ग्लेशियर पास करवाया।
हिन्दुस्थान समाचार/प्रकाश कपरूवाण /सुनील
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