आने वाला समय हिन्दी का : डा. निशंक
हरिद्वार, 10 जनवरी (हि.स.)। हिन्दी को राष्ट्रभाषा व संयुक्त राष्ट्र की भाषा बनाने के लिए तीर्थ नगरी हरिद्वार के ऋषिकुल विश्वविद्यालय में अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन किया गया।सम्मेलन में देश के पूर्व शिक्षा मंत्री और हरिद्वार के सांसद डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक के सानिध्य में अनेक देशों के मूर्धन्य विद्वान एवं हिन्दी प्रेमीजनों ने इस सम्मेलन में शिरकत की।
इस अवसर पर साहित्यकार और पूर्व शिक्षा मंत्री डॉ.निशंक ने कहा कि हिन्दी आज विश्व में तेजी से लोकप्रिय हो रही भाषा है। आने वाला समय हिन्दी का ही है। उन्होंने कहा कि आज आजादी के 75 वर्ष बाद भी हिन्दी को अपने ही देश में जो सम्मान मिलना चाहिए, वह अभी तक नहीं मिल पा रहा है, लेकिन यह दुखद है की अंग्रेजी की मानसिकता वाले लोगों ने षड्यंत्र के तहत हिन्दी को राष्ट्रभाषा बनाने के रास्ते में रोड़े अटकाए हैं।
उन्होंने कहा कि आज विश्व हिंदी दिवस पूरे विश्व में मनाया जा रहा है। हिंदी को संयुक्त राष्ट्र संघ की भाषा बनाने के साथ ही राष्ट्रभाषा बनाने के लिए उत्तराखंड की पावन तीर्थ भूमि हरिद्वार के मां गंगा तट से संकल्प लिया जा रहा है।
वैश्विक हिन्दी परिवार के अध्यक्ष डॉ. अनिल जोशी ने कहा कि हिंदी को आज विश्व के अनेक विश्वविद्यालय में पढ़ाया जा रहा है। अब हिन्दी पढ़ने वाले दूरदराज ग्रामीण अंचल की छात्र-छात्राओं को भी अनेक अवसर उपलब्ध होंगे। ब्रिटेन से आई जय वर्मा ने कहाकि विदेश में रहने के बावजूद भी हम लोग अपनी भाषा और अपने देश को अथाह प्यार करते हैं और वहां भी हिन्दी की अलख जगाए हुए हैं।
कनाडा से आई स्नेह ठाकुर ने कहा कि वह पिछले कई वर्षों से हिंदी की पत्रिका निकाल रही है और हिंदी का प्रचार-प्रसार अनेक देशों में कर रही है।
वैश्विक हिन्दी परिवार, हिमालय विश्वविद्यालय, एसएमजेएन कॉलेज और हिमालय विरासत ट्रस्ट के संयुक्त तत्वाधान में आयोजित इस अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में ब्रिटेन से दिव्या माथुर, कनाडा से शैलजा सक्सेना, अमेरिका से अनूप भार्गव, ब्रिटेन से जय वर्मा, लंदन से कृष्णा टंडन, जापान से राम शर्मा, कनाडा से स्नेहा ठाकुर ,आयरलैंड से अभिषेक त्रिपाठी,रुस से इंद्रजीत सिंह, उज्बेकिस्तान से उल्फत मुखीबोबा के साथ-साथ डॉक्टर मधु चतुर्वेदी, वैश्विक हिन्दी परिवार के अध्यक्ष डॉ. अनिल जोशी, पतंजलि विश्वविद्यालय के प्रति कुलपति डॉ. महावीर अग्रवाल, एसएमजेएन पीजी कॉलेज के प्राचार्य डॉ. सुनील बत्रा, हिमालय विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. काशीनाथ जैना, दिल्ली विश्वविद्यालय के डॉ. वेद प्रकाश,आशीष झा, डॉ. संजय महेश्वरी, अन्नया भटनागर सहित अनेक गणमान्य एवं शिक्षाविद उपस्थित थे। संचालन डॉ. वेद प्रकाश ने किया।
हिन्दुस्थान समाचार/ रजनीकांत/रामानुज
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