निर्मल संतपुरा में हुआ कीर्तन दरबार व संत समागम का आयोजन
हरिद्वार, 24 सितंबर (हि.स.)। सिक्ख समाज के चौथे गुरु गुरु रामदास के 450वें गुरुसत्ता गद्दी शताब्दी एवं महापुरुषों की स्मृति में 69वीं 101 श्री अखंडपाठ की लड़ी और 19वां महान कीर्तन दरबार व संत समागम का आयोजन कनखल स्थित निर्मल संतपुरा आश्रम गुरुद्वारे में किया गया।
दो दिवसीय कार्यक्रम में हजूरी रागी भाई शुभदीप सिंह (दरबार साहिब), प्रिंसिपल सुखवंत सिंह (जसद्दी टकसाल वाले) और भाई हरजिंदर सिंह खालसा (जालंधर वाले) ने कीर्तन द्वारा संगत को निहाल किया। इस अवसर पर निर्मल संतपुरा आश्रम के संचालक संत जगजीत सिंह शास्त्री ने कहा कि संतों की संगत में जीवन सफल होता है। जब अपने अंदर से अरदास करोगे तो गुरु तक पहुंचती है। अपने मन को गुरु चरणों में लगाओ। उन्होंने कहा कि गुरु और महापुरुषों की वाणी सुनो और उनकी किताबें पढ़ो।
अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद अध्यक्ष रविंद्र पुरी महाराज ने कहा कि संत महापुरुष, भक्त और भगवान के बीच की कड़ी हैं।
इस अवसर पर बाबा अवतार सिंह अमृतसर वाले, बाबा परमजीत सिंह, बाबा कुलविंदर सिंह, संत बलजिंदर सिंह शास्त्री, संत तरलोचन सिंह, संत मंजीत सिंह, महंत मोहन सिंह, महंत तीरथ सिंह, बाबा हठयोगी, स्वामी ऋषिश्वरानंद, स्वामी रविदेव शास्त्री, स्वामी विष्णुदास, स्वामी सुदीक्षण मुनि, अशोक शर्मा, डा. संजय पालीवाल, डा. विशाल गर्ग, बृजमोहन बड़थ्वाल, मनोज गौतम, हरभजन अनेजा, इंदरजीत सिंह, सरबजीत कौर, रमणीक सिंह, अमरजीत सिंह, बलजीत सिंह, मंजीत सिंह आदि सैकड़ों श्रद्धालुगण उपस्थित थे।
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हिन्दुस्थान समाचार / डॉ.रजनीकांत शुक्ला
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