उत्तराखंड विज्ञान शिक्षा और अनुसंधान केंद्र कार्यक्रम का शुभारंभ
हरिद्वार, 14 मार्च (हि.स.)। गुरुकुल कांगड़ी विश्वविद्यालय के अभियांत्रिकी एवं प्रौद्योगिकी संकाय में डाटा एनालिटिक्स विषय पर एक सप्ताह की कार्यशाला शुरू हो गई है। यह कार्यशाला उत्तराखंड विज्ञान शिक्षा एवं अनुसंधान केंद्र, उत्तराखंड सरकार के प्रदत्त अनुदान से की जा रही है। इसको अभियांत्रिकी एवं प्रौद्योगिकी संकाय के अनुप्रयुक्त विज्ञान विभाग कर रहा है।
कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे गुरुकुल कांगड़ी सम विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. सोमदेव शतांशु ने कहा वैदिक शास्त्र ज्ञान की अवधारणा का वर्णन करते हैं, जो ज्ञान का अनुवाद करता है। डेटा एनालिटिक्स के संदर्भ में इस ज्ञान को उस अंतर्दृष्टि के रूप में समझा जा सकता है, जिसे हम डेटा के विश्लेषण से प्राप्त कर सकते हैं। वैदिक ग्रंथ हमें सिखाते हैं कि ज्ञान केवल सूचना नहीं है, बल्कि डेटा के भीतर मौजूद अंतर्निहित पैटर्न और कनेक्शन की गहरी समझ है। वैदिक युग के प्राचीन ऋषि अवलोकन और कटौती की कला में कुशल थे।
उन्होंने अपने आसपास की दुनिया का अध्ययन किया और प्रतीत होने वाली असंबद्ध घटनाओं के बीच संबंध बनाए। ज्ञान एकत्र करने का यह तरीका बहुत कुछ वैसा ही है, जैसा आज हम डेटा एनालिटिक्स में करते हैं। बड़ी मात्रा में डेटा का विश्लेषण करके, हम पैटर्न और सह संबंधों की पहचान कर सकते हैं जो अन्यथा मानव आंखों के लिए अदृश्य होंगे।
प्रो. अनिता रावत, डायरेक्टर, उत्तराखंड विज्ञान शिक्षा एवं अनुसंधान केंद्र ने कहा कि डेटा एनालिटिक्स एक महत्वपूर्ण टूल है जो हमें प्रतिदिन उत्पन्न होने वाले डेटा की विशाल मात्रा को समझने में मदद करता है। उन्नत तकनीकों का उपयोग करके, हम अंतर्दृष्टि निकाल सकते हैं जिनका उपयोग नवाचार को चलाने, दक्षता बढ़ाने और निर्णय लेने में सुधार करने के लिए किया जा सकता है।
प्रो. विवेक कुमार कुलपति, क्वांटम विश्वविद्यालय ने कहा की प्रत्येक क्षेत्र में उत्पन्न होने वाले डेटा की बढ़ती मात्रा के साथ, ऐसे विशेषज्ञों की बढ़ती आवश्यकता है जो सूचित निर्णय लेने के लिए डेटा का कुशलतापूर्वक विश्लेषण और व्याख्या कर सकें। यह वर्कशॉप डेटा एनालिटिक्स और मैथमेटिकल टूल्स में प्रतिभागियों के कौशल को बढ़ाने में मदद करेगी।
कार्यशाला के प्रथम दिन प्रो. परमेन्द्र सिंह पुंडीर, अध्यक्ष, सांख्यिकी विभाग, इलाहाबाद विश्वविद्यालय ने अपना व्याख्यान देते हुए आर सॉफ्टवेयर पर प्रतिभागियों को प्रोग्रामिंग करना सिखाया। उन्होंने आर के विभिन्न आयामों को समायोजित करते हुए शोध छात्रों को प्रेरित किया की वे आर प्रोग्रामिंग सिख कर अपने शोध कार्य को उत्तम श्रेणी तक ले जाएं।
हिन्दुस्थान समाचार/ रजनीकांत
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