जूना अखाड़े ने शुरू की प्रयागराज कुंभ की तैयारी, 23 नवम्बर को होगी धर्मध्वजा की स्थापना
हरिद्वार, 2 जुलाई (हि.स.)। श्री पंच दशनाम जूना अखाड़े ने प्रयागराज में होने वाले महाकुंभ-2025 की तैयारियां जोर-शोर से प्रारंभ कर दी है। इस संदर्भ में जूना खड़े के अंतरराष्ट्रीय संरक्षक श्रीमहंत हरि गिरि महाराज ने अखाड़े के वरिष्ठ पदाधिकारी राष्ट्रीय अध्यक्ष श्रीमहंत प्रेम गिरि महाराज, सचिव श्रीमहंत महेश पुरी, सचिव श्रीमहंत मोहन भारती, सचिव श्रीमहंत शैलेंद्र गिरी, सचिन श्रीमहंत विद्यानंद गिरी के साथ जूना पीठाधीश्वर आचार्य महामंडलेश्वर अवधेशानंद गिरि महाराज से हरिहर आश्रम स्थित आचार्य पीठ पर भेंट कर कुंभ मेले की व्यवस्थाओं को लेकर गंभीर विचार-विमर्श किया।
श्रीमहंत हरी गिरी महाराज ने जूना अखाड़े के द्वारा प्रयागराज महाकुंभ के लिए ज्योतिषीय गणना के अनुसार निकले गए शुभ मुहूर्त की जानकारी आचार्यश्री को देते हुए बताया कि महाकुंभ के तीन मुख्य शाही स्थानों प्रथम शाही स्नान 14 जनवरी, 2025 मकर संक्रांति, द्वितीय शाही स्नान 29 जनवरी, 2025 मौनी अमावस्या तथा तृतीय शाही स्नान 03 फरवरी, 2025 बसंत पंचमी को संपन्न होगा। महाकुंभ में भाग लेने, नगर प्रवेश करने, धर्म ध्वजा पूजन, नागा संन्यासी के लिए लगाए जाने वाले शिविरों के लिए भूमि आवंटन, कुंभ नगर में प्रवेश व अन्य विभिन्न कार्यक्रमों के लिए तिथियों का मुहूर्त अनुसार निर्धारण कर लिया गया है।
श्रीमहंत हरिगिरी महाराज ने बताया समस्त नागा सन्यासी, साधू संत, मठाधीश 12 अक्टूबर को पूरे भारतवर्ष से विजयदशमी के पावन पर्व पर प्रयागराज के लिए प्रस्थान करेंगे। रमता पंच, सन्यासी, मठाधीश, महामंडलेश्वर, आश्रमधारी व श्रद्धालु भक्त नगर से बाहर ग्राम रामपुर स्थित सिद्ध हनुमान मंदिर में शरद पूर्णिमा 16 अक्टूबर को पहुंच जाएंगे और वहीं निवास करेंगे। तीन नवंबर को यम द्वितीया के पर्व पर रमता पंच की अगुवाई में जूना अखाड़ा पूरे लाव लश्कर, बैंड बाजों, सोने-चांदी की पालकियों के साथ शाही जुलूस के साथ नगर प्रवेश करेगा।
इसके बाद 23 नवंबर को कुंभ मेला छावनी में काल भैरव अष्टमी के पावन पर्व पर आवंटित भूमि का पूजन कर धर्म ध्वजा स्थापित की जाएगी। फिर 14 दिसंबर को आचार्य महामंडलेश्वर अवधेशानंद गिरि महाराज के नेतृत्व में जूना अखाड़ा द्वारा पेशवाई निकाली जाएगी, जो संगम स्थित कुंभ मेला छावनी में समूह के साथ प्रवेश करेगी। 13 जनवरी, 2025 को प्रथम शाही स्नान से पूर्व आदि नारायण स्वरूप वेणी माधव भगवान की पूजा-अर्चना के पश्चात भव्य शोभा यात्रा निकाली जाएगी तथा नगर परिक्रमा की जाएगी।
14 जनवरी, 29 जनवरी तथा 03 फरवरी, 2025 के तीन प्रमुख शाही स्नान के पश्चात विधिवत कुंभ मेले का समापन कर 07 फरवरी को कड़ी पकोड़ा का कार्यक्रम आयोजित होगा और उसके पश्चात सभी नागा संन्यासी, मठाधीश महामंडलेश्वर, जूना अखाड़े के पदाधिकारी कुंभ मेले का विधिवत समापन कर काशी के लिए कूच कर जायेंगे।
इन सभी कार्यक्रमों पर आचार्य महामंडलेश्वर अवधेशानंद गिरि से विचार-विमर्श किया तथा इसे अंतिम रूप दिया गया। इसके अतिरिक्त कुंभ मेला क्षेत्र में महामंडलेश्वर नगर, मढ़ी, मठाधीशों, आचार्य महामंडलेश्वर नगर व अन्य संस्थाओं के लिए आवंटित की जाने वाली भूमि के संदर्भ में भी चर्चा की गई। बैठक में यह भी निश्चित किया गया कि जूना अखाड़े की आबादी में लगातार वृद्धि के चलते विगत कुंभ में जितनी भूमि अखाड़े को आवंटित की गई थी उससे अधिक भूमि की मांग की जाएगी।
उन्होंने कहा कि कुंभ मेला की तैयारी और व्यवस्थाओं को लेकर प्रयागराज कुंभ मेला प्रशासन से लगातार बैठकों के दौर चल रहे हैं। 18 जुलाई को मेला प्रशासन तथा सभी 13 अखाड़े की बैठक में सभी होने वाले कार्यों को अंतिम रूप दे दिया जाएगा। अक्टूबर से भूमि आवंटन का कार्य भी प्रारंभ हो जायेगा।
हिन्दुस्थान समाचार/ रजनीकांत/चंद्र प्रकाश
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