शरद पूर्णिमा के पर बड़काली माता मंदिर में किया गया कन्या पूजन
-साधक का जीवन भव सागर से पार लगती है मां बड़काली: करण भारती
हरिद्वार, 17 अक्टूबर (हि.स.)। शरद पूर्णिमा के अवसर पर गैंडीखाता स्थित श्री सिद्धपीठ बड़काली मंदिर में विशेष पूजा अर्चना की गई। साथ ही इक्यावन कन्याओं का पूजन कर विश्व कल्याण की कामना की गई।
बड़काली माता मंदिर के व्यवस्थापक दिगंबर करण भारती महाराज ने श्रद्धालु भक्तों को संबोधित करते हुए कहा कि माँ बड़काली श्रद्धालु भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूर्ण कर उन्हें मनोवांछित वर प्रदान करती हैं। माता का यह स्वरूप आसुरी शक्तियों से व्यक्ति की रक्षा कर उसका जीवन भवसागर से पार लगाता है। वीरता और साहस का प्रतीक मां काली सूक्ष्म आराधना से प्रसन्न होकर सुख, शांति, शक्ति और विद्या प्रदान करती है।
उन्होंने कहा कि जब जब पृथ्वी पर अत्याचार बढ़ता है। माता किसी न किसी रूप में शक्ति का अवतार लेकर मानवता की रक्षा के लिए अवतरित होती हैं। अपनी शरण में आने वाले प्रत्येक व्यक्ति का मां अवश्य ही कल्याण करती है।
साध्वी प्रज्ञा भारती एवं देवी भारती ने कहा कि मां की शक्ति जगत में अपरंपार है। जगत जननी मां जगदंबा संपूर्ण जगत को ऊर्जा प्रदान करने वाली है। मां की कृपा जिस साधक पर हो जाए उसका जीवन स्वयं ही सफल हो जाता है।
इस अवसर पर प्रज्ञा भारती, देवी भारती, किशन गिरी, जीवन, दिवेश, शुभम सहित बड़ी संख्या में श्रद्धालु भक्त उपस्थित रहे।
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हिन्दुस्थान समाचार / डॉ.रजनीकांत शुक्ला
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