गैंगस्टर के 14 मुकदमे दर्ज, 47 पर गुंडा एक्ट के तहत की कार्रवाई

गैंगस्टर के 14 मुकदमे दर्ज, 47 पर गुंडा एक्ट के तहत की कार्रवाई
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गैंगस्टर के 14 मुकदमे दर्ज, 47 पर गुंडा एक्ट के तहत की कार्रवाई


हरिद्वार, 01 जनवरी (हि.स.)। नववर्ष में जहां पूरा देश एक दूसरे को बधाइयां देने में व्यस्त है तो वहीं कुछ दिन पहले से कुख्यात अपराधियों पर नकेल कसने को एसएसपी ने कार्रवाई की है।

जनपद में सक्रिय विभिन्न गैंग के चिह्नीकरण एवं उनके विरुद्ध कार्यवाही के संबंध में एसएसपी प्रमेन्द्र डोबाल द्वारा दिए गए दिशा-निर्देश के क्रम में कोतवाली नगर हरिद्वार में गैंग लीडर दीपक उर्फ गंजा (लूट, डकैती), कोतवाली ज्वालापुर में गैंग लीडर राव जकीउल्लाह (वाहन चोर), कोतवाली रानीपुर से गैंग लीडर विशाल उर्फ फुकरा (चोरी, नकबजनी), कोतवाली रुड़की से गैंग लीडर शहजाद (नकबजनी), कोतवाली गंगनहर से गैंग लीडर अमन (वाहन चोर), कोतवाली लक्सर से गैंग लीडर शाह आलम उर्फ भूरा (नशा तस्करी, चोरी), कोतवाली मंगलौर से गैंग लीडर विनीत (लूट), थाना भगवानपुर से गैंग लीडर अभिषेक (वाहन चोरी), थाना श्यामपुर से गैंग लीडर हुकुम सिंह (चोरी), थाना बहादराबाद से गैंग लीडर कुर्बान (लूट, चोरी), थाना कनखल से गैंग लीडर कुशवाह (अवैध कब्जा), थाना सिड़कुल से गैंग लीडर विशाल (चोरी), थाना झबरेड़ा से गैंग लीडर विशाल (वाहन चोरी) तथा थाना बुग्गावाला से गैंग लीडर जाविद (पशु चोरी) आदि के संचालित गैगों पर गैंगस्टर एक्ट के तहत कार्रवाई की गई। इस कार्रवाई के दायरे में कुल 14 गैंगों के 47 अभियुक्त आए हैं।

गुंडा एक्ट के तहत पूरे जनपद से कुल 47 अभियुक्तों के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है। इस कार्यवाही में कोतवाली नगर हरिद्वार से 05 शराब तस्करों, कोतवाली ज्वालापुर से 02 शराब माफिया, सटोरियों, कोतवाली रानीपुर से 02 शराब तस्कर, कोतवाली रुड़की से 03 चोर, शराब तस्कर, कोतवाली लक्सर से 05 नशा तस्कर, कोतवाली मंगलौर से 02 शराब तस्कर, थाना कनखल से 03 शराब तस्कर, थाना सिड़कुल से 02 वाहन चोर, थाना बहादराबाद से 05 वाहन चोर, थाना कलियर से 04 पशु तस्कर, थाना पथरी से 04 शराब तस्कर, थाना खानपुर से 02 शराब तस्कर, थाना झबरेड़ा से मारपीट के आदतन 02, थाना भगवानपुर से 05 शराब तस्कर, वाहन चोर व थाना बुग्गावाला से 01 चोर सम्मिलित हैं।

कौन होता है गैंगस्टर?

जो संगठित होकर अपराध को अंजाम देते हैं। अपराध करने का इनका मुख्य मकसद समाज में दहशत फैलाते हुए अपनी आजीविका चलाना है। ऐसे में इस गिरोह के प्रत्येक व्यक्ति को गैंगस्टर कहा जाता है। पुलिस द्वारा तैयार गैंगचार्ट के हिसाब से ही जिले के डीएम और एसएसपी आरोपी को गैंगस्टर घोषित करते हैं।

कितना घातक होता है अपराधियों के लिए गैंगस्टर एक्ट-

इस एक्ट में दोषी अपराधी को न्यूनतम दो साल और अधिकतम दस साल सजा दिए जाने का प्रावधान है। गैंग बनाकर अर्जित की गई चल एवं अचल संपत्तियों को कुर्क करने का अधिकार जिलाधिकारी को दिया गया है।

हिन्दुस्थान समाचार/ रजनीकांत/रामानुज

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