स्वर्णिम अमृत संदेश यात्रा से लोगों में पर्यावरण के प्रति जीवन शैली में बदलाव को मिलेगी प्रेरणा : मुख्यमंत्री
-मुख्यमंत्री ने स्वर्णिम अमृत संदेश यात्रा का किया शुभारम्भ
देहरादून, 11 दिसम्बर (हि.स.)। मुख्यमंत्री ने स्वर्णिम अमृत संदेश यात्रा से लोगों में पर्यावरण के प्रति जीवन शैली में बदलाव लाने की प्रेरणा मिलेगी। इस दौरान उन्होंने कहा कि किसी आयोजन को यादगार बनाने में पेड़ों की बड़ी भूमिका होती है। पेड़ जहां जीवन के आधार है वहीं हमारी संस्कृति और स्मृति के भी प्रतीक हैं।
बुधवार को मुख्यमंत्री आवास स्थित कैम्प कार्यालय में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने हेमवती नन्दन बहुगुणा गढ़वाल केन्द्रीय विश्वविद्यालय श्रीनगर गढ़वाल और कुमाऊं विश्वविद्यालय नैनीताल के स्थापना के स्वर्ण जयंती वर्ष पर आयोजित ‘स्वर्णिम अमृत संदेश रथ यात्रा’ का शुभारम्भ स्मृति पौध भेंट कर किया।
इस मौके पर मुख्यमंत्री ने यूकॉस्ट की ओर से आयोजित ‘अभिनन्दन एवं पौध भेंट समारोह’ में विश्वविद्यालयों को शुभकामना दी। उन्होंने कहा कि दोनों विश्वविद्यालय अपने स्वर्ण जयंती वर्ष को इको फ्रेंडली रूप से मना रहे हैं और दूसरे को पचास-पचास पेड़ भेंट कर एक विश्वविद्यालय के सदस्य दूसरे विश्वविद्यालय में पहुंचकर पचास पौधों का रोपण करेंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि विश्वविद्यालय में अध्ययनरत हमारे युवा बौद्धिक रूप से जागृत और समझदार होते हैं। जन-जन तक संदेश पहुंचाने में इनकी महत्वपूर्ण भूमिका होती है। जलवायु परिवर्तन से उपजी समस्याओं के प्रति प्रधानमंत्री मोदी ने पूरे विश्व की जीवन शैली में परिवर्तन लाने का आह्वान किया है। उन्होंने कहा कि इस संदेश यात्रा से लोगों में पर्यावरण के प्रति जीवन शैली में बदलाव लाने की प्रेरणा भी मिलेगी। यह यात्रा लोगों में अपनी संस्कृति, स्वच्छ परम्परा, खान पान, बोली-भाषा के प्रति भी जागरूकता पैदा करेगी।
यूकॉस्ट के महानिदेशक प्रो. दुर्गेश पन्त ने कहा कि इस आयोजन के तहत मुख्यमंत्री का संदेश दोनों विश्वविद्यालय के छात्र-छात्राओं तक पहुंचेगा। इस यात्रा को बहुआयामी तथा उद्देश्यपरक बनाने के लिए यूकॉस्ट द्वारा दोनों विश्वविद्यालयों में विचार गोष्ठी का भी आयोजन किया जा रहा है। लाइफ स्टाइल फॉर इन्वायरमेंट तथा जलवायु परिवर्तन पर विशेषज्ञों के व्याख्यान भी कराए जायेंगे।
उन्होंने कहा कि श्रीनगर गढ़वाल से जो दल नैनीताल रवाना होगा वह अपने साथ गंगा जल भी ले जायेगा जिसे नैनीताल में मां नैना देवी के दर्शन के बाद नैनीझील में प्रवाहित किया जायेगा। दोनों विश्वविद्यालय अपने कुछ महत्वपूर्ण प्रकाशन की पुस्तकें भी एक दूसरे को भेंट करेंगें।
’स्वर्णिम अमृत संदेश रथ यात्रा’ को आकार देने वाले मैती संस्था के संस्थापक पद्म श्री डॉ. कल्याण सिंह रावत ने कहा कि बदलते जलवायु के संकेतों से अब हमें, जागरूक होने की जरूरत है। यदि अभी भी हम नहीं जागे तो बहुत देर हो जायेगी। हमें अपने आवश्यकताओं को न्यून करके जीवन शैली में बदलाव लाना होगा।
उन्होंने कहा कि 1998 में दोनों विश्वविद्यालयों के बीच में 25-25 पेड़ सिल्वर जुबली पर मैती संस्था ने ऐसी ही रथ यात्राएं आयोजित की थी। प्रस्तावित कार्यक्रम के तहत 18 दिसम्बर को हे.न.ग. विश्वविद्यालय से 50 पेड़ लेकर संदेश यात्रा दल नैनीताल प्रस्थान करेगा। 19 दिसम्बर को नैनीताल में पौधरोपण व विचार गोष्ठी आयोजित होगी। 20 दिसम्बर को नैनीताल से 50 पेड़ श्रीनगर गढ़वाल पहुंचेंगे।
कार्यक्रम में गढ़वाल एवं कुमाऊं विश्वविद्यालय तथा सहयोगी संस्थानों के प्रतिनिधि उपस्थित थे।
हिन्दुस्थान समाचार/राजेश/रामानुज
हमारे टेलीग्राम ग्रुप को ज्वाइन करने के लिये यहां क्लिक करें, साथ ही लेटेस्ट हिन्दी खबर और वाराणसी से जुड़ी जानकारी के लिये हमारा ऐप डाउनलोड करने के लिये यहां क्लिक करें।