गौ माता को फूल मालाओं से सजाया ,पकवानों का लगाया भोग
ऋषिकेश, 11 नवम्बर (हि .स. )।नगर सहित ग्रामीण क्षेत्रों में छोटी दिवाली पर्व को गढ़वाल के प्रमुख त्योहार बग्वाल के रूप में मनाया गया।
शनिवार को नगर के साथ ही उससे सटे तमाम ग्रामीण क्षेत्रों में सुबह से ही पर्व की तैयारियां शुरू कर दी थी। जिसके चलते लोगों ने घरों में अपनी गायों को नहलाकर उनकी पूजा अर्चना कर उन्हें मंडुवे और चावल से बने पकवानों (बाड़ी) का भोग लगाया साथी गाय माता के सींग में सरसों का तेल लगाकर फूल मालाओं से सजाया। अंतरराष्ट्रीय गढ़वाल महासभा के संस्थापक डॉ राजे नेगी ने बताया कि पहाड़ में छोटी दिवाली को बग्वाल पर्व और दिवाली की ठीक 11 दिन बाद इगास बग्वाल पर्व के रूप में मनाया जाता है।
डॉ. नेगी ने बताया कि इस दिन रक्षाबंधन पर हाथ पर बंधे रक्षासूत्र को गाय के बछड़े की पूंछ पर बांधकर मन्नत पूरी होने के लिए आशीर्वाद भी मांगा जाता है। पहाड़ में बग्वाल और गोवर्धन पूजा दोनों ही दिन गाय माता की पूजा और उनको पूरी- पकौड़े वाले चावल और मंडुवे से बने पकवानों का भोग लगाया जाता है। डा. नेगी ने सभी लोगो से इको फ्रेंडली दिवाली मनाए जाने की अपील करते हुवे कहा कि बहुत बड़े साइज के पटाखों के कारण वातावरण में ध्वनि एवं वायु प्रदूषण को बढ़ावा मिलता है। साथ ही यह दुर्घटनाओं का कारण भी बन जाता है।उन्होंने एक दिया सीमा पर तैनात जवानों के नाम जलाए जाने की भी अपील की।
हिन्दुस्थान समाचार /विक्रम
/रामानुज
हमारे टेलीग्राम ग्रुप को ज्वाइन करने के लिये यहां क्लिक करें, साथ ही लेटेस्ट हिन्दी खबर और वाराणसी से जुड़ी जानकारी के लिये हमारा ऐप डाउनलोड करने के लिये यहां क्लिक करें।