चारधाम यात्रा सुरक्षित बनाने पर सरकार का विशेष फोकस : गढ़वाल कमिश्नर
देहरादून, 24 मई (हि.स.)। चारधाम यात्रा व्यवस्थाओं को सुरक्षित और बेहतर बनाने के लिए लगातार प्रयास किय जा रहे हैं। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी नियमित चारधाम यात्रा व्यवस्थाओं की समीक्षा कर सुरक्षित यात्रा पर विशेष फोकस करते हुए आवश्यक निर्देश दे रहे हैं। चारधाम यात्रा में क्राउड मैनेजमेंट के लिए आवश्यकता पड़ने पर ही एनडीआरएफ और आईटीबीपी की मदद ली जायेगी।
शुक्रवार को सचिवालय स्थित मीडिया सेंटर में गढ़वाल कमिश्नर विनय शंकर पाण्डेय ने यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी चारधाम यात्रा की नियमित समीक्षा कर रहे हैं। उन्होंने निर्देश दिये हैं कि सबसे अधिक ध्यान सुरक्षित यात्रा पर दिया जाए। यात्रियों को यदि किन्हीं स्थानों पर ठहराया जा रहा है, तो वहां पर उन्हें सभी आधारभूत सुविधाएं उपलब्ध कराई जाए।
गढ़वाल कमिश्नर ने बताया कि मुख्यमंत्री के निर्देश पर श्रद्धालुओं की हर सुविधा को ध्यान में रखते हुए कार्य किये जा रहे हैं। चारधाम यात्रा के लिए एक सप्ताह से रूके लोगों को यात्रा पर भेजा जा रहा है। अभी चारों धामों में यात्रा सुचारू रूप से चल रही है। यात्रा व्यवस्थाओं को बेहतर करने के लिए लगातार प्रयास किये जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड की आर्थिकी बढ़ाने में चारधाम यात्रा, तीर्थाटन और पर्यटन का महत्वपूर्ण योगदान है।
उन्होंने कहा कि चारधाम यात्रा में क्राउड मैनेजमेंट के लिए आवश्यकता पड़ने पर ही एनडीआरएफ और आईटीबीपी की मदद ली जायेगी। चारधाम यात्रा के शुरुआत के दिनों में श्रद्धालुओं की संख्या में तेजी से वृद्धि हुई, ट्रैफिक जाम की समस्याएं भी आयी। कुछ प्रकरण ऐसे भी पाये गये, जिनमें तीर्थयात्रियों के दर्शन के लिए रजिस्ट्रेशन बाद के थे, लेकिन उन्होंने यात्रा पहले प्रारंभ कर ली। कुछ फेक रजिस्ट्रेशन की शिकायते भी प्राप्त हुईं। इसको लेकर विभिन्न टूर ऑपरेटर्स के खिलाफ ऋषिकेश में तीन, हरिद्वार में 01 और रूद्रप्रयाग में 09 एफआईआर भी दर्ज की गई है। बिना पंजीकरण और रजिस्ट्रेशन की तय तिथि से पहले यात्रा किसी भी दशा में नहीं करने दी जायेगी।
उन्होंने कहा कि चिकित्सकों की ओर से चिकित्सा उपचार और देखभाल के बाद कई श्रद्धालुओं को यात्रा न करने की सलाह दी जा रही है। उसके बाद भी कोई श्रद्धालु यात्रा पर जा रहा है, तो उनसे लिखित में फार्म भरवाया जा रहा है।
गढ़वाल कमिश्नर ने कहा कि 10 मई को केदारनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री और 12 मई को बदरीनाथ के कपाट श्रद्धालुओं के लिए खोले गये। उसके बाद से 23 मई तक चारों धामों में कुल 09 लाख 67 हजार 302 श्रद्धालु दर्शन कर चुके हैं। यमुनोत्री धाम में 01 लाख 79 हजार 932, गंगोत्री धाम में 01 लाख 66 हजार 191, केदारनाथ में 04 लाख 24 हजार 242 और बदरीनाथ धाम में 01 लाख 96 हजार 937 श्रद्धालुओं ने दर्शन किये हैं। पिछले वर्षों की तुलना में पहले पखवाड़े में इस वर्ष लगभग दोगुना श्रद्धालुओं ने दर्शन किये हैं।
उन्होंने बताया कि अभी तक चारधाम यात्रा के लिए आये 52 श्रद्धालुओं की मृत्यु हुई है। जिसमें अधिकांश लोग 60 वर्ष से अधिक के हैं। ज्यादातर मृत्यु हृदयघात की वजह से हुई हैं। गंगोत्री में 03, यमुनोत्री में 12, बदरीनाथ में 14 और केदारनाथ में 23 श्रद्धालुओं की मृत्यु हुई है।
साफ-सफाई की व्यवस्था के लिए दो विशेष अधिकारियों की तैनाती
गढ़वाल कमिश्नर ने कहा कि मुख्यमंत्री ने निर्देश दिये है कि चारों धामों में साफ-सफाई की व्यवस्था उच्च कोटि की हो। इसके लिए दो विशेष अधिकारियों की तैनाती की गई है। ठहराव वाले स्थानों पर स्पेशल सेक्टर मजिस्ट्रेट की तैनाती करने के निर्देश दिये गये हैं। सेक्टर मजिस्ट्रेट सफाई व्यवस्था की हर दो घण्टे में रिपोर्ट भेजेंगे।
पायलट की सूझबूझ से टला हादसा
उन्होंने बताया कि केदारनाथ जाते समय एक हेलीकॉप्टर के हाइड्रोलिक सिस्टम में कोई टेक्निकल समस्या आयी थी। पायलट की सूझबूझ से सॉफ्ट लैंडिंग हुई। हेलीकॉप्टर में तमिलनाडु के 06 यात्री थे, सभी सुरक्षित हैं। इस पूरे प्रकरण पर युकाडा की ओर से अग्रिम कार्रवाई की जा रही है। युकाडा ने इस पूरे घटनाक्रम की रिपोर्ट डीजीसीए को कर दी है।
हिन्दुस्थान समाचार/राजेश/वीरेन्द्र
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