मुख्यमंत्री धामी बोले- बड़ी चुनौती के रूप में उभरी है वनाग्नि, ऊपर से नीचे तक तय हो जिम्मेदारी
- वनाग्नि, चारधाम यात्रा, पेयजल व विद्युत आपूर्ति को लेकर चर्चा, सुविधाओं पर जोर
- नई दिल्ली स्थित उत्तराखंड सदन से वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए बैठक कर दिए निर्देश
देहरादून, 04 मई (हि.स.)। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शनिवार को नई दिल्ली स्थित उत्तराखंड सदन से प्रदेश में वनाग्नि, पेयजल समस्या, आगामी चारधाम यात्रा, विद्युत आपूर्ति आदि महत्वपूर्ण विषयों पर राज्य शासन के आलाधिकारियों और सभी जिलाधिकारियों के साथ वीडियो कांफ्रेंसिंग से बैठक कर आवश्यक दिशा-निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री धामी ने प्रदेश में वनाग्नि को लेकर कहा कि हमारे सामने वनाग्नि बड़ी चुनौती के रूप में उभरी है। उन्होंने मुख्य सचिव राधा रतूड़ी को निर्देशित किया कि इस मामले में ऊपर से नीचे तक अधिकारियों की जिम्मेदारी तय की जाए। मुख्यालय स्तर पर तैनात सभी अधिकारियों को प्रभागों की जिम्मेदारी बांटी जाए और इन सभी से नियमित रिपोर्ट ली जाए। वनाग्नि रोकने में जिलाधिकारी भी वन विभाग का पूर्ण सहयोग करें।
मुख्यमंत्री ने कहा कि जो फायर वॉचर्स फील्ड में कार्यरत हैं, उनकी भी सुरक्षा के उपाय किए जाएं। इसके लिए उनके के लिए बीमा आदि विकल्पों पर विचार किया जाए। साथ ही यह सुनिश्चित किया जाए कि डीएफओ और उनसे उच्च स्तर के अधिकारी मौके पर जरूर जाएं। कार्यालय में बैठकर आग पर काबू नहीं पाया जा सकता। इसके लिए जो भी कड़ी कार्रवाई की जानी है, वह की जाए। जिलाधिकारियों को भी निर्देश दिए कि वे परिस्थितियों के हिसाब से निर्णय लें।
मुख्य सचिव रतूड़ी ने मुख्यमंत्री को आश्वस्त किया कि वनाग्नि के मामले में एक सप्ताह में सकारात्मक परिणाम नजर आएंगे। नवनियुक्त हॉफ ने मुख्यमंत्री को अवगत कराया कि अब तक वनाग्नि के प्रकरणों में कुल 350 केस दर्ज किए जा चुके हैं, जिनमें 60 नामजद मुकदमे दर्ज किए गए हैं। जहां कहीं से भी घटना की सूचना मिल रही है वहां तत्काल टीम भेजकर एक से छह घंटों में आग पर काबू पा लिया जा रहा है।
मुख्य सचिव ने मुख्यमंत्री को यह भी अवगत कराया कि पिरूल को लेकर एनटीपीसी के साथ राज्य सरकार का करार हो चुका है। एनटीपीसी ने राज्य से पिरूल लेना शुरू भी कर दिया है। ऐसे में आगामी समय में यह भी आग लगने से बचाव में कारगर साबित होगा।
चारधाम यात्रा चुनौती है और परीक्षा भी, सेवा-भाव रखें सुरक्षाकर्मी-
मुख्यमंत्री धामी ने चारधाम यात्रा तैयारियों की समीक्षा करते हुए कहा कि चारधाम यात्रा हमारे लिए चुनौती है और परीक्षा की घड़ी भी। उन्होंने डीजीपी को निर्देशित किया कि मंदिर परिसरों में तैनात सुरक्षाकर्मी श्रद्धालुओं के साथ अच्छा व्यवहार करें और उनकी मदद के लिए तत्काल आगे आएं। जो भी श्रद्धालु यहां से जाए वह अपने साथ एक अच्छा संदेश लेकर जाए। उन्होंने कहा कि यात्रा के शुरुआती 15 दिन चुनौतीपूर्ण हैं। इसके लिए आवश्यक निर्देश पहले ही जारी किए जा चुके हैं। इन 15 दिनों में वीआईपी का मूवमेंट कम से कम हो।
उन्होंने कहा कि चारधाम की हर सूचना का ज्यादा से ज्यादा प्रचार-प्रसार किया जाए, ताकि यात्रियों को परेशानियों का सामना न करना पड़े। उन्होंने जिलाधिकारियों से कहा कि यात्रा मार्गों पर सफाई व्यवस्था का विशेष ध्यान रखा जाए। मुख्यमंत्री ने स्वास्थ्य सेवाओं के लिहाज से पर्याप्त संख्या में डॉक्टरों व पैरामेडिकल स्टाफ की रोटेशन में तैनाती के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि सबसे ज्यादा शिकायतें हेली सेवा को लेकर आती है, इस पर अधिक सख्ती करने की जरूरत है।
डीआईजी लॉ एंड आर्डर को ट्रैफिक प्रबंधन की जिम्मेदारी, एसपी देहात नोडल अधिकारी-
डीजीपी अभिनव कुमार ने बताया कि डीआईजी लॉ एंड आर्डर को ट्रैफिक प्रबंधन के लिहाज से भी जिम्मेदारी दी गई है। लक्ष्मण झूला, मुनि की रेती, शिवपुरी वाले मार्ग पर लगने वाले जाम के मद्देनजर देहरादून के एसपी देहात को नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया है। एडिशनल एसपी कोटद्वार व सीओ नरेंद्र नगर उनका सहयोग करेंगे।
प्रदेश के 317 गांव और 148 मोहल्ले चिन्हित, जहां पहुंचाए जाएगा पीने का पानी-
बैठक में पेयजल सचिव अरविंद सिंह ह्यांकी ने बताया कि राज्य में कुल 317 गांव व शहरी क्षेत्रों में 148 मोहल्ले चिन्हित किए गए हैं, जहां पेयजल की समस्या है। इन क्षेत्रों में तमाम विकल्पों के जरिए पेयजल पहुंचाने के प्रयास किए जा रहे हैं। साथ ही एक अप्रैल से 30 जून तक समस्त जिलों में कमर्शियल कंस्ट्रक्शन के लिए कनेक्शन देने पर रोक लगाने के साथ समस्त डीएम को निर्देशित किया है कि वे वर्कशॉप्स में वाहनों का ड्राई वाश कराएं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि जल संरक्षण भी चुनौती है। समस्त सरकारी भवनों में रेन वॉटर हार्वेस्टिंग व सौर ऊर्जा के इंतजाम किए जाएं। पेयजल के लिहाज से चुनौती आना शेष है, इसलिए अभी से तैयारियों को पुख्ता बनाएं। अपर मुख्य सचिव आनंद वर्धन ने बताया कि एक से सात जून तक भारत सरकार जल संरक्षण अभियान शुरू करने जा रही है। राज्य स्तर पर इसकी तैयारियां गतिमान है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि 10 मई को चारधाम यात्रा प्रारंभ होने से पहले समस्त सड़कें चकाचक हो जानी चाहिए। लोक निर्माण विभाग सचिव पंकज पांडेय ने बताया कि अपर सचिव व अन्य अधिकारी नियमित रूप से फील्ड विजिट कर रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आने वाले दिनों में और भी ज्यादा विद्युत की आवश्यकता होगी। इसके लिए लघु और दीर्घकालिक दोनों योजनाओं पर काम करें। ऊर्जा सचिव मीनाक्षी सुंदरम ने बताया कि चारधाम में 24×7 बिजली आपूर्ति सुनिश्चित की जाएगी। इसके लिए दो अधिकारियों की ड्यूटी लगाई गई है। उन्होंने बताया कि श्रीकेदारनाथ और श्रीबद्रीनाथ धाम में 23 केवी के सब स्टेशन का निर्माण प्रगति पर है।
हिन्दुस्थान समाचार/कमलेश्वर शरण/रामानुज
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