कर चोरी रोकने के लिए उठाए कड़े कदम: मुख्यमंत्री

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कर चोरी रोकने के लिए उठाए कड़े कदम: मुख्यमंत्री


-कर राजस्व में इस वर्ष 16.96 प्रतिशत वृद्धि का रखा गया है लक्ष्य

-नीतियों के सफल क्रियान्वयन के लिए होलिस्टिक एप्रोच के साथ कार्य करें

देहरादून, 16 अक्टूबर (हि.स.)। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बुधवार को बैठक में राजस्व बढ़ोतरी प्रक्रिया में और सुधार करने के साथ ही कर चोरी रोकने के लिए नियमित कड़े कदम उठाने के निर्देश दिए हैं। मुख्यमंत्री ने नवाचार और नए तरीके साथ विभागीय सचिवों की ओर से विशेष ध्यान देने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि यह सुनिश्चित किया जाए कि विकास और जनहित से जुड़े विभिन्न कार्यों का आमजन को पूरा लाभ मिले।

मुख्यमंत्री धामी ने बुधवार को सचिवालय में वित्तीय मितव्ययता के संबंध में एक बैठक के दौरान अधिकारियों को उक्त निर्देश दिए। इस दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि सुदृढ़ वित्तीय प्रबन्धन राज्य सरकार का मूल मंत्र है। कार्यों में मितव्ययता के साथ गुणवत्ता का भी विशेष ध्यान रखा जाए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि हमें स्वयं के राजस्व संसाधनों में वृद्धि के लिए और तेजी से प्रयास करने हैं। खनन क्षेत्र में राजस्व वृद्धि के लिए किए गए प्रयासों की सराहना की। इस वर्ष खान क्षेत्र में प्रथम छमाही में गत वर्ष की तुलना में 70 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। जो कुल वार्षिक लक्ष्य का 52 प्रतिशत प्राप्त हो गया है। एस.जी.एस.टी., परिवहन, आबकारी, वानिकी, ऊर्जा जैसे क्षेत्रों में राजस्व वृद्धि के लिए और प्रयासों पर मुख्यमंत्री ने बल दिया।

उन्होंने कहा कि मितव्ययता के बहुत से आयाम हैं। सुदृढ़ कानून व्यवस्था से जहां एक ओर निवेश बढ़ता है, आर्थिक गतिविधियां भी बढती हैं। राज्य के कर एवं करेत्तर आय में वृद्धि होती है। इसी प्रकार पालिसी इन्टरवेंशन से भी राज्य की आय में वृद्धि हो सकती है और मितव्ययता सुनिश्चित की जा सकती हैं।

मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिये कि यह सुनिश्चित किया जाए कि राज्य सरकार की ओर से बनाई गई नई नीतियों और जिन नीतियों में संशोधन किया गया है उनका असर राज्य की अर्थव्यवस्था पर स्पष्ट रूप से दिखे। नीतियों के सफल क्रियान्वयन के लिए होलिस्टिक एप्रोच के साथ कार्य किये जाएं। उन्होंने कहा कि मितव्ययता से आशय यह नहीं है कि हम कल्याणकारी राज्य की अवधारणा से समझौता करें। हमारी रणनीति होगी कि हम लोक कल्याण के कार्यों को और बेहतर ढंग से कर सकें।

उन्होंने कहा कि महत्वाकांक्षी परियोजनाओं और लोक कल्याणकारी कार्यों को करने के लिए आवश्यक है कि हम राज्य के संसाधनों में वृद्धि करें, बड़ी परियोजनाओं का सही ढ़ंग से लागत और लाभ का विश्लेषण करें। मितव्ययता के लिए उत्पादकता में सुधार, अनावश्यक व्यय में कटौती, और संसाधनों का सही उपयोग करना है।

मुख्यमंत्री के नेतृत्व में राज्य सरकार के प्रयासों के परिणामस्वरूप पिछले 20 माह में राज्य की जी.एस.डी.पी., में 1.3 गुना वृद्धि हुयी है। दो सालों में राज्य के प्रति व्यक्ति आय में 26 प्रतिशत वृद्धि हुयी है। 2021-22 में प्रति व्यक्ति आय 2 लाख 5 हजार रूपये थी। 2023-24 में यह बढ़कर 2 लाख 60 हजार रूपये हो गयी है। वर्ष 2023-24 में राज्य ने 34 प्रतिशत की वृद्धि पूंजीगत कार्यों में की है। पहली बार 10 हजार करोड़ से अधिक के पूंजीगत कार्य प्रदेश में हुये। वर्ष 2023-24 में राज्य के कर राजस्व में 12.52 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। इस वर्ष 16.96 प्रतिशत वृद्धि का लक्ष्य रखा गया है। बैठक में राज्य राजस्व संसाधनों में वृद्धि के लिये किये जा रहे प्रयासों, प्रतिबद्ध और गैर प्रतिबद्ध व्यय की प्रवृत्ति, महत्वपूर्ण योजनाओं के लिए पर्याप्त संसाधनों की उपलब्धता,राजकोषीय संसाधनों का बेहतर तरीके से उपयोग आदि विषयों पर चर्चा की गई।

बैठक में डीपीआर बनाने से लेकर परियोजना पूरा करने तक पूंजीगत परियोजनाओें के कार्य की ई-मानीटरिंग, ई-गवर्नेंस का उपयोग और राजस्व स्रोतों की डिजिटल निगरानी, रिकार्ड, दस्तावेज और सेवाएं देने के लिए पेपरलेस विधि का उपयोग, ई-वाहन को बढ़ावा देने पर भी चर्चा की गई। मुख्यमंत्री ने जिन योजनाओं में केन्द्रांश और राज्यांश क्रमशः 90 और 10 के अनुपात में हो उनको अधिक प्राथमिकता दी जाए। नाबार्ड की ओर से वित्त पोषित सार्वजनिक कार्यों में तेजी लाने के निर्देश दिए।

बैठक में नवाचार और टेक्नोलॉजी के उपयोग,पब्लिक ऐसेट मैनेजमेंट और मोनेटाइजेशन, सार्वजनिक अधिप्राप्ति में बचत एवं मितव्ययिता,पीएसयू में सुधार,योजनाओं के पुनरुद्धार, अनावश्यक व्यय की पहचान कर उसका निराकरण करने पर भी विचार विमर्श किया गया। बैठक में वित्त मंत्री प्रेमचन्द अग्रवाल,मुख्य सचिव राधा रतूड़ी,अपर मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन, प्रमुख सचिव न्याय प्रदीप पंत,प्रमुख सचिव आर.के.सुधांशु,एल फैनई,विशेष प्रमुख सचिव अमित सिन्हा,सचिव डॉ.आर.मीनाक्षी सुदंरम,शैलेश बगोली,राधिका झा,नितेश झा,दिलीप जावलकर,सचिन कुर्वे,रंजीत सिन्हा,डॉ.पंकज कुमार पाण्डेय,बृजेश कुमार संत,एच.सी. सेमवाल,विनोद कुमार सुमन,डॉ.नीरज खैरवाल,डॉ.आर.राजेश कुमार,अपर सचिव मनमोहन मैनाली एवं विभिन्न विभागों के विभागाध्यक्ष उपस्थित थे।

हिन्दुस्थान समाचार / राजेश कुमार

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