तमिल मेहमानों का पांचवा दल काशी पहुंचा, अभिवादन
— दल में शामिल हैं किसान और कारीगर, बाबा विश्वनाथ के दर पर टेका मत्था
वाराणसी, 25 दिसम्बर (हि.स.)। काशी तमिल संगमम-2 में शामिल होने के लिए तमिल श्रद्धालुओं का पांचवां दल 'नर्मदा' सोमवार को काशी पहुंचा। बनारस स्टेशन पर उतरते ही दक्षिण भारतीय मेहमानों का ‘वणक्कम काशी’ कहकर अभिवादन किया गया। ढोल-नगाड़े की थाप के बीच स्वस्ति वाचन और फूलों की वर्षा से मेहमानों का स्वागत किया गया। इस समूह में किसान और कारीगर शामिल हैं।
शहर में आने के बाद होटल में कुछ देर विश्राम के बाद दल ने बाबा विश्वनाथ के दरबार में हाजिरी लगाई। मंदिर में लगभग ढाई सौ श्रद्धालुओं के पहुंचने पर पुष्प वर्षा और मंत्रोच्चार के बीच उनका भव्य स्वागत किया गया। सभी श्रद्धालुओं ने बाबा को जल अर्पण किया और शंकराचार्य चौक परिसर में इकट्ठा हो गए। इसके बाद श्रद्धालुओं ने लोक नृत्य और गीतों के माध्यम से बाबा की स्तुति की। मंदिर में पुजारियों ने उन्हें मंदिर के इतिहास एवं सुख सुविधाओं के बारे में विस्तार से जानकारी दी। इस दौरान श्रद्धालुओं ने मां गंगा के तट पर जाकर मां गंगा को प्रणाम कर मंगल कामना की। इसके पश्चात सभी श्रद्धालु माता विशालाक्षी और मां अन्नपूर्णा से आशीर्वाद लेने के लिए उनके दरबार पहुंचे और मत्था टेक कर आशीर्वाद प्राप्त किया। सभी श्रद्धालुओं ने अन्नपूर्णा भवन में जाकर दक्षिण भारतीय व्यंजनों का प्रसाद ग्रहण किया। किसानों और कारीगरों (नर्मदा) समूह के लोग मंदिर की भव्यता देख काफी प्रसन्न दिखे। मेहमानों ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पहल से हम सभी काशी अयोध्या और प्रयागराज को बड़े करीब से देख पाएंगे। वहां के मंदिरों के दर्शन करेंगे ।
—मेहमानों के लिए विशेष तैयारी
काशी पहुंचे मेहमानों के लिए विशेष तैयारी की गई है। इस यात्रा में मेहमानों को तमिलनाडु और उत्तर प्रदेश दोनों की कला संस्कृति की झलक दिखाई देगी। इसके अलावा सारनाथ, हनुमान घाट, गंगा आरती सहित अन्य स्थानों का भ्रमण करते हुए प्रयागराज और फिर अयोध्या का भी भ्रमण करेंगे।
हिन्दुस्थान समाचार/श्रीधर/विद्याकांत
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