बाह्य सहायतित परियोजनाओं के क्रियान्वयन में लाएं तेजी: मुख्यमंत्री
देहरादून, 9 फरवरी (हि.स.)। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने विभागीय अधिकारियों से राज्य में संचालित बाह्य सहायतित परियोजनाओं के क्रियान्वयन में तेजी लाने के निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार के लिए जो भी प्रस्ताव बनाये जा रहे हैं, उनका गहनता से अध्ययन और परीक्षण के साथ परियोजना के सभी पहलुओं को ध्यान में रखा जाय।
शुक्रवार को सचिवालय में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बाह्य सहायतित परियोजनाओं की समीक्षा के दौरान अधिकारियों को निर्देश दिये कि राज्य में संचालित बाह्य सहायतित परियोजनाओं के क्रियान्वयन में में तेजी लाई जाए। जो परियोनाएं केन्द्र स्तर पर गतिमान हैं, उनमें तेजी लाने के लिए केन्द्र स्तर पर अच्छी तरह पैरवी हो सके, संबंधित विभागों की ओर से ऐसे प्रस्ताव रेजिटेंट कमिश्नर को भेजे जाएं। मुख्यमंत्री ने कहा कि केन्द्रांश एवं राज्यांश की 90 और 10 के अनुपात वाली योजनाओं पर शीर्ष प्राथमिकता के आधार पर कार्य किये जाएं।
मुख्यमंत्री ने बाह्य सहायतित परियोजनाओं के अन्तर्गत ऊर्जा, आपदा प्रबंधन, ग्राम्य विकास एवं वित्त विभाग में संचालित विभिन्न योजनाओं की समीक्षा के दौरान अधिकारियों को निर्देश दिए कि बैठक के दौरान लिए निर्णयों के अनुपालन में विभागीय आदेश जारी करें और कार्य प्रगति की भी नियमित समीक्षा करें। मुख्यमंत्री ने कहा कि केन्द्रीय जल आयोग की ओर से राज्य में मौजूद बांध एवं बैराजों की मजबूती के लिये विश्व बैंक की सहायता से 274 करोड की संचालित योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन से बांधों एवं बैराजों के संचालन एवं प्रबंधन में सुधार के साथ नियन्त्रण एवं निगरानी प्रणाली के आधुनिकीकरण एवं विद्युत उत्पादन में वृद्धि होगी। मुख्यमंत्री ने उत्तराखण्ड लोक वित्तीय प्रबंधन सुदृढ़ीकरण परियोजना की समीक्षा के दौरान निर्देश दिये।
उत्तराखंड सार्वजनिक वित्तीय प्रबंधन सुदृढ़ीकरण परियोजना की कुल लागत 274.6 करोड़ रुपये है, जिसके अन्तर्गत सार्वजनिक वित्तीय प्रबंधन के सुदृढ़ीकरण के अतिरिक्त राजस्व प्रबंधन प्रणाली के सुदृढ़ीकरण, शहरी स्थानीय निकायों और राज्य के स्वामित्व वाले उद्यम में सार्वजनिक वित्तीय प्रबंधन को मजबूत बनाने व परियोजना प्रबंधन और निगरानी एवं मूल्यांकन के कार्य किये जाने हैं।
ग्रामीण उद्यम वेग वृद्धि परियोजना (रीप) की समीक्षा करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि यह योजना ग्रामीण परिवारों की आय को दोगुना करने के साथ पलायन रोकने में मददगार होगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि 1640 करोड़ की छह साल की इस योजना से राज्य में जलवायु परिवर्तन एवं आपदा के प्रभाव को कम करने में मदद मिलेगी।
इस बैठक में सचिव आर. मीनाक्षी सुदंरम, राधिका झा, दिलीप जावलकर, डॉ. रंजीत सिन्हा, नीरज खेरवाल, अपर सचिव मनुज गोयल, ऊर्जा के तीनों निमगों के प्रबंध निदेशक एवं संबंधित अधिकारी उपस्थित थे।
हिन्दुस्थान समाचार/राजेश
/सुनील
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