उत्तराखंड जल संस्थान के प्रबंधन पक्ष से नाराज कर्मचारियों ने दी आंदोलन की चेतावनी

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उत्तराखंड जल संस्थान के प्रबंधन पक्ष से नाराज कर्मचारियों ने दी आंदोलन की चेतावनी


- कर्मचारियों की मांगों के प्रति उदासीन रवैया अपनाने का आरोप

देहरादून, 15 मई (हि.स.)। उत्तराखंड जल संस्थान कर्मचारी संगठन के प्रांतीय अध्यक्ष संजय जोशी की अध्यक्षता में बुधवार को संगठन भवन पर बैठक हुई। इसमें कर्मचारियों ने विभिन्न मांगों को लेकर रोष जताया और आंदोलन की चेतावनी दी है।

संगठन लंबे समय से विभाग के राजकीयकरण की मांग कर रहा है। इसके लिए शासन ने एक समिति का गठन किया है, जिसमें उत्तराखंड जल संस्थान और पेयजल निगम को राजकीयकरण होने तक ट्रेजरी से पेंशन एवं वेतन भुगतान के लिए सहमति देने के लिए पत्र प्रेषित किया गया। पेयजल निगम ने तो उक्त प्रस्ताव पर अपनी सहमति दे दी है, लेकिन उत्तराखंड जल संस्थान के प्रबंधन पक्ष ने असहमति जताई है। इससे कर्मचारियों में अत्यंत रोष व्याप्त है। ऐसे में बैठक में यह निर्णय लिया गया कि आचार संहिता समाप्त होते ही प्रबंधन पक्ष के विरुद्ध आंदोलन किया जाएगा।

प्रदेश महामंत्री रमेश बिंजोला ने कहा कि आचार संहिता समाप्त होते ही जल संस्थान मुख्यालय पर आंदोलन शुरू कर दिया जाएगा एवं अधिकारियों की पोल खोल कार्यक्रम भी किया जाएगा।

प्रांतीय अध्यक्ष संजय व प्रांतीय उपाध्यक्ष रामचंद्र सेमवाल ने कहा कि यदि प्रबंधन पक्ष ने राजकीयकरण ट्रेजरी के माध्यम से वेतन भत्तों के संबंध में शासन द्वारा मांगी गई सूचना कर्मचारी हित में नहीं भेजी तो कर्मचारी संगठित होकर प्रबंधन पक्ष के विरुद्ध आंदोलन और तेज कर देगा। इसकी संपूर्ण जिम्मेदारी प्रबंधन पक्ष की होगी।

मंडल अध्यक्ष श्याम सिंह नेगी, कुमाऊं मंडल अध्यक्ष रमेश आर्य एवं मंडल महामंत्री शिशुपाल रावत ने कहा कि प्रबंधन पक्ष ने कर्मचारी संगठन के मांग पत्र को गंभीरता से नहीं ले रहा है। कर्मचारियों की मांगों के प्रति उदासीन रवैया अपना रहा है।

हिन्दुस्थान समाचार/कमलेश्वर शरण/रामानुज

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