दून पुस्तकालय में कला प्रेमियों के लिए सजी भव्य चित्रकला प्रदर्शनी
देहरादून, 27 दिसंबर (हि. स.)। दून घाटी के कला प्रेमियों के लिए एक सुखद खबर है। दून पुस्तकालय में कला प्रेमियों के लिए सजी भव्य चित्रकला प्रदर्शनी में रविवार को देखने के लिए कला प्रेमी उमड़ रहे हैं।
सुप्रसिद्ध कलाकार एवं द्विजेन सेन कला केंद्र के संस्थापक द्विजेन सेन की स्मृति में दून पुस्तकालय एवं शोध केंद्र और द्विजेन सेन कला केंद्र में एक भव्य चित्रकला प्रदर्शनी आयोजित की गई है, जिसे देखने के लिए बड़ी संख्या में लोग पहुंच रहे हैं। यह चित्रकला प्रदर्शनी 30 दिसंबर तक प्रतिदिन सुबह 11 बजे से शाम 4 बजे तक आम जनता के लिए खुली रहेगी। प्रदर्शनी दून पुस्तकालय के तीसरे तल और कला केंद्र, दोनों स्थानों पर लगाई गई है।
दून पुस्तकालय के तीसरे तल पर लगी प्रदर्शनी में दून घाटी, उत्तराखंड और प्रदेश से बाहर के कलाकारों की उत्कृष्ट कलाकृतियां प्रदर्शित की गई हैं। प्रदर्शनी में पोर्ट्रेट, लैंडस्केप और विभिन्न विषयों पर आधारित चित्रों के साथ कुछ मूर्तिकारों की मूर्तियां भी दर्शकों को आकर्षित कर रही हैं। सभी कलाकृतियां सामाजिक परिवेश, प्राकृतिक सौंदर्य, मानवीय संवेदनाओं और दार्शनिक भावों को सुंदर रूप में प्रस्तुत करती हैं।
प्रदर्शनी में शामिल कलाकार मेघा कथूरिया ने बताया कि वे भारतीय सैन्य अकादमी, देहरादून में कार्यरत एक पेशेवर कलाकार हैं और कला प्रदर्शनियों व कार्यशालाओं का नियमित आयोजन करती हैं। उनकी कलाकृतियां देश और विदेश में कला प्रेमियों के बीच सराही जाती हैं।
कला केंद्र के प्रशिक्षु कलाकार नवीन कनवासी ने कहा कि इस प्रदर्शनी से कलाकारों को अपनी कला प्रस्तुत करने का एक शानदार मंच मिला है, जिससे शहर के कला प्रेमियों में भी खासा उत्साह देखने को मिल रहा है।
वहीं युवा चित्रकार हरि गुरुंग ने बताया कि वे अपनी चित्रकला के माध्यम से उत्तराखंड की संस्कृति और धार्मिक स्थलों को दर्शाने का प्रयास कर रहे हैं। उनकी कृतियों में बदरीनाथ, ऋषिकेश, महादेव और हर की पैड़ी जैसे स्थान शामिल हैं।
प्रदर्शनी में कर्नल विजय दुग्गल, कर्नल भारत भंडारी, जसपाल दुग्गल, आलोक लाल, सतपाल गांधी, भूमेश भारती, मीरा दुग्गल, अंजलि थापा, चंद्रा बी. रसायली, अरुण पंत, दीपक रावत, मोनू भटनागर, यशस्विनी भटनागर, शिल्पी सिन्हा, लता शुक्ला, मुक्ता जोशी, हर्षिता, अरविंद गैरोला, अमर सिंह, राहुल शंकर, विक्की आर्या, सुषमा कोहली, राजेंद्र दत्त कोहली, संजय गुप्ता सहित अनेक कलाकारों की कृतियां प्रदर्शित की गई हैं।
उल्लेखनीय है कि वर्ष 1949 में स्व. द्विजेंद्र सेन ने दून घाटी में चित्रकला और मूर्तिकला को जीवंत बनाए रखने का सपना देखा था। आज उनके मानस पुत्र कर्नल वी. के. दुग्गल पिछले दो दशकों से बुद्धा चौक स्थित कला केंद्र का संचालन कर उस सपने को साकार कर रहे हैं और इस ऐतिहासिक कला संस्था को निरंतर जीवंत बनाए हुए हैं।
दून पुस्तकालय एवं शोध केंद्र के कार्यक्रम प्रभारी चंद्रशेखर तिवारी और कला केंद्र के प्रमुख कर्नल वी. के. दुग्गल ने बताया कि बड़ी संख्या में लोग प्रदर्शनी देखने पहुंच रहे हैं और कलाकारों की कृतियों की सराहना कर रहे हैं, जिनमें युवा और कला प्रेमी प्रमुख रूप से शामिल हैं।
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हिन्दुस्थान समाचार / राजेश कुमार

