चम्पावत : राजीव नवोदय विद्यालय के निरीक्षण में डीएम को मिलीं खामियां ही खामियां, लगाई फटकार
चम्पावत, 01 नवंबर (हि.स.)। डीएम ने बुधवार को लोहाघाट स्थित राजीव नवोदय विद्यालय लोहाघाट का निरीक्षण किया। इस दौरान उन्हें तमाम अव्यवस्थाएं मिलीं। इस पर उन्होंने नाराजगी जताते हुए विद्यालय प्रशासन को फटकार लगाई।
जिलाधिकारी नवनीत पांडे ने कहा कि वे विद्यालय के सभी बच्चों का माता-पिता की तरह ध्यान रखते हुए उनके भविष्य को सुनिश्चित करने में आ रही सभी बाधाओं को दूर करने की दिशा में कार्य करें। प्रभारी प्राचार्य को निर्देश दिए कि वे समस्याओं के समाधान के प्रयासों के लिए लगातार सभी से संवाद स्थापित करें।
जिलाधिकारी ने विद्यालय परिसर में व्याप्त गंदगी पर रोष प्रकट करते हुए यहां एक और पर्यावरण मित्र तथा होमगार्ड की तैनाती करने का निर्देश दिए। साथ ही जिलाधिकारी ने कहा कि बच्चों के शिक्षा स्तर को ऊंचा उठाने एवं यहां की व्यवस्थाओं में सुधार लाने के लिए सभी को मिलकर प्रयास करना होगा। छात्रावास की अव्यवस्थाओं पर भी डीएम ने गहरी नाराजगी जताई। निरीक्षण के बाद डीएम ने प्राचार्य, विद्यालय के शिक्षकों एवं अभिभावकों की बैठक आयोजित की और समस्याओं को सुना। डीएम ने कहा छात्र छात्राओं के भविष्य को सुनिश्चित करने के लिए हर संभव प्रयास किए जाएंगे।
उन्होंने विद्यालय निर्माण की कार्यदायी संस्था यूपी निर्माण निगम को तीन दिन के भीतर जरूरी डीपीआर प्रस्तुत करने के निर्देश दिए। डीएम ने कहा कि किन किन मदों में धनराशि मिली है? खनन न्यास से मिले धन का कार्य किसी अलग कार्यदायी संस्था से कराने, भवनों की मरम्मत, नए भवनों के प्रस्तावों के साथ शीघ्र ही विद्यालय को 50 हजार लीटर पानी की आपूर्ति करने, विद्यालय में इन्वर्टर व आर ओ लगाने, सोलर वाटर हीटर को ठीक करने के अलावा पुस्तकालय, वाचनालय, प्रयोगशाला को अपटुडेट करने तथा छात्रावास की व्यवस्थाओं को सुधारें। डीएम ने काम न करने वाले लोगों को तत्काल हटाकर उनके स्थान में नई नियुक्तियां करने का निर्देश दिया।
शिक्षक अभिभावक संघ के अध्यक्ष आनंद अधिकारी ने डीएम को बताया कि विद्यालय में अव्यवस्थाएं ही अव्यवस्थाएं हैं। दो हैंड पंपों के भरोसे बच्चे विद्यालय में जीवन यापन कर रहे हैं। पीने के पानी के लिए कोई व्यवस्था नहीं है। साथ ही गीजर तक नहीं है। बच्चे ठंडे पानी से नहाने के लिए मजबूर हैं। सोलर गीजर बरसों से खराब पड़े हुए हैं। मेस में बच्चों के हाथ धोने के लिए कोई वॉश बेसिन तक नहीं है। रात में लाइट चले जाने पर बच्चों को अंधेरे में रात काटनी पड़ती है। जनरेटर बरसों से खराब पड़े हुए हैं। छात्रावास होने के बावजूद वहां सुरक्षा कर्मी की तैनाती नहीं हैं। अधिकारी ने बताया कि स्वच्छक न होने की वजह से बच्चों को खुद शौचालय को साफ करना पड़ रहा है।
निरीक्षण के दौरान प्रभारी सीईओ भारत जोशी व बीईओ भानुप्रताप कुशवाहा आदि मौजूद रहे।
हिंदुस्थान समाचार/राजीव मुरारी/रामानुज
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