ऊर्जा संचय समागम: पं. धीरेंद्र शास्त्री बोले- समागम में मनुष्य के अंदर आए विकारों की मुक्ति के लिए किया गया कार्य

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ऊर्जा संचय समागम: पं. धीरेंद्र शास्त्री बोले- समागम में मनुष्य के अंदर आए विकारों की मुक्ति के लिए किया गया कार्य


ऋषिकेश, 26 जुलाई (हि.स.)। बागेश्वर धाम के पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने कहा कि आज विज्ञान के जमाने में लोग मोबाइल पर बैठे ‌रहते हैं, जिससे वह कई बीमारियों से घिर रहे हैं। उनका दिमाग कमजोर हो रहा है। इसका समाधान किए जाने के लिए ब्रेन डिटॉक्स आवश्यक है। इसी के माध्यम से मनुष्य के अंदर शांति लायी जा सकती है।

पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने ये बातें शुक्रवार को परमार्थ निकेतन में आयोजित पत्रकार वार्ता में कही। उन्होंने कहा कि वह परमार्थ निकेतन में तीन दिवसीय प्रवास पर आए हैं, क्योंकि‌‌ उन्होंने विचार किया कि अब पर्चा बनाने से देश का भला नहीं हो सकता। इसके लिए उनके‌ द्वारा यहां ऊर्जा संचय समागम का आयोजन किया गया, जिसमें 600 से अधिक साधकों ने एक साथ बैठकर चिंतन किया। समागम में मनुष्य के अंदर आए विकारों की मुक्ति के लिए कार्य किया गया है।

धीरेंद्र शास्त्री ने कहा कि इससे पहले वह बागेश्वर धाम में ब्रेन डिटॉक्स पर कार्यशाला लगा चुके‌ हैं। अब यहां दूसरी बार लगाई गई है। इसमें धर्म की चर्चा होती है। ब्रेन डिटॉक्स के माध्यम से देश के लोगों को भारतीय संस्कृति का ज्ञान दिया जा सकता है। उन्होंने कहा कि इस पद्धति के माध्यम से अपने ईश्वर को प्राप्त किया जा सकता है। इसी पद्धति से देश में शांति लाई जा सकती है। उन्होंने कहा कि युवाओं को आज ऐसी साधना पद्धति की जरूरत है जिससे वे अपने आप से, प्रकृति से, अपने पूर्वजों से और अपने मूल्यों से जुड़ सकते हैं। हालांकि इस पद्धति पर बहुत से लोगों ने कार्य किया है लेकिन हमने अपने गुरु के आशीर्वाद से इस पर कार्य प्रारंभ किया है।

उन्होंने कहा कि वर्तमान समय में भारत की राजनीति दूसरी ओर जा रही है जिसमें सुधार की आवश्यकता है। उन्होंने उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी द्वारा चारों धामों एवं अन्य प्रमुख मंदिरों के नामों के दुरुप्रयोग पर रोक को लेकर लिए फैसले पर कहा कि अब भारत‌ में कहीं चार धाम के नाम से कोई मंदिर नहीं बन सकता।

हिन्दुस्थान समाचार / विक्रम सिंह / सत्यवान / वीरेन्द्र सिंह

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