धराली आपदा पीड़ितों के घाव पांच माह बाद भी हरे
उत्तरकाशी, 20 दिसंबर (हि.स.)। धाराली आपदा के पांच महीने बीत चुके हैं पीड़ितों के घाव अभी भी हरे हैं। अब धराली आपदा में अपना सब कुछ खो चुके आपदा पीड़ितों का सब्रका बांध भी टूटने लगा है । शनिवार को धराली आपदा पीड़ितों ने जिलाधिकारी को ज्ञापन सौंप कर आपदा पीड़ितों के पुनर्वास में हो रही देरी से शासन- प्रशासन के प्रति अपनी नारगी जाहिर की है।
ग्रामीणों ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के उत्तरकाशी के प्रस्तावित दौरे का विरोध और उग्र आन्दोलन समेत धरना प्रर्दशन करने की चेतावनी दी है। उन्होंने जिलाधिकारी को सौंपे गये ज्ञापन में कहा कि धराली आपदा को पांच माह बीत चुके हैं। लेकिन हमारी समस्या जस की तस है। जबकि हमारा ग्राम धराली सीमांत क्षेत्र वाइब्रेंट विलेज योजना का प्रथम ग्राम है जोकि भारत सरकार के अधिनिस्त है।
ग्रामीणों ने बताया कि पांच अगस्त को खीर गंगा में आई विनाशकारी बाढ़ से धराली में पूरी तरह आपदा के भेंट चढ़ गई। जिला प्रशाशन, उत्तराखण्ड सरकार, व भारत सरकार के द्वारा दर्जनों बार स्थलीय निरीक्षण कर चुके है। इतना ही नहीं भारत सरकार ने आपदा पीडीतों के नुकशान की भरपाई के लिये उत्तराखण्ड सरकार को विगत तीन माह पूर्व 1200 करोड. का आर्थिक पैकेज दिया था लेकिन हम आपदा पीडीत ग्राम घराली निवासियों को उक्त पैकेज में से कुछ नहीं दिया। जबकि नुकशान का आंक्कलन 200 करोड. धराली आपदा पीडीतों हुआ है।
उन्होंने चेतावनी दी है कि शासन- प्रशासन द्वारा अधिक विलंबता के कारण हम अपना नाराजगी व्यक्त कर मुख्यमंत्री के उत्तरकाशी आगमन व कार्यक्रम का घोर विरोध करने जा रहे है। ज्ञापन में महेश पंवार,ग्राम प्रधान धराली, अजय नेगी, पंचायत प्रतिनिधि सुशील प्रदीप आदि के हस्ताक्षर थे।
हिन्दुस्थान समाचार / चिरंजीव सेमवाल

