फांसी की सजा को किया उम्रकैद में तब्दील
नैनीताल, 26 जुलाई (हि.स.)। अपनी ही बहन की हत्या करने के मामले में निचली अदालत से फांसी की सजा पाए तीन भाइयों के मामले पर हाई कोर्ट में सुनवाई हुई। हाई कोर्ट ने फांसी की सजा पाए भाई कुलदीप व अरुण की फांसी की सजा को उम्रकैद में तब्दील कर दी, जबकि ममेरे भाई राहुल को सबूतों के अभाव में बरी कर दिया। न्यायमूर्ति रवींद्र मैठाणी एवं न्यायमूर्ति आलोक कुमार वर्मा की खंडपीठ के समक्ष मामले की सुनवाई हुई।
मामले के अनुसार हरिद्वार के खानपुर में परिजनों की मर्जी के खिलाफ जाकर बहन ने प्रेम विवाह कर लिया था। जिस पर उसके भाइयों ने उसकी धारदार हथियारों से बेरहमी से हत्या कर दी थी। मामले में अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश शंकर राज ने मृतका के दो संगे भाई व ममेरे भाई को दोषी मानते हुए फांसी की सजा सुनवाई थी। अपने आदेश की पुष्टि करने के लिए अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश शंकर राज ने हाई कोर्ट को रिफरेंस आदेश भेजा था। जिस पर सुनवाई के बाद कोर्ट ने यह आदेश जारी किया।
खानपुर थाना क्षेत्र के शाहपुर निवासी प्रीति ने वर्ष 2014 में धर्मूपुर गांव निवासी युवक ब्रजमोहन के साथ प्रेम विवाह किया था। उसके परिजन शादी के खिलाफ थे। जिसके कारण उसका मायके आना जाना नहीं था। 18 मई 2018 को प्रीति खानपुर थाना क्षेत्र के अब्दीपुर गांव में अपने मामा संतरपाल के घर आई थी। जहां उसकी धारदार हथियार से गला रेतकर हत्या कर दी गई थी। मृतिका के पति ब्रजमोहन की ओर से उसके भाइयों कुलदीप और अरूण के अलावा ममेरे भाई राहुल के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज कराया गया था।
हिन्दुस्थान समाचार / लता / वीरेन्द्र सिंह
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