भारतीय सैन्य अकादमी के दीक्षांत समारोह में 28 कैडेटों को प्रदान की गयी स्नातक की डिग्री

भारतीय सैन्य अकादमी के दीक्षांत समारोह में 28 कैडेटों को प्रदान की गयी स्नातक की डिग्री
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भारतीय सैन्य अकादमी के दीक्षांत समारोह में 28 कैडेटों को प्रदान की गयी स्नातक की डिग्री


देहरादून, 01 जून (हि.स.)। देहरादून स्थित भारतीय सैन्य अकादमी के चेटवुड हॉल में शनिवार को (आर्मी कैडेट कॉलेज) एसीसी विंग के दीक्षांत समारोह का आयोजन किया गया। इसमें भारतीय सैन्य अकादमी के एसएम कमांडेंट लेफ्टिनेंट जनरल संदीप जैन ने एसीसी विंग-123 कोर्स के साइंस स्ट्रीम के 13 कैडेटों और मानविकी स्ट्रीम के 15 कैडेटों को जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय नई दिल्ली की ओर से स्नातक की डिग्री प्रदान की।

भारतीय सैन्य अकादमी के लेफ्टिनेंट जनरल संदीप जैन ने कैडेटों को सफलतापूर्वक प्रशिक्षण पूरा करने और अपने पेशेवर करियर में मील का पत्थर पार करने के लिए बधाई दी। उन्होंने कहा कि चरित्र, आत्म-अनुशासन, साहस, प्रेरणा, सकारात्मक दृष्टिकोण और पेशेवर क्षमता एक सफल सेना अधिकारी के स्तंभ हैं।

चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ (सीओएएस) गोल्ड मेडल विंग कैडेट क्वार्टर मास्टर दिनेश कुमार को तो सीओएएस सिल्वर मेडल विंग कैडेट कैप्टन जितेंद्र थिरपोला को दिया गया। वहीं कंपनी क्वार्टर मास्टर सार्जेंट विकास सिंह चौहान ने सीओएएस कांस्य पदक जीता।

सेवा विषयों में प्रथम रहने के लिए कमांडेंट का रजत पदक विंग कैडेट कैप्टन जितेंद्र थिरपोला को, मानविकी स्ट्रीम में प्रथम विंग कैडेट कैप्टन जितेंद्र थिरपोला को और विज्ञान स्ट्रीम में प्रथम विंग कैडेट क्वार्टर मास्टर दिनेश कुमार को प्रदान किया गया।

लेफ्टिनेंट जनरल संदीप ने आर्मी कैडेट कॉलेज की चैंपियन कंपनी होने के लिए बोगरा कंपनी को कमांडेंट बैनर से सम्मानित किया। यह बैनर उस कंपनी को प्रदान किया जाता है, जो खेल, शिक्षा, शिविर, वाद-विवाद और आंतरिक अर्थव्यवस्था जैसी प्रतियोगिताओं में उत्कृष्ट प्रदर्शन करती है।

उल्लेखनीय है कि आर्मी कैडेट कॉलेज भारतीय सेना का प्रमुख प्रशिक्षण संस्थान है, जो भारतीय सैन्य अकादमी के लिए एक फीडर संस्थान के रूप में कार्य करता है। एसीसी विंग में प्रशिक्षण पाठ्यक्रम कैडेटों के शारीरिक, मानसिक और बौद्धिक रूप से समग्र विकास सुनिश्चित करने के लिए बनाया गया है। प्रत्येक कैडेट को भारतीय सेना में कमीशन अधिकारी बनने व आवश्यक गुणों को आत्मसात करने के लिए कठोर सैन्य प्रशिक्षण के साथ स्नातक कार्यक्रम से गुजरना पड़ता है।

दीक्षांत समारोह में एसीसी विंग में तीन वर्षीय प्रशिक्षण पाठ्यक्रम का समापन हुआ। जुलाई 2024 में स्नातक पाठ्यक्रम के कैडेट एक वर्ष के प्री-कमीशन प्रशिक्षण के लिए अधिकारी कैडेट के रूप में भारतीय सैन्य अकादमी में शामिल होंगे।

हिन्दुस्थान समाचार/कमलेश्वर शरण/सत्यवान/वीरेन्द्र

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