दिल्‍ली में केदारनाथ के प्रतीकात्मक मंदिर निर्माण का विरोध

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दिल्‍ली में केदारनाथ के प्रतीकात्मक मंदिर निर्माण का विरोध


रुद्रप्रयाग, 15 जुलाई (हि.स.)। दिल्ली के बुराड़ी में बन रहे केदारनाथ धाम के प्रतिकात्मक मंदिर निर्माण का विरोध थमने का नाम नहीं ले रहा है। केदारनाथ धाम में तीसरे दिन भी तीर्थ पुरोहित समाज, साधु-संत एवं व्यापारियों ने प्रदर्शन कर धरना दिया। इस दौरान जहां साधु-संतों ने जोर-जोर से डमरू बजाया, वहीं तीर्थ पुरोहितों ने बीकेटीसी अध्यक्ष के खिलाफ जमकर नारेबाजी करते हुए इस्तीफे की मांग की।

केदारसभा के पूर्व अध्यक्ष किशन बगवाड़ी एवं वरिष्ठ तीर्थ पुरोहित उमेश पोस्ती ने कहा कि दिल्ली में प्रतिकात्मक केदारनाथ मंदिर निर्माण की पूरा विश्व निंदा कर रहा है। गौ कथा वाचक गोपाल मणि महाराज कह रहे हैं कि भगवान शंकर अब दिल्ली में अवतरित हो गए हैं। ऐसा लगता है कि अब वे दिल्ली में भी गौशाला चलाने जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को इस मामले का खंडन करना चाहिए।

तीर्थ पुरोहित विनीत पोस्ती ने कहा कि दिल्ली में केदारनाथ मंदिर की स्थापना की जा रही है। उन्होंने कहा कि केदारनाथ धाम ट्रस्ट दिल्ली की ओर से जारी पत्र में लिखा गया है कि किसी भी जाति व धर्म के लोग ट्रस्टी बन सकते हैं। केदारनाथ धाम को धर्म, जाति के नाम पर बांटने का प्रयास किया जा रहा है। इससे साफ है कि ट्रस्ट सिर्फ और सिर्फ अपने फायदे के लिए मंदिर का निर्माण करवा रहा है। उन्होंने कहा कि केदारनाथ नाम की जगह शिव मंदिर का निर्माण करने पर किसी को भी कोई आपत्ति नहीं है। बाबा केदारनाथ धाम का उपयोग इस प्रकार किये जाने पर बीकेटीसी को कार्रवाई करनी चाहिए।

केदारनाथ धाम ट्रस्ट दिल्ली से सरकार का कोई लेना देना नहीं : अजेन्द्र अजय

मामले में बद्री-केदार मंदिर समिति के अध्यक्ष अजेन्द्र अजय ने कहा कि केदारनाथ धाम ट्रस्ट दिल्ली से सरकार का कोई लेना देना नहीं है। उत्तराखण्ड प्रवासियों और साधु-संत समाज के बुलावे पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी धार्मिक कार्यक्रम में भाग लेने गए थे। उन्होंने कहा कि ट्रस्ट और मंदिर निर्माण से बीकेटीसी और सरकार का कोई मतलब नहीं है। कतिपय शिकायतें आ रही हैं कि केदारनाथ और बद्रीनाथ धाम के नाम पर दान-चंदा लिया जा रहा है। इन धामों का एप बनाकर हॉस्पिटल, मंदिर निर्माण को लेकर श्रद्धालुओं से चंदा मांगा जा रहा है। धामों का व्यवसायिक लाभ के लिए मंदिर की फोटो और वीडियो उपयोग में लाया जा रहा है। इन मामलों में जांच करते हुए विधिक कार्यवाही अमल में लाई जा रही है।

उप जिलाधिकारी के साथ बैठक

केदारनाथ धाम के प्रतीकात्मक मंदिर का निर्माण दिल्ली में किए जाने की खबरों को लेकर केदारसभा के प्रतिनिधियों ने उप जिलाधिकारी ऊखीमठ के साथ बैठक आयोजित की। इस दौरान प्रतिनिधियों ने कहा कि हिमालय की गोद में बसे भगवान शिव के प्रिय निवास स्थान केदारनाथ जैसा धाम कहीं और बनना सम्भव नहीं है। धाम का निर्माण अन्यत्र कहीं भी किए जाने का पुरजोर विरोध करने का संकल्प लिया गया।

उप जिलाधिकारी ऊखीमठ अनिल कुमार शुक्ला ने कहा कि विभिन्न तरह के मीडिया प्लेटफार्म पर श्री केदारनाथ धाम के प्रतीकात्मक मंदिर का निर्माण दिल्ली में किए जाने की खबरों को लेकर स्थानीय तीर्थ पुरोहितों सहित चारधाम महापंचायत, केदारसभा, व्यापारियों व जनप्रतिनिधियों द्वारा आक्रोश व्यक्त किया गया था। उन्होंने बताया कि आज केदार सभा के पदाधिकारियों सहित अन्य जनप्रतिनिधियों के साथ बैठक आयोजित की गई। जिसमें केदारसभा के प्रतिनिधियों द्वारा केदारनाथ मंदिर का अन्यत्र निर्माण का पुरजोर विरोध किया गया। उप जिलाधिकारी ने कहा कि केदारसभा के प्रतिनिधियों द्वारा केदारनाथ धाम की शिला को दिल्ली में स्थापित कर परंपरा के साथ खिलवाड़ बताते हुए उनका एक दल प्रदेश के मुख्यमंत्री से भी मिलकर आया है, जिसमें मुख्यमंत्री द्वारा उन्हें सकारात्मक आश्वासन दिया गया है, जिससे वो काफी संतुष्ट नजर आए। इसके अलावा बद्री-केदारनाथ मंदिर समिति द्वारा भी इसके कानूनी पहलुओं पर गहनता से विचार किया जा रहा है।

हिन्दुस्थान समाचार / Rohit Dimri / वीरेन्द्र सिंह

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