टिकट न मिलने पर कांग्रेस नेत्री आशा लाल ने की राजनीति से संन्यास की घोषणा
देहरादून,13 मार्च (हि.स.)। कांग्रेस महिला नेत्री आशा लाल ने अल्मोड़ा (एससी) लोकसभा सीट से टिकट नहीं मिलने पर राजनीति से संन्यास लेने की घोषणा की है। उन्होंने पार्टी में विशेष तौर पर अनुसूचित जाति की महिलाओं की उपेक्षा करने का आरोप लगाया।
बुधवार दोपहर को प्रेस क्लब में कांग्रेस अल्मोड़ा लोकसभा क्षेत्र से टिकट मांग रहीं आशा लाल ने पत्रकारों की मौजूदगी में राजनीति से संन्यास लेने की घोषणा की। इस दौरान उन्होंने कहा कि राहुल गांधी नारी न्याय और भागीदारी को लेकर यात्रा कर रहे हैं, फिर भी पार्टी महिलाओं को भागीदारी नहीं दे पा रही है। इसमें कहीं ना कहीं प्रदेश नेतृत्व की ओर से महिलाओं का नाम आगे नहीं बढ़ाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि मैं एक शिक्षित महिला हूं। मेरे पिता स्व. जोगा राम स्वतंत्रता संग्राम सेनानी का यह क्षेत्र रहा है। पिछले 15 सालों से क्षेत्र का सेवा करती आ रही हूं। उन्होंने कहा कि मैं अनुसूचित जाति से महिला हूं,फिर भी मुझे टिकट नहीं दिया गया। इसलिए क्षुब्ध होकर अब मैं राजनीति से संन्यास लेने की घोषणा की है।
उन्होंने कहा कि पार्टी महिला सशक्तिकरण की बात कर रही हूं, बावजूद भागीदारी नहीं देना दुखद है। उन्होंने कहा कि जिन उम्मीदवार को चार बार टिकट दिया गया और दो बार लगातार वो चुनाव हारे हुए हैं। फिर भी उनको किस आधार पर टिकट दिया गया। पार्टी की ओर से किये गये सर्वे का कोई फायदा होता नहीं दिख रहा है। विशेष तौर पर अनुसूचित जाति के महिलाओं को पार्टी पीछे छोड़ती जा रही है। ऐसे में महिला सशक्तिकरण की बात बेमानी है।
उल्लेखनीय है कि आशा लाल वर्ष 2011 में कांग्रेस में शामिल हुई थी। उससे पहले सोशल कार्यकर्ता के तौर पर काम कर रही थीं। साल 2012 में प्रदेश सचिव के बाद फिर महिला कांग्रेस में वर्ष 2016 प्रदेश उपाध्यक्ष रही। वर्तमान में स्वतंत्रता सेनानी प्रकोष्ठ में प्रदेश उपाध्यक्ष और प्रदेश सचिव की जिम्मेदारी उन्हें पार्टी की ओर से मिला थी।
हिन्दुस्थान समाचार/राजेश
/सुनील
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