कांग्रेस ने पूर्व मंत्री दिनेश अग्रवाल और राजेश परमार को किया निष्कासित
देहरादून, 07 अप्रैल (हि.स.)। प्रदेश कांग्रेस अनुशासन समिति ने पूर्व मंत्री और पीसीसी सदस्य दिनेश अग्रवाल और निगम पार्षद राजेश परमार को पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल होने पर पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से 6 वर्ष के लिए निष्कासित कर दिया है।
यह जानकारी प्रदेश कांग्रेस उपाध्यक्ष संगठन और प्रशासन मथुरादत्त जोशी ने दी। उन्होंने बताया कि दिनेश अग्रवाल और राजेश परमार लम्बे समय से पार्टी विरोधी गतिविधियों में लिप्त हैं। जिसे पार्टी नेतृत्व ने गम्भीरता से लेते हुए उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई करते हुए उन्हें 6 वर्ष के लिए पार्टी से निष्कासित कर दिया गया है।
पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता हरीश रावत ने दिनेश अग्रवाल पर भी निशाना साधा है। उन्होंने सोशल मीडिया पर जारी पोस्ट में लिखा है कि, ''मैं समझ सकता हूं कि उनकी अपनी कुछ मजबूरियां रही होंगी, नहीं तो इतने वर्षों के कांग्रेस के जुड़ाव को वह इतने चुनौतीपूर्ण अवसर पर नहीं तोड़ते। 7 बार कांग्रेस ने उनको विधानसभा के लिए उम्मीदवार बनाया, मेयर के लिए भी उनको उम्मीदवार बनाया। कई साथियों की वरिष्ठता और क्षेत्रीय आरोपों को एक तरफ रखकर पार्टी ने मेरे विशेष आग्रह पर 2012 में उनको मंत्री पद से भी नवाजा, बल्कि मैं यह कहूं कि 2012 में मेरे राजनीतिक संघर्ष के वह सबसे प्रमुख लाभार्थी रहे तो कोई अतिश्योक्ति नहीं होगी।''
उन्होंने आगे लिखा है कि भाजपा के नेताओं से उनकी चल रही बातचीत की भनक लगते ही मैं तीन बार उनके आवास पर मिलने के लिए गया। प्रीतम सिंह भी उनसे मिलने गए, पार्टी के शीर्ष स्तर से लेकर प्रांतीय स्तर पर सब लोगों ने उनसे नाराजगी त्यागने का आग्रह किया। मैंने स्थानीय कांग्रेस के धर्मपुर क्षेत्र के पार्षदगणों, पूर्व पार्षद गणों की भावनाओं को देखते हुए धर्मपुर क्षेत्र में 10 दिन कांग्रेस कार्यालय खोलने के निर्णय को विलंबित किया। उनका मान-सम्मान और कांग्रेस से उनके गहरे रिश्ते को देखते हुए मैं पार्टी को भी धन्यवाद देना चाहूंगा कि सारी पुख्ता सूचनाओं के बावजूद भी जिनमें भाजपा के शीर्ष नेताओं के उनकी घर पर हुई बैठक की जानकारी के बावजूद भी पार्टी ने अग्रवाल के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की और आज भी हम इतना ही भर कह सकते हैं कि दिनेश अग्रवाल आप पार्टी के साथ अपने इतने लंबे रिश्ते को तोड़कर जहां जा रहे हैं, आपका मान-सम्मान वहां सुरक्षित रहे, और बढ़े, यह हम सबकी कामना है। मैं फिर कहना चाहूंगा कुछ तो रही होंगी मजबूरियां, कोई यूं ही बेवफा नहीं होता और मुझे उनकी मजबूरियों का कुछ-कुछ एहसास है, कुछ-कुछ आभास है। हां भाजपा को इस बात की बधाई है कि वह हमारे नेतागणों की मजबूरी का फायदा उठाने का कोई मौका चूकना नहीं चाहते हैं।
उन्होंने कहा कि धर्मपुर क्षेत्र के कांग्रेस कार्यकर्ताओं से चिंता छोड़कर और उत्साहपूर्वक इस चुनौती का सामना करने के लिए आगे आएं और अपनी पार्टी के झंडे को और अपनी पार्टी के चुनाव चिह्न को घर-घर तक पहुंचाने के लिए कमर कस लें।
गौरतलब है कि पूर्व मंत्री दिनेश अग्रवाल ने 6 अप्रैल को कांग्रेस पार्टी से इस्तीफा दे दिया है। दिनेश अग्रवाल कांग्रेस की 2012 से 2017 की सरकार में खेल, वन एवं वन्यजीव, कानून एवं न्याय जैसे मंत्रालय थे। दिनेश अग्रवाल धर्मपुर विधानसभा से विधायक रह चुके हैं। इसके बाद उन्होंने साल 2018 में नगर निगम का चुनाव लड़ा था और इस चुनाव में भाजपा के सुनील उनियाल गामा ने जीत दर्ज की थी।
हिन्दुस्थान समाचार/राजेश/सत्यवान/रामानुज
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