मुख्यमंत्री धामी बोले-योजनाओं में नवाचार पर ध्यान दें अधिकारी, बनाएं विस्तृत एक्शन प्लान

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मुख्यमंत्री धामी बोले-योजनाओं में नवाचार पर ध्यान दें अधिकारी, बनाएं विस्तृत एक्शन प्लान


- जनकल्याणकारी योजनाओं को जनता तक पंहुचाने में सचिवों की महत्वपूर्ण भूमिका होती है

- मुख्यमंत्री धामी राज्य के पहले मुख्यमंत्री हैं, जिन्होंने सचिव समिति की बैठक में किया प्रतिभाग

देहरादून, 07 अगस्त (हि.स.)। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य हित से जुड़ी योजनाओं के नीति-निर्धारण और सरकार की ओर से संचालित जनकल्याणकारी योजनाओं को जनता तक पहुंचाने में सचिवों की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। सचिव सरकार और जनता के बीच सेतु का कार्य करते हैं। मुख्यमंत्री ने नवाचार पर अधिकारी को ध्यान देने के निर्देश देते हुए कहा कि योजनाओं के सफल क्रियान्वयन के लिए विस्तृत एक्शन प्लान बनाएं।

बुधवार को सचिवालय में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सचिव समिति की बैठक में प्रतिभाग किया। मुख्यमंत्री धामी राज्य के पहले मुख्यमंत्री हैं, जिन्होंने सचिव समिति की बैठक में प्रतिभाग किया। तीन घंटे तक चली इस बैठक में राज्यहित से जुड़े विभिन्न विषयों पर विस्तृत चर्चा हुई।

मुख्यमंत्री ने कहा कि शासन और प्रशासन एक सिक्के के दो पहलू होते हैं। राज्य के हर क्षेत्र में विकास के साथ ही लोगों का जीवन स्तर उठाने के लिए हम सबको सामूहिक प्रयास करने होंगे। लोगों के जीवन स्तर को बेहतर बनाये बिना राज्य के समग्र विकास की कल्पना नहीं की जा सकती है।

उन्होंने कहा कि योजनाओं के बेहतर निर्माण के साथ ही उनके सफल क्रियान्वयन के लिए पूरा एक्शन प्लान बनाया जाना चाहिए। सरकार की योजनाओं और निर्णयों का प्रभाव करोड़ों लोगों के जीवन पर पड़ता है, इसलिए योजनाओं और निर्णयों में राष्ट्रहित और जनहित पहली प्राथमिकता में होना चाहिए। मुख्यमंत्री ने सचिवों को निर्देश दिये कि विभागों के रिक्त पदों का अधियाचन शीघ्र आयोगों को भेजे जाएं। सुनिश्चित कार्ययोजना के साथ आगामी दो सालों में रिक्त पदों पर नियुक्ति प्रक्रिया पूर्ण की जाए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि कार्यों और योजनाओं के निर्माण में नवाचार पर विशेष ध्यान दिया जाए और आधुनिक तकनीक का अधिकतम इस्तेमाल किया जाए। जनता की समस्याओं के त्वरित समाधान के लिए जनहित से जुड़े कार्यों में सही रास्ता निकालने की सबके मन में भावना होनी चाहिए। जन अपेक्षाओं के अनुसार हम उनकी समस्याओं के समाधान के लिए अपने कार्यक्षेत्र में क्या विशिष्ट कार्य कर सकते हैं, इस दिशा में सभी अधिकारी पूरे मनोयोग से कार्य करें। मुख्यमंत्री ने कहा कि गुड गवर्नेंस की दिशा में विशेष ध्यान दिया जाए। नीति आयोग द्वारा जारी सतत विकास लक्ष्यों में जिन इंडिकेटरों में हमें सुधार की आवश्यकता है, उन पर विशेष ध्यान दिया जाए। जिन इन्डीकेटर पर राज्य में अच्छा कार्य हुआ है, उनको बनाये रखना हमारे सामने चुनौती भी होगी।

एक वर्ष की महत्वपूर्ण योजनाओं के क्रियान्वयन का बनाया जाए रोस्टर:

मुख्यमंत्री ने बैठक में अधिकारियों को निर्देश दिये कि सचिव समिति की बैठक में राज्यहित से जुड़े विषयों की नियमित समीक्षा की जाए। श्रेष्ठ उत्तराखण्ड के निर्माण के लिए सभी को एकजुट होकर कार्य करना है। उन्होंने कहा कि आगामी एक वर्ष के लिए महत्वपूर्ण योजनाओं का एक रोस्टर प्लान बनाया जाए, जिसमें ऐसी योजनाएं शामिल हों, जो व्यापक जनहित वाली हों। जनपदों के प्रभारी सचिव समय-समय पर जनपदों में जाकर योजनाओं की नियमित समीक्षा करें और विभिन्न व्यवस्थाओं में सहयोग करें।

बड़ी परियोजनाओं की अलग से की जाए समीक्षा:

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य की बड़ी परियोजनाओं की पृथक से व्यापक स्तर पर समीक्षा की जाए। विभिन्न परियोजनाओं को दैवीय आपदा अथवा अन्य किसी भी संभावित नुकसान से बचाने के लिए उनका सेफ्टी ऑडिट भी किया जाए। पुराने पुलों, एसटीपी, जल विद्युत परियोजनाओं, सुरंगों और अन्य अवस्थापना से जुड़े कार्यों में सुरक्षा मानकों का पूर्णतया पालन किया जाए, ताकि किसी भी प्रकार से जानमाल का नुकसान न हो।

योजनाओं का लाभ जल्द मिलने के लिए विभाग लगांए नियमित कैंप:

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में मितव्ययिता पर विशेष ध्यान दिया जाए। राजस्व वृद्धि के साथ आवश्यक व्ययों को कैसे नियंत्रित किया जाए, इस दिशा में कार्य होना आवश्यक है। सीमित संसाधनों से हमें बेहतर आउटकम देने की दिशा में कार्य करना है। उन्होंने कहा कि यह सुनिश्चित किया जाए कि सरकार की की ओर से चलाई जा रही विभिन्न योजनाओं में जो सब्सिडी दी जा रही है, वह लाभार्थियों को समय पर मिले। लाभार्थियों को योजनाओं का लाभ जल्द दिलाने के लिए विभागों की ओर से नियमित कैंप लगाये जाएं।

अध्ययन और भ्रमण का हो राज्य हित में उपयोग:

बैठक में बताया गया कि 2070 तक भारत ने ‘नेट जीरों उत्सर्जन’ की दिशा में आगे बढ़ने का फैसला लिया है। इस दिशा में राज्य में थर्मल एनर्जी की सम्भावनाओं और राज्य में जिओ थर्मल एनर्जी के क्षेत्र में किये जाने वाले एमओयू के सबंध में भी चर्चा की गई। मुख्यमंत्री ने राज्य में विभिन्न माध्यमों से ऊर्जा उत्पादकता बढ़ाने के लिए किये जा रहे प्रयासों पर चर्चा के दौरान कहा कि राज्य में योजनाओं के बेहतर क्रियान्वयन और नई तकनीक के अध्ययन के लिए जो भी सचिव देश के विभिन्न राज्यों व विदेश भ्रमण पर जाते हैं, उनके विभिन्न पहलुओं और आउटकम का सचिव समिति में प्रस्तुतीकरण दिया जाए।

सचिवों की ओर से ​दिये गये अनेक सुझाव:

बैठक में सचिवों की ओर से अनेक सुझाव दिये गये। राज्य में राजस्व क्षमता में वृद्धि करने और पूंजीगत व्यय को कम करने, वृद्ध लोगों को ध्यान में रखकर उनके हिसाब से भी योजनाएं बनाने, निराश्रित गोवंश की सुरक्षा के लिए कारगर उपायों, साइबर सुरक्षा के क्षेत्र में विशेष ध्यान दिये जाने, कृषि और उद्यान के क्षेत्र में फसली बीमारियों से बचाव के लिए कारगर उपायों पर कार्य करने, किसानों को बेहतर पौधे और बीज उपलब्ध कराने के लिए कारगर व्यवस्था बनाने और ठोस अपशिष्ट प्रबंधन करने पर सुझाव दिये गये। रोजगार और स्वरोजगार को बढ़ावा देने के लिए बेहतर प्रशिक्षण के साथ प्रशिक्षण के आउटकम पर ध्यान देने को कहा गया। साथ ही शहरी क्षेत्रों में बढ़ती आबादी को ध्यान में रखते हुए योजनाओं के क्रियान्वयन, गांवों में सड़क कनेक्टिविटी बढ़ाने, सड़क दुर्घटनाओं से बचाव के लिए परिवहन, पुलिस और लोक निर्माण विभाग की जिम्मेदारियां तय की जाएं। समान प्रकृति के कार्यों के लिए विभागों के आपसी समन्वय के साथ कार्य करने, उत्तराखण्ड गतिशक्ति पोर्टल के प्रभावी क्रियान्वयन और अन्य क्षेत्रों में विभिन्न सुझाव अधिकारियों की ओर से दिये गये।

बैठक में मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, अपर मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन, प्रमुख सचिव आर.के. सुधांशु, एल.फैनई, प्रमुख सचिव न्याय प्रदीप पंत और सभी सचिव उपस्थित थे।

हिन्दुस्थान समाचार / राजेश कुमार / दधिबल यादव

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