उत्तराखंड: सभी शासकीय भवनों पर 2026 तक सोलर पावर प्लांट स्थापित करने का लक्ष्य
-मुख्यमंत्री ने सोलर वाटर हीटर अनुदान योजना पोर्टल का किया शुभारंभ
-विभिन्न शासकीय भवनों में स्थापित सोलर पावर प्लांटों का किया लोकार्पण
-734 लाभार्थियों को 3.72 करोड़ का अनुदान वितरित
देहरादून, 20 जुलाई (हि.स.)। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि उत्तराखण्ड में सौर ऊर्जा और जल विद्युत के क्षेत्र में काफी संभावनाएं हैं। वर्ष 2026 तक राज्य के सभी शासकीय भवनों पर सोलर पावर प्लांट स्थापित करने का लक्ष्य रखा है। इसके लिए 100 करोड़ रुपये की धनराशि का प्रावधान किया गया है।
शनिवार को मुख्यमंत्री कैम्प कार्यालय स्थित मुख्य सेवक सदन में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने उरेडा की ओर से संचालित विभिन्न योजनाओं का लोकार्पण और शुभारंभ किया। इस अवसर पर उन्होंने सोलर वाटर हीटर अनुदान योजना में आवेदन व अनुदान निर्गत करने के लिए पोर्टल www.uredaonline.uk.gov.in का शुभारम्भ किया। प्रदेश के राजकीय भवनों पर स्थापित सोलर पावर प्लान्ट एवं सोलर वाटर हीटर, 27 जवानों पर 1.26 मे.वा. क्षमता के सोलर पावर प्लान्ट और 44 राजकीय भवनों पर स्थापित 48400 लीटर क्षमता के सोलर वाटर हीटर सयंत्रों का लोकार्पण किया। कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने सौर स्वरोजगार योजना के 47 लाभार्थियों को परियोजना आवंटन पत्र और 04 संख्या लाभार्थियों को पी.एम. सूर्यघर योजना के अन्तर्गत राज्य अनुदान के चेक प्रदान किये।
मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि नवीकरणीय ऊर्जा का महत्व पूरे देश में तेजी से बढ़ा है। नवीकरणीय ऊर्जा के स्रोत पांरपरिक जीवाश्म आधारित ईंधन के एक बेहतर विकल्प के रूप में उभरे हैं। राज्य में सौर ऊर्जा को तेजी से बढ़ावा देने के लिए नई सौर ऊर्जा नीति बनाई गई है। उन्होंने कहा कि रूफटॉप सोलर प्लांट को बढ़ावा देने के लिए केन्द्र और राज्य सरकार की ओर से संयुक्त रूप से 70 प्रतिशत की सब्सिडी दी जा रही है। पीएम सूर्यघर योजना के तहत रूफटॉप सोलर पावर प्लांट की स्थापना के लिए राज्य में अभी तक 734 लाभार्थियों को 3.72 करोड़ रुपये का अनुदान दिया जा चुका है। घरेलू और गैर घरेलू उपभोक्ताओं के लिए सोलर वाटर हीटर संयंत्र की स्थापना पर 30 से 50 प्रतिशत तक का अनुदान प्रदान करने का निर्णय लिया गया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने भारत से कार्बन उत्सर्जन को खत्म करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए पंचामृत कार्य योजना के तहत भारत में वर्ष 2030 तक 500 गीगावाट नवीकरणीय ऊर्जा का उत्पादन करने का लक्ष्य रखा गया है। 2070 तक देश को कार्बन न्यूट्रल बनाने का लक्ष्य रखा गया है। प्रधानमंत्री कुसुम योजना के तहत किसानों को सौर पंप और सौर ऊर्जा संयंत्रों की स्थापना के लिए सब्सिडी और समर्थन प्राप्त हो रहा है, जिससे कृषि क्षेत्र में नवीकरणीय ऊर्जा का उपयोग भी बढ़ रहा है।
2026 तक 250 मेगावाट का लक्ष्य
मुख्यमंत्री सौर स्वरोजगार योजना के तहत सोलर पावर प्लांट की स्थापना के माध्यम से अब तक 750 विकासकर्ताओं को 133 मेगावाट क्षमता के सोलर पावर प्लांट दिये गये हैं। इस योजना के माध्यम से 2026 तक 250 मेगावाट की क्षमता वाले सोलर प्लांट की स्थापना का लक्ष्य रखा गया है।
सौर ऊर्जा के क्षेत्र में राज्य में अनेक संभावनाएं हैं: मंत्री गणेश जोशी
मंत्री गणेश जोशी ने कहा कि सौर ऊर्जा के क्षेत्र में राज्य में अनेक संभावनाएं हैं। स्वरोजगार को बढ़ावा देने में सौर ऊर्जा महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है। ऊर्जा आधारित प्रदेश उत्तराखण्ड की मूल अवधारणा में था। उत्तराखण्ड में ऊर्जा उत्पादन को बढ़ावा देने में सौर ऊर्जा महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है।
इस अवसर पर विधायक बंशीधर भगत, सचिव ऊर्जा आर मीनाक्षी सुन्दरम, निदेशक उरेडा रंजना राजगुरू, एमडी पिटकुल पी.सी ध्यानी, महाप्रबंधक पंजाब नेशनल बैंक सचिदानंद दुबे, मुख्य परियोजना अधिकारी उरेडा मनोज कुमार, उप-मुख्य परियोजना अधिकारी अखिलेश कुमार शर्मा, संदीप भटट्, वंदना समेत अन्य उपस्थित उपस्थित थे।
हिन्दुस्थान समाचार / राजेश कुमार / वीरेन्द्र सिंह
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