मुख्यमंत्री ने कोचिंग सेंटरों की जांच के दिए निर्देश

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मुख्यमंत्री ने कोचिंग सेंटरों की जांच के दिए निर्देश


-मुख्य सचिव ने प्रदेश के सभी जिलाधिकारियों को जांच के दिए निर्देश

देहरादून, 31 जुलाई (हि.स.)। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रदेश में संचालित कोचिंग सेंटरों की गहनता से जांच के निर्देश देते हुए कहा कि कोचिंग सेंटरों में अध्यनरत छात्रों और अध्यापकों के लिए की गई व्यवस्थाओं का स्थलीय निरीक्षण किया जाए। उन्होंने इसके लिए मुख्य सचिव को प्रदेश व्यापी अभियान संचालित करने के निर्देश दिए हैं।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि प्रदेश में भारी वर्षा के दृष्टिगत जल भराव होने की सम्भावना रहती है। अतः ऐसी स्थिति में किसी भी प्रकार की आपदा के त्वरित निराकरण के लिए राज्य में संचालित विभिन्न कोचिंग सेन्टर और ऐसे भवन जिनके बेसमेन्ट में विभिन्न प्रकार की मानवीय गतिविधियां संचालित हो रही हैं। तत्परता और प्राथमिकता के साथ जांच कर उनमें सुधारात्मक कार्रवाई की जाए ताकि किसी प्रकार के जान-माल के नुकसान से बचा जा सके।

मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने मुख्यमंत्री के निर्देशों के क्रम में प्रदेश के सभी जिलाधिकारियों को राज्य में संचालित विभिन्न कोचिंग सेन्टर एवं ऐसे भवन जिनके बेसमेन्ट में विभिन्न प्रकार की मानवीय गतिविधियां संचालित हो रही हैं, की जांच के निर्देश दिए हैं। इस संबंध में जारी निर्देश में कहा गया है कि मानसून के दौरान अतिवृष्टि के कारण नई दिल्ली के एक प्रतिष्ठित कोचिंग सेन्टर के बेसमेन्ट में जलभराव की स्थिति के कारण अप्रिय घटना हुई है। उत्तराखण्ड में संचालित विभिन्न कोचिंग सेन्टर और ऐसे भवन जिनके बेसमेन्ट में विभिन्न प्रकार की मानवीय गतिविधियों संचालित हो रही हैं उनकी जांच कर भवन उप-नियमों और सुरक्षा सम्बन्धी अन्य मानकों/नियमों के तहत शीर्ष प्राथमिकता के साथ करना सुनिश्चित किया जाए।

उन्होंने जिलाधिकारियों को सभी संबंधित विभागीय अधिकारियों के साथ तत्काल बैठक कर जनपद में सभी कोचिंग सेंटरों के निरीक्षण के लिए एक समिति का गठन कर समिति के माध्यम से वर्णित स्थानों की जांच कराते हुए सभी प्रकार की कमियों का निराकरण सुनिश्चित कराने को कहा है। जिन भवनों में कमियों का निराकरण किया जाना सम्भव नहीं हो पा रहा हो, उन भवनों में मानसून अवधि तक के लिए ऐसी गतिविधियों पर रोक लगाने के लिए समुचित आदेश पारित कर उसका अनुपालन सुनिश्चित कराएं ताकि मानसून अवधि में जलभराव से होने वाली किसी भी प्रकार की दुर्घटना से बचा जा सके। उन्होंने इस संबंध में की गई कार्यवाही से शासन को 15 दिन के भीतर अवगत कराने के भी निर्देश दिए हैं।

उन्होंने ऐसे भवन जिनके बेसमेन्ट में अग्नि सुरक्षा मानकों की जांच और भवन अथवा कोचिंग सेन्टर में उपलब्ध अग्नि शमन यंत्र व अलार्म और किसी आगजनी की घटना में निकासी मार्ग को स्पष्ट रूप से चिन्हित किया गया है की उनकी जांच की जाए। ऐसे भवनों में स्थापित विद्युत प्रणाली की जांच विद्युत सुरक्षा विभाग से कराने और आवश्यक अनुमति/प्रमाण-पत्र भवन स्वामी की ओर से लिये जाने, विद्युत सुरक्षा विभाग के सुझाये गये उपायों का समावेश भवन में स्थापित विद्युत प्रणाली में किये जाने और भवन निर्माण के लिए आवश्यक मानकों की पूर्ति की भी जांच करने को कहा है।

हिन्दुस्थान समाचार / राजेश कुमार / वीरेन्द्र सिंह

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