उत्तराखंड : पर्यटन उद्योग में क्रांति लाएगा स्वच्छता ग्रीन लीफ रेटिंग सिस्टम, बढ़ाएगा ब्रांड वैल्यू
- रेटिंग के माध्यम से होटल, रिसॉर्ट्स, होम स्टे, लॉज आदि का होगा आंकलन
- प्रदूषण रोकने व पर्यावरण को स्वच्छ बनाने के साथ सस्टेनेबल टूरिज्म को मिलेगा बढ़ावा
देहरादून, 22 मई (हि.स.)। केंद्र सरकार के पेयजल एवं स्वच्छता विभाग और पर्यटन मंत्रालय की ओर से संचालित स्वच्छता ग्रीन लीफ रेटिंग सिस्टम (एसजीएलआर) अब पर्यटन सिटी होने के नाते उत्तराखंड में भी लागू करने की तैयारी की जा रही है। इसके तहत सुरक्षित स्वच्छता के मापदंडों के अंतर्गत हॉस्पिटेलिटी क्षेत्र में आने वाले होटल, रिसॉर्ट्स, होम स्टे, लॉज आदि का आंकलन किया जाएगा। स्वच्छता ग्रीन लीफ रेटिंग सिस्टम पर्यटन उद्योग में क्रांति लाएगा। स्वच्छता ग्रीन लीफ रेटिंग केवल एक मान्यता नहीं, बल्कि पर्यटन उद्योग को संवारने की प्रतिबद्धता है।
यह दूरदर्शी कार्यक्रम पर्यटकों के लिए विश्व स्तरीय स्वच्छता और सुविधाएं प्रदान करने के अनुरूप है, जो स्वच्छ और अधिक टिकाऊ पर्यटन प्रथाओं की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। इसका उद्देश्य पर्यटन स्थलों पर सौंदर्य और स्वच्छता के स्तर को बढ़ाने के साथ पर्यटकों और व्यवसायों दोनों को प्रकृति के साथ सामंजस्यपूर्ण प्रथाओं को अपनाने के लिए प्रेरित करते हुए आर्थिक रूप व्यवहार्य, जिम्मेदार और सुदृढ़ पर्यटन उद्योग विकसित करना है। उत्तरदायी स्वच्छता की वांछित दिशा में निवेश के साथ आतिथ्य क्षेत्र पर्यटकों को आकर्षित करने में सक्षम होगा और ब्रांड वैल्यू भी बढ़ाएगा।
स्वच्छता ग्रीन लीफ रेटिंग में विभिन्न होटल्स, होम स्टे, लॉज, धर्मशालाओं आदि में स्वच्छता, शौचालय, ग्रे वाटर मैनेजमेंट, सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट और अपशिष्ट प्रबंधन आदि के आधार पर स्वच्छता रेटिंग दी जाएगी। इस रेटिंग का उद्देश्य जल निकायों में प्रदूषण को रोकना और पर्यावरण को स्वच्छ रखना है। साथ ही सस्टेनेबल टूरिज्म प्रैक्टिसेस को बढ़ावा देना है।
मुख्य विकास अधिकारी झरना कमठान ने बताया कि पूरे भारत में उत्तराखंड दूसरा राज्य है, जो इस कार्यक्रम को आरंभ कर रहा है। स्वच्छता ग्रीन लीफ का लोगो एक पीपल के पत्ते की है और भारत में मिलने वाले सर्वोच्च सम्मान भारत रत्न में भी पीपल के पत्ते को ही लिया गया है। ऐसे में स्वच्छता के लिए स्वच्छता ग्रीन लीफ सम्मान पत्र का अत्यधिक महत्व है, इसलिए सभी व्यवसायियों को इस अभियान में बढ़-चढ़कर भागीदारी करनी है।
जिला विकास अधिकारी एवं परियोजना प्रबंधक स्वजल सुनील कुमार ने बताया कि स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण एवं जिला पर्यटन विकास परिषद के संयुक्त तत्वावधान में देहरादून के ग्रामीण क्षेत्रों में अवस्थित सभी आतिथ्य सुविधाओं में ग्रीन लीफ प्रणाली को लागू करने में समस्त हितधारकों की ओर से अहम भूमिका निभाई जाएगी।
स्वजल निदेशालय से पर्यावरण विशेषज्ञ डा. रमेश बडोला ने स्वच्छता ग्रीन लीफ के संबंध में बताया कि यह प्रणाली मुख्यतः ग्रामीण स्वच्छता को इंगित करते हुए ठोस एवं तरल अपशिष्ठ प्रबंधन, भूरा जल प्रबंधन एवं फीकल स्लज प्रबंधन के साथ जन-जागरूकता पर आधारित है। इन्हीं मानकों पर समस्त आतिथ्य सुविधाओं के स्वामियों को स्व-मूल्यांकन किया जाना है। स्व-मूल्यांकन प्रपत्र आदि जल्दी ही उपलब्ध करा दिए जाएंगे।
अतिथ्य सुविधाओं के स्वामियों को स्व-मूल्यांकन आख्या उक्त प्रपत्रों पर भरकर दस्तावेज संलग्न कर जिला स्तरीय समिति को उपलब्ध कराना होगा, जिसे जिला समिति एसडीएम स्तर की सत्यापन समिति को अग्रसारित करेगी। सत्यापन समिति स्थलीय निरीक्षण के उपरांत आवेदन सत्यापित कर अपनी आख्या सहित अनुमोदन करते हुए जिला समिति को उपलब्ध कराएगी। इसके बाद जिला समिति ग्रीन लीफ रेटिंग प्रमाण पत्र जारी करेगी।
ग्रीन लीफ प्रमाण से होटल/होम-स्टे/रिसार्ट की कर सकेंगे ब्रांडिंग-
स्वजल देहरादून के सामुदायिक विकास विशेषज्ञ डा. हर्षमणि पंत ने स्वच्छता ग्रीन लीफ प्रणाली के अंतर्गत मूल्यांकन के लिए कुल निर्धारित 200 अंकों में से न्यूनतम 100-130 अंक प्राप्त करने पर एक ग्रीन लीफ, 130-180 अंक तक तीन ग्रीन लीफ और 180-200 तक पांच ग्रीन लीफ प्रमाण पत्र होटल व्यवासायियों को दिया जाएगा। इसका उपयोग वे अपने होटल/होम-स्टे/रिसार्ट आदि के ब्रांडिंग में कर पाएंगे। इससे स्वच्छता का आंकलन देखते हुए पर्यटक और ज्यादा आकर्षित होंगे।
हिन्दुस्थान समाचार/कमलेश्वर शरण/रामानुज
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