मुख्यमंत्री धामी का समावेशी विकास मॉडल उत्तराखंड के लिए नया युग

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मुख्यमंत्री धामी का समावेशी विकास मॉडल उत्तराखंड के लिए नया युग


- धामी की पहल भारतीय राजनीति में एक नया उदाहरण, नई ऊंचाई की ओर उत्तराखंड

- 310 से अधिक घोषणाएं, विपक्ष के प्रस्ताव भी शामिल

देहरादून, 12 सितंबर (हि.स.)। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने समावेशी शासन में एक नया मानक स्थापित किया है। दो वर्ष पहले अपने जन्मदिन पर उन्होंने राज्य के सभी विधायकों से अपने-अपने विधानसभा क्षेत्र के लिए जनहित से जुड़ी 10 विकास योजनाओं का प्रस्ताव मांगा था। इस अनूठी पहल ने राज्य भर में संतुलित विकास सुनिश्चित किया है और भारतीय राजनीति में एक नया उदाहरण स्थापित किया है।

मुख्यमंत्री धामी का विकास मॉडल सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास, सबका प्रयास के सिद्धांत पर आधारित है। सभी दलों के विधायकों को प्रस्ताव आमंत्रित करके उन्होंने सभी नागरिकों के कल्याण के प्रति प्रतिबद्धता दिखाई है।

मुख्यमंत्री के आह्वान पर सभी दलों के विधायकों ने लगभग 700 प्रस्ताव प्रस्तुत किए। अब तक मुख्यमंत्री धामी ने इनमें से 310 से अधिक प्रस्तावों के लिए आदेश जारी किए हैं। विशेष रूप से इन 310 से अधिक घोषणाओं में से 90 से अधिक घोषणाएं विपक्षी दलों के विधायकों द्वारा प्रतिनिधित्व वाले क्षेत्रों से संबंधित हैं। इससे सरकार की समावेशी विकास के प्रति प्रतिबद्धता स्पष्ट होती है।

इन परियोजनाओं के समयबद्ध कार्यान्वयन के लिए मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव आरके सुधांशु ने समस्त विभागीय सचिवों को निर्देश दिए हैं कि विधायकों के प्रस्ताव पर मुख्यमंत्री के घोषणाओं को पूर्ण करने के लिए युद्ध स्तर पर कार्य किया जाए।

मुख्यमंत्री धामी की पहल ने उत्तराखंड को एक ऐसा विकास मॉडल प्रदान किया है, जो समावेशी और समतापूर्ण है। सभी को समान अवसर प्रदान करके चाहे वे किसी भी राजनीतिक दल से संबंधित हों, मुख्यमंत्री ने शासन में एक नया मानक स्थापित किया है। उनके नेतृत्व में उत्तराखंड अब विकास की नई ऊंचाइयों को छूने के लिए तैयार है।

हिन्दुस्थान समाचार / कमलेश्वर शरण

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