बढ़ते तापमान को लेकर मुख्यमंत्री धामी अलर्ट, स्वास्थ्य सचिव को अस्पतालों में समुचित व्यवस्था बनाने के दिए निर्देश
-स्वास्थ्य सचिव बोले, मौसम देखकर निकलें घर से बाहर, जरूरी न हो तो निकलने से बचें
देहरादून, 31 मई (हि.स.)। हमेशा ठंडा रहने वाला उत्तराखंड भी अब गर्मी की चपेट में है। राज्य के मैदानी जिलों में तापमान लगातार बढ़ता जा रहा है। मैदानी जिलों से लेकर पर्वतीय जिलों में तापमान सामान्य से ऊपर है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने स्वास्थ्य सचिव डॉ. आर. राजेश कुमार को स्वास्थ्य विभाग की तैयारियों को लेकर जरूरी निर्देश दिए हैं। सरकारी अस्पतालों में समुचित व्यवस्थाएं बनाने और जरूरी दवाओं का स्टाक रखने के निर्देश दिए।
स्वास्थ्य सचिव ने कहा गर्मी के बढ़ने से सेहत पर भी इसका असर पड़ता है। मौसम विभाग का कहना है कि राज्य में सीवियर हीट वेव कंडीशन देखने को मिली है। जिसके चलते मैदान से लेकर पहाड़ तक गर्म हवाएं चल सकती हैं। इसलिए स्वास्थ्य विभाग की तरफ से नई हैल्थ एडवाइजरी जारी की गई है। जिसको देखते हुए स्वास्थ्य विभाग ने राज्य के सभी अस्पतालों में अर्लट जारी कर दिया है। एडवाइजरी में दोपहर 12 से सायं 4 के मध्य धूप में बिना जरूरी काम के न निकलने की सलाह दी गई है। स्वास्थ्य सचिव ने कहा गर्मी के कारण बीमारियां की चपेट में आने की ज्यादा संभावनाएं रहती हैं। इसको देखते हुए प्रदेश के सारे सरकारी अस्पततालों में पूर्व में ही अर्लट जारी कर व्यवस्थायें बनाने के निर्देश जारी कर दिये गये थे।
स्वास्थ्य सचिव ने कहा कि गर्मी के मौसम में बच्चों और बुर्जगों को कम से कम घर से निकलने दें, ताकि बच्चे हीट वेव से बच सकें और वो कम बीमार पड़े। उन्होंने कहा कि गर्मी से बचने के लिए अधिक से अधिक तरल पदार्थ का सेवन करें, ताकि शरीर में पानी की कमी ना हो पानी की कमी नहीं होने से भी गर्मी के प्रकोप से बच्चों को बचाया जा सकता है।
हीटवेव (गर्मी/लू) से बचाव के उपाय
स्वास्थ्य सचिव डॉ. आर. राजेश कुमार ने कहा कि घर से बाहर निकलने से पहले एक बार तापमान जरूर देख लें और अगर ज्यादा ही जरूरी है तो अपने साथ धूप से बचाने वाली चीजें लेकर चलें। जैसे चश्मा, छाता, सनस्क्रीन, मुंह पर बांधने वाला कपड़ा, पानी की बोतल और खाने के लिए छोटी-मोटी चीजें। थोड़े-थोड़े समयान्तराल पर तरल पदार्थ (शीतल जल, नीबू पानी, शिकंजी, नारियल पानी आदि) पीते रहें। घर, कार्यस्थल आदि स्थानों पर सूर्य की सीधी रोशनी को रोकने के लिए पर्दा आदि का प्रबन्ध करें। जानवरों को छायादार स्थानों पर रखें। बच्चे, बीमार व बुजुर्गों का विशेष ध्यान रखें। हीट स्ट्रोक/लू के लक्षण दिखने पर नजदीकी राजकीय चिकित्सा इकाई पर सम्पर्क करें।
हीटवेव (गर्मी/लू) में क्या न करें
स्वास्थ्य सचिव ने कहा कि स्वास्थ्य विभाग ने लोगों से बिना काम के घर से बाहर न निकलने की अपील की है। अत्यधिक गर्मी (दोपहर 12 से सायं 4) के मध्य बाहर धूप में बिना जरूरी काम के बिल्कुल न जायें। नंगे पैर/बदन धूप में जाने परहेज करें। अत्यधिक प्रोटीन युक्त भोजन व बासी भोजन का सेवन करने से बचें। धूप में खड़ी गाड़ियों में बच्चों और पालतू जानवरों को अकेला बिल्कुल न छोडें। गहरे व चटक रंग के कपड़ों को गर्मियों में पहनने से परहेज करें। इसके साथ ही तंग एवं छोटे कपड़ों का प्रयोग विशेषकर जब बाहर धूप में जाना हो बिल्कुल न करें। बंद एवं अत्यधिक गर्मी वाले स्थान पर भोजन न पकायें। गर्मियों में शराब, चाय, कॉफ़ी, कार्बाेहाइड्रेट, साफ्ट ड्रिंक आदि का अधिक सेवन न करें। अधिक गर्मी/धूप में श्रम कार्य करने से बचना चाहिए।
राज्य के सभी सरकारी अस्पतालों में अर्लट जारी
स्वास्थ्य सचिव ने कहा कि गर्मी के मौसम व हीट वेव के खतरे को दृष्टिगत सभी जनपदों को सतर्क रहने के निर्देश पहले ही दे दिए गए थे। सभी चिकित्सालयों को पर्याप्त मात्रा में ओआरएस, आई फलूडस आदि की व्यवस्था सुनिश्चित किए जाने के लिए कहा गया। सभी स्वास्थ्य कर्मी चिकित्सा एवं पैरामेडिकल स्टाफ का प्रशिक्षण किया गया है। सभी चिकित्सालयों में पीने के पानी की दुरुस्त व्यवस्था रखने के निर्देश दिए गए थे तथा चिकित्सालय में बिजली की निरंतर आपूर्ति रखने के लिए कहा गया है। हीट स्ट्रोक से कोई मृत्यु दर्ज होती है तो उसकी डेथ ऑडिट किया जायेगा, ताकि मृत्यु के सही कारण का पता लगाया जा सके लोगों को हीट स्ट्रोक से बचाव हेतु जागरूकता के लिए सोशल मीडिया प्रिंट मीडिया होर्डिंग बैनर के माध्यम से प्रचार प्रसार किया जा रहा है।
हिन्दुस्थान समाचार/कमलेश्वर शरण/प्रभात
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