उत्तराखंड के मेजर प्रशांत और हितेश खरायत सम्मानित
देहरादून, 13 जनवरी (हि.स.)। मध्य कमान अलंकरण समारोह 2024 कार्यक्रम शनिवार को लखनऊ छावनी में आयोजित किया गया। इस दौरान 11 जीआरआरसी के परेड ग्राउंड में पुरस्कार विजेताओं में उत्तराखंड के मेजर प्रशांत भट्ट को सेना मेडल और मेजर हितेश खरायत को सेना पदक से सम्मानित किया गया।
जनरल ऑफिसर ने प्राप्त कर्ताओं को आठ वीरता पुरस्कार और 11 विशिष्ट सेवा पुरस्कार प्रदान किए। 17 इकाइयों को उनकी पेशेवर उत्कृष्टता के लिए जनरल ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ यूनिट प्रशंसा के साथ-साथ पांच सूर्या कमांड ट्रॉफियां भी प्रदान कीं।
उत्तराखंड से संबंधित सेना पदक (वीरता) प्राप्तकर्ताओं की शौर्य गाथा-
मेजर प्रशांत भट्ट : 2022 में आतंकवादियों की मौजूदगी के संबंध में विशिष्ट खुफिया जानकारी के आधार पर अनंतनाग जिले के एक जंगली इलाके में एक ऑपरेशन शुरू किया गया था। बागेश्वर, उत्तराखंड के मेजर प्रशांत भट्ट एक छोटी सी टीम का नेतृत्व कर रहे थे, जिसे स्टॉप तैनात करने और लक्ष्य पर कड़ी निगरानी स्थापित करने का काम सौंपा गया था।
अधिकारी अपनी सावधानीपूर्वक योजना और सामरिक कौशल के माध्यम से अंधेरे की आड़ में अप्रत्याशित मार्ग का उपयोग करते हुए अपनी टीम के साथ आगे बढ़े। संदिग्ध गतिविधि देखने पर, अधिकारी सावधानी से लक्ष्य की ओर रेंगते रहे। असाधारण युद्ध कला और अदम्य साहस के साथ उनके निर्णायक युद्धाभ्यास ने उन्हें एक स्वचालित राइफल के साथ एक आतंकवादी को ठिकाने से नाले की ओर जाते हुए देखने में सक्षम बनाया, जिससे आतंकवादियों की उपस्थिति की पुष्टि हुई। आतंकवादी से बचकर निकलने के दौरान भारी गोलीबारी का सामना करने के बावजूद, पहले आतंकवादी को करीब से घेर लिया और उसे मार गिराया। उद्यमशील नेतृत्व और असाधारण बहादुरी के इस कार्य के लिए, मेजर प्रशांत भट्ट को सेना मेडल (वीरता) से सम्मानित किया गया है।
मेजर हितेश खरायत : उत्तराखंड के पिथौरागढ़ के रहने वाले मेजर हितेश खरायत ने सोच-समझकर योजना बनाने के बाद आतंकवादियों की गतिविधियों को रोकने के लिए अपने दल का नेतृत्व किया। उन्होंने सशस्त्र आतंकवादी को अपनी ही टुकड़ी की ओर बढ़ते हुए देखा। चुनौती दिये जाने पर उग्रवादियों ने अंधाधुंध गोलीबारी कर घेरा तोड़ने की कोशिश की। अपने सामरिक कौशल का प्रदर्शन करते हुए,अधिकारी ने एक वीरतापूर्ण कदम उठाते हुए तुरंत अपना कवर छोड़ दिया और आतंकवादी पर सटीक गोलीबारी करते हुए एक आतंकवादी को नजदीक से मार गिराया। एक अन्य आतंकवादी को एक ओवर ग्राउंड वर्कर को मानव ढाल के रूप में इस्तेमाल करते हुए घने पत्तों में छिपा हुआ देखा गया।
अधिकारी ने यह सुनिश्चित किया कि कोई भी गोली न चलाए और अपनी व्यक्तिगत सुरक्षा की परवाह किए बिना,उसने इंसर्जेंट पर शारीरिक रूप से काबू पा लिया। उन्होंने इस ऑपरेशन का नेतृत्व किया जिसमें दो आतंकवादीयों को मार गिराया गया और एक को जिंदा पकड़ लिया गया। साथ ही दो असॉल्ट राइफलें,एक पिस्तौल और भारी मात्रा में युद्ध सामग्री बरामद की गई। विशिष्ट बहादुरी,अदम्य भावना और अनुकरणीय नेतृत्व प्रदर्शित करने के लिए, मेजर हितेश खरायत को सेना पदक (वीरता) से सम्मानित किया गया है।
हिन्दुस्थान समाचार/राजेश/रामानुज
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