कैंसर जैसी घातक बीमारी से बचाव के लिए जागरूकता जरूरी : राज्यपाल
देहरादून, 03 नवम्बर (हि.स.)। राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (सेनि) ने कहा कि कैंसर एक बड़ी स्वास्थ्य समस्या के रूप में लाखों लोगों को अपनी चपेट में ले रहा है। इससे लोगों के जीवन में अत्यन्त घातक असर पड़ रहा है। कैंसर जैसी घातक बीमारी और इससे होने वाले नुकसान के बारे में दूरस्थ क्षेत्रों तक लोगों में जागरूकता के प्रयास किए जाएं।
शुक्रवार को हेमवती नंदन बहुगुणा चिकित्सा शिक्षा विश्वविद्यालय की ओर से राजभवन में कैंसर जागरूकता और रोकथाम विषय पर सेमिनार का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि राज्यपाल ने कहा कि कैंसर से बचने के उपायों में हमें अपने जीवन शैली को सही रखना और संतुलित आहार करना जरूरी है। इस घातक बीमारी के प्रति हम शुरुआती चरण में लापरवाह बने रहते हैं और जब यह रोग विकट रूप लेता है तब उपचार की खोज में जाते हैं लेकिन तब तक देर हो चुकी होती है। ऐसे में हम लोगों को इसकी घातक प्रवृत्ति, लक्षण, कारण और निदान के बारे में जागरूक बनना होगा। उन्होंने कहा कि इस संगोष्ठी में बहुत से उपाय विशेषज्ञों द्वारा बताये गए हैं जिस पर सभी को अमल करना होगा।
राज्यपाल ने विश्वास जताया कि इस सेमिनार के माध्यम से जो विचार और मंथन किए गए हैं उससे इस रोग के प्रति जागरूकता और निदान के प्रति संवेदनशीलता बढ़ेगी। इसकी जागरूकता के लिए मास मीडिया का उपयोग भी किया जाना जरूरी है। जिससे लोग इस रोग के लक्षणों और कारणों की जानकारी के प्रति सचेत हो सकेंगे।
सेमिनार में सुभारती कैंसर प्रबंधन संस्थान मेरठ के निदेशक डॉ. अनुराग श्रीवास्तव ने स्तन कैंसर के बारे में महत्वपूर्ण जानकारियां साझा की। उन्होंने बताया कि किसी भी प्रकार के कैंसर का इलाज संभव है अगर उसका पता शुरूआत में लग जाए। कम जागरूकता की वजह से कैंसर का पता शुरुआती चरण में नहीं लग पाता। महिलाओं में होने वाला स्तन कैंसर 30 से 40 वर्ष की उम्र में अधिक घातक होता है। उन्होंने स्तन कैंसर के लक्षण और विकसित विधियों की ओर से किए जाने वाले निदान और उपचार के बारे में बताया।
एम्स ऋषिकेश के डॉक्टर अमित शेरावत की ओर से फेफड़ों में होने वाले कैंसर के बारे में उपस्थित लोगों को जानकारियां दी गई। उन्होंने बताया कि फेफड़ों में होने वाले कैंसर का 80 प्रतिशत से अधिक कारण धूम्रपान है। हमारी जीवनशैली भी कैंसर के लिए काफी हद तक जिम्मेदार है। उन्होंने धूम्रपान न करने की सलाह दी।
विशिष्ट अतिथि राज्यपाल सचिव रविनाथ रामन ने कहा कि कैंसर जैसी घातक बीमारी के लिए यह बहुत महत्वपूर्ण है कि हम अपनी जीवनशैली में भी परिवर्तन करें जो हमें इन खतरों से बचाकर रख सके।
एचएनबी चिकित्सा शिक्षा विश्वविद्यालय कुलपति प्रो. हेमचंद्र ने उपस्थित सभी अतिथियों का स्वागत किया और इस सेमिनार में पधारने के लिए उनका धन्यवाद ज्ञापित किया।
हिन्दुस्थान समाचार/राजेश/वीरेन्द्र
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