बदरीनाथ और मंगलोर विधानसभा सीटों पर उपचुनाव के लिए सभी पोलिंग पार्टियां रवाना

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बदरीनाथ और मंगलोर विधानसभा सीटों पर उपचुनाव के लिए सभी पोलिंग पार्टियां रवाना


-दोनों विधानसभा क्षेत्रों में उपचुनाव ड्यूटी में 4200 कार्मिकों की तैनाती

देहरादून, 09 जुलाई (हि. स.)। बदरीनाथ और मंगलोर विधानसभा सीटों पर उपचुनाव के लिए सभी पोलिंग पार्टियां रवाना हो गईं। उपचुनाव ड्यूटी में 4200 कार्मिकों की तैनाती की गई है। बदरीनाथ विधानसभा क्षेत्र में 9 हाई एल्टीट्यूड पोलिंग स्टेशन पर पहली बार ग्रामीण मतदान करेंगे। दस जुलाई को मतदान है।

मुख्य निर्वाचन अधिकारी डॉ. बी.वी.आर.सी पुरुषोत्तम के निर्देशों के क्रम में बदरीनाथ और मंगलौर विधानसभा क्षेत्रों में उपचुनाव को लेकर उप मुख्य निर्वाचन अधिकारी मुक्ता मिश्र व सहायक मुख्य निर्वाचन अधिकारी मस्तू दास ने संयुक्त रूप से मीडिया ब्रीफ़िंग में यह जानकारी दी। उप मुख्य निर्वाचन अधिकारी मुक्ता मिश्र ने बताया कि बुधवार को विधानसभा क्षेत्र बदरीनाथ व मंगलौर में मतदान संपन्न कराने के लिए सभी पोलिंग पार्टियों को रवाना कर दिया गया है। उन्होंने बताया कि दोनों विधानसभा सीटों के उपचुनाव को संपन्न कराने के लिए लगभग 4200 कार्मिकों को ड्यूटी पर लगाया गया है।

सहायक मुख्य निर्वाचन अधिकारी मस्तू दास ने बताया कि बदरीनाथ क्षेत्र में जिन स्थानों पर लैंडस्लाइड के कारण सड़क मार्ग अवरुद्ध है उन स्थानों पर पर्याप्त मानवबल लगाकर पोलिंग पार्टियों को पैदल मार्ग से पोलिंग स्टेशनों तक पहुंचा दिया गया है। इसके अलावा मतदान कार्मिकों के लिये रिज़र्व वाहनों की भी व्यवस्था की गई है। सहायक मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने बताया कि बदरीनाथ व मंगलौर विधानसभा सीटों पर उपचुनाव के दौरान सी-विजिल के माध्यम से 624 शिकायतें प्राप्त हुई। इनमें 623 शिकायतों का समाधान किया गया है जबकि एक शिकायत आरओ द्वारा निरस्त कर दी गई। इसके अलावा उन्होंने बताया कि उपचुनाव में 15 लाख 95 हज़ार कैश समेत कुल 32 लाख रुपये क़ीमत की शराब एवं मादक पदार्थ सीज किए गए।

09 हाई एल्टीट्यूड पोलिंग स्टेशन स्थापित:

सहायक मुख्य निर्वाचन अधिकारी मस्तू दास ने बताया कि बदरीनाथ विधानसभा क्षेत्र के सीमांत क्षेत्रों में पहली बार 9 हाई एल्टीट्यूड पोलिंग स्टेशन स्थापित किए गए हैं, जिनमें 17 गावों के 3838 मतदाता मतदान करेंगे। उत्तराखण्ड बनने के बाद से सामान्य रूप से विधानसभा एवं लोकसभा चुनावों के दौरान शीतकाल में इन क्षेत्रों में स्थानीय मतदाताओं द्वारा प्रवास ना किए जाने की स्थिति में उनके ग्रीष्मक़ालीन प्रवास वाले गांव में मतदान की व्यवस्था की जाती थी।

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हिन्दुस्थान समाचार / राजेश कुमार / चन्द्र प्रकाश सिंह

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