बजट में अनुमानित राजस्व से स्वयं के कर 10 प्रतिशत अधिक

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भराड़ीसैंण, (गैरसैंण) 15 मार्च (हि.स.)। वित्तीय वर्ष 2022-23 में राज्य सरकार की ओर से स्वयं के कर राजस्व के अन्तर्गत बजट 15,370 करोड़ बजट के सापेक्ष लगभग 16,951 के आय का वित्तीय वर्ष में पुनीरिक्षित अनुमान लगाया है, जो अनुमानित राजस्व से 10 प्रतिशत अधिक हैं। इसमें मुख्यतः रूप से एसजीएसटी में 7396.33 करोड़ (19.28 प्रतिशत) और स्टैम्प एण्ड रजिस्ट्रेशन 1849.23 (16.30 प्रतिशत) की वृद्धि हुई है। वाहन कर में 1300 ( 12.55 प्रतिशत वृद्धि) का मुख्य योगदान रहा है। यह एक राज्य की आर्थिकी की दृढ़ता दिखाता है और भविष्य में अच्छे जीएसडीपी की वृद्धि की तरफ इशारा करता है।

इस ट्रैंड के आधार पर आगामी बजट में राजकीय स्वयं कर राजस्व में बजट अनुमान के सापेक्ष लगभग 30 प्रतिशत की वृद्धि की गई है। जोकि लगभग 19,982 करोड़ है। वर्ष 2022-23 के पुनीरिक्षित अनुमान के अनुसार राज्य का राजस्व व्यय 49,594 करोड़ अनुमानित है, जो कि वित्तीय वर्ष 2022-23 के बजट अनुमान से 1.19 प्रतिशत अधिक है।

उपरोक्त से यह निष्कर्ष निकलता है कि जहां राज्य एक ओर अपने स्वयं के संसाधनों में तेजी से वृद्धि कर रहा है वहीं दूसरी ओर अपने मितव्ययता को प्रभावी करते हुए राजस्व व्यय की वृद्धि को सीमित करने में सफल रहा है।

भारत सरकार आगामी वर्ष में राज्य के केन्द्रीय करों मे 25 प्रतिशत् वृद्धि का अनुमान दिया है। जिस कारण वित्तीय वर्ष 2022-23 के बजट अनुमान 9,130 करोड़ के सापेक्ष वित्तीय वर्ष 2023-24 में इस स्रोत से 11,419 करोड़ अनुमान लगाया गया है।

राज्य द्वारा वित्तीय वर्ष 2022-23 के बजट को राजस्व अधिशेष रखने में सफल रहा है। 2,450 करोड़ का राजस्व अधिशेष वित्तीय वर्ष 2022-23 में अंकित किया।

भारत सरकार द्वारा भी आगामी वर्ष में राज्य के केन्द्रीय करों में 25 प्रतिशत् वृद्धि का अनुमान दिया है। जिस कारण वित्तीय वर्ष 2022-23 के बजट अनुमान रू0 9,130 करोड़ के सापेक्ष वित्तीय वर्ष 2023-24 में इस स्रोत से रू0 11,419 करोड़ अनुमान लगाया गया है।

राज्य द्वारा वित्तीय वर्ष 2022-23 के बजट को राजस्व अधिशेष रखने में सफल रहा है। रू0 2,450 करोड़ का राजस्व अधिशेष वित्तीय वर्ष 2022-23 मे अंकित किया गया है। राजस्व में हुई तेज वृद्धि के चलते यह उपलब्धि हासिल हो पायी है।

वित्तीय वर्ष 2022-23 के बजट पुनीरिक्षित अनुमान के अनुसार राजकोषीय घाटा 8,107 करोड़ अनुमानित है जो कि एफ. आर. बी. एम. की निर्धारित सीमा के अन्तर्गत है । राजकोषीय घाटा सकल राज्य घरेलू उत्पाद जो कि 2.68 प्रतिशत् है एवं एफ.आर.बी.एम. के आधीन के 3 प्रतिशत् मानक के सापेक्ष कम रहा है

राज्य का पूंजीगत परिव्यय में वित्तीय वर्ष 2022-23 के पुनीरिक्षित अनुमान के अनुसार ल 10,471 करोड़ का व्यय अनुमानित है तथा वित्तीय वर्ष 2023-24 में इसको बढ़ा कर 13,133 करोड़ बजट में प्रावधान किया गया है। गत वर्ष के बजट अनुमान के सापेक्ष इसमे लगभग 21 प्रतिशत की वृद्धि प्रावधानित की गयी है । अतः राज्य सरकार द्वारा परिसम्पत्तियों के सजून पर विशेष ध्यान देने व आवश्यक संसाधन बजट 2023-24 के प्राविधानानुसार किये गये हैं।

इस वित्तीय वर्ष में कुल बजट का आकार 77,407 करोड़ हैं जो गत वर्ष के बजट अनुमान 65,571 करोड़ के सापेक्ष 18.05 प्रतिशत की वृद्धि को दर्शाता है। वित्तीय वर्ष 2018-18 में राज्य 6,300 करोड़, वित्तीय वर्ष 2019-20में 5,100 करोड़, वित्तीय वर्ष 2020-21 में 6,200 करोड़, वित्तीय वर्ष 2021-22 में 3,200 करोड़ का बाजार ऋण लिया गया था । वित्तीय वर्ष 2022-23 में अब तक राज्य द्वारा मात्र 2,500 करोड़ का बाजार ऋण लिया गया है। जो कि राज्य की कुशल वित्तीय प्रबन्धन को दर्शाता है।

राज्य के सर्वांगीण विकास में बजट कारगर साबित होगा: रेखा आर्या

मंत्री गणेश जोशी,रेखा आर्या ने ग्रीष्मकालीन राजधानी गैरसैण में पेश बजट को सशक्त उत्तराखण्ड का विकासोन्मुखी बताया है।

मंत्री रेखा आर्या ने बजट पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि इस बजट में सभी वर्गों के हितों को ध्यान में रखा गया है। खासकर किसान, महिलाओं, युवाओं के लिए यह बजट लाभदायक सिद्ध होगा। यह बजट उत्तराखंड के सर्वांगीण विकास में मील का पत्थर साबित होगा।

सशक्त उत्तराखंड बनाने में यह बजट अहम भूमिका निभाएगा

मंत्री गणेश जोशी ने बजट को बताया ऐतिहासिक कहा अमृत काल का यह पहला बजट प्रदेश को सशक्त उत्तराखंड बनाने में निभाएगा अहम भूमिका। यह बजट केन्द्र सरकार की प्रेरणा से केन्द्रीय बजट के सप्तर्षि से सम्बद्ध किया गया बजट है। गत वर्ष के सपेक्ष इस वर्ष 18.05 प्रतिशत की बजट में वृद्धि की गई है।

पूर्व सैनिकों एवं उनके आश्रितों का कल्याण करने के लिए विभिन्न योजनाओं के माध्यम से राज्य सरकार प्रयास कर रही है। शौर्य स्थल के लिए. बीस करोड सैनिक विश्राम गृहों का निर्माण के लिए दो करोड़,खटीमा में सी. एस. डी. की स्थापना के लिए. एक करोड़,शहीद द्वार / स्मारकों का निर्माण के लिए एक करोड़,उत्तराखण्ड के निवासी द्वितीय विश्व युद्ध के भूतपूर्व सैनिकों एवं उनके आश्रित विधवाओं के पेन्शन हेतु लगभग रु सात करोड़ अड़तीस लाख इसी प्रकार सैनिक विश्राम गृहों की साज-सज्जा हेतु रू. पचास लाख, एवं वीरता पुरस्कार प्राप्त सैनिकों एवं उनकी वीरंगनाओं हेतु निःशुल्क यात्रा की सुविधा के लिए नई दस लाख का प्रावधान किया गया है। मंत्री जोशी ने कहा बजट में हर वर्ग का ध्यान रखा गया है।

हिन्दुस्थान समाचार/राजेश

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