वन्य जीव सप्ताह के समापन पर राज्यपाल बोले- अनूठी प्राकृतिक सुंदरता के साथ विशिष्ट जैव विविधता के लिए विश्वभर में विख्यात है देवभूमि

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वन्य जीव सप्ताह के समापन पर राज्यपाल बोले- अनूठी प्राकृतिक सुंदरता के साथ विशिष्ट जैव विविधता के लिए विश्वभर में विख्यात है देवभूमि


- 'मंथ्स आफ इंडिया : ए फील्ड गाइड' पुस्तक का विमोचन

देहरादून, 08 अक्टूबर (हि.स.)। राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (सेनि) ने मंगलवार को राजभवन ऑडिटोरियम में वन विभाग उत्तराखंड की ओर से आयोजित वन्य जीव सप्ताह 2024 के समापन सत्र में बतौर मुख्य अतिथि के रूप में प्रतिभाग किया। इस वर्ष वन्यजीव सप्ताह 'मानव वन्यजीव सह अस्तित्व' थीम पर मनाया गया।

इस अवसर पर राज्यपाल ने संजय सोंधी द्वारा लिखित पुस्तक 'मंथ्स आफ इंडिया : ए फील्ड गाइड' का विमोचन किया। इस पुस्तक में मोथ्स की प्रत्येक प्रजाति की तस्वीरें और भारत भर में मोथ्स का वितरण शामिल है। राज्यपाल ने कहा कि यह गाइड लोगों को मोथ्स की पहचान करने और मोथ वॉचिंग को शौक के रूप में लोकप्रिय बनाने में मदद करेगी। इस अवसर पर राज्यपाल ने वर्ल्ड वाइड फंड फॉर नेचर (डब्ल्यूडब्ल्यूएफ) द्वारा लगाई गई प्रदर्शनी 'विंग्स ऑफ वंडरः रेपटर एक्जिबिशन' का अवलोकन किया।

राज्यपाल ने कहा कि देवभूमि उत्तराखंड का प्राकृतिक सौंदर्य अद्वितीय और मंत्रमुग्ध कर देने वाला है। यहां की हरी-भरी घाटियां, ऊंचे-ऊंचे बर्फ से ढके पहाड़, गंगा और यमुना जैसी पवित्र नदियां और घने जंगल प्रकृति प्रेमियों को आकर्षित करते हैं। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड राज्य वन एवं वन्य जीव संपदा से समृद्ध प्रदेश है। देवभूमि अपनी अनूठी प्राकृतिक सुंदरता के साथ विशिष्ट जैव विविधता के लिए विश्वभर में विख्यात है। विशिष्ट भौगोलिक स्थलाकृति व जलवायु विविधता के कारण ही यहां अनेकों प्रकार के वन और वन्य जीव पाए जाते हैं। इस कारण देश-विदेश के लाखों पर्यावरण एवं वन्य जीव प्रेमी वर्ष भर यहां आते रहते हैं।

उत्तराखंड में बाघ, हाथियों और हिम तेंदुओं की संख्या में लगातार हो रही वृद्धि

राज्यपाल ने कहा कि आज यह समझना बहुत जरूरी है कि हम पृथ्वी के संसाधनों के ओनर नहीं बल्कि ट्रस्टी हैं, इसलिए हमारी प्राथमिकताएं मानव केंद्रित होने के साथ प्रकृति केंद्रित भी होनी चाहिए। जंगलों एवं वन्य जीवों के संरक्षण, संवर्धन एवं पोषण की जिम्मेदारी हम सभी की है। उन्होंने कहा कि हमें वन एवं वन्य जीवों की उपयोगिता एवं मानव वन्यजीव सह-अस्तित्व के महत्व को समझना होगा। राज्यपाल ने कहा कि वन्यजीव संरक्षण के लिए किए जा रहे प्रयासों के फलस्वरूप राज्य में मुख्य वन्य जीवों बाघ, हाथियों और हिम तेंदुओं की संख्या में लगातार वृद्धि हो रही है।

हिम तेंदुओं के संरक्षण-संवर्धन के लिए उत्तरकाशी में होगी विशेष केंद्र की स्थापना

वन मंत्री सुबोध उनियाल ने कहा कि वन विभाग के कुशल अधिकारियों के नेतृत्व में प्रदेश में मानव एवं वन्य जीव सह अस्तित्व की दिशा में उचित कदम उठाए जा रहे हैं। साथ ही हिम तेंदुओं के संरक्षण एवं संवर्धन के लिए उत्तरकाशी में एक विशेष केंद्र की स्थापना का कार्य भी गतिमान है। इस अवसर पर मानव एवं वन्य जीव संघर्ष के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने वाले वन सेवा के अधिकारियों को सम्मानित किया गया। कार्यक्रम में कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी, प्रमुख सचिव आरके सुधांशु, प्रमुख वन्य संरक्षक (हॉफ) डॉ. धनंजय मोहन, प्रमुख वन्य संरक्षक (वन संरक्षण) रंजन कुमार मिश्रा आदि उपस्थित थे।

हिन्दुस्थान समाचार / कमलेश्वर शरण

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