विकास कार्यों के लिए 135 करोड़ की धनराशि मिलने पर विधानसभा अध्यक्ष ने जताया प्रधानमंत्री का आभार

विकास कार्यों के लिए 135 करोड़ की धनराशि मिलने पर विधानसभा अध्यक्ष ने जताया प्रधानमंत्री का आभार
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विकास कार्यों के लिए 135 करोड़ की धनराशि मिलने पर विधानसभा अध्यक्ष ने जताया प्रधानमंत्री का आभार


देहरादून, 23 नवंबर (हि.स.)। केंद्र सरकार ने कोटद्वार में खोह नदी की सफाई और एसटीपी प्लांट के लिए 135 करोड़ की धनराशि स्वीकृत की है। इस पर विधानसभा अध्यक्ष खंडूड़ी ने प्रधानमंत्री और केंद्रीय मंत्री, मुख्यमंत्री का आभार जताया है।

उत्तराखंड राज्य को नमामि गंगे परियोजना के तहत गंगा नदी जल प्रदूषण नियंत्रण के लिए लगभग 135 करोड़ रुपये की लागत परियोजना को राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन, जल शक्ति मंत्रालय, भारत सरकार की 52वीं कार्यकारी समिति की बैठक में सैद्धान्तिक स्वीकृति मिली है। इस स्वीकृति को लेकर कोटद्वार विधायक एवम उत्तराखंड विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी भूषण ने केंद्रीय और प्रदेश सरकार का आभार व्यक्त किया है।

विधानसभा अध्यक्ष ने इस सौगात के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी , जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत और प्रदेश के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि कोटद्वार को नमामि गंगे के माध्यम से एक सौ पैंतीस करोड़ रुपये दिए गए हैं। हमारी खो नदी में जो नाले गिरते हैं, उनको टैप करने के लिए और सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट बनाने के लिए उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी, जलशक्ति मंत्री शेखावत और मुख्यमंत्री की वजह से कोटद्वार को ये एक सौ पैंतीस करोड़ की सौगात मिली है।

विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि कोटद्वार के लिए सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट बहुत आवश्यक था और इसके लिए पिछले डेढ़ साल से वे केंद्र सरकार के संबंधित मंत्रालयों से बातचीत में लगी हुई थीं। उन्होंने बताया कि वे केंद्रीय मंत्री से मिली और डीजी को भी दो से तीन बार इस संबंध में मिलीं ओर अनगिनत चिट्ठियां लिखीं।

उन्होंने बताया कि इस स्वीकृत परियोजना में उत्तराखंड के जनपद पौड़ी गढ़वाल क्षेत्र के कोटद्वार शहर में बहने वाली खोह नदी में गिरने वाले 09 नालों को टैप करने एवं 21 एम.एल.डी. सीवेज शोधन संयंत्र के निर्माण की स्वीकृति के लिए सहमति (लागत- लगभग 135 करोड़) प्रदान की गई है। खोह नदी कोटद्वार नगर से बहते हुए रामगंगा नदी में मिलती है, जो कि आगे चलकर गंगा नदी की प्रमुख सहायक नदी है। परियोजना के निर्माण से खोह एवं रामगंगा नदी के पारिस्थितिकी तंत्र में तो सुधार होगा। साथ ही साथ गंगा नदी में दूषित जल का प्रवाह रुकेगा।

हिन्दुस्थान समाचार/ साकेती/रामानुज

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