आशा स्वास्थ्य कार्यकर्ता ने सौंपा ज्ञापन
नैनीताल, 11 दिसंबर (हि.स.)। एक्टू से संबद्ध उत्तराखंड आशा हेल्थ वर्कर्स यूनियन ने पल्स पोलियो अभियान के दौरान आशा कार्यकर्ताओं को दिए जाने वाले मानदेय में की गई कटौती पर कड़ी आपत्ति जताते हुए गुरुवार को कुमाऊं आयुक्त को ज्ञापन प्रेषित किया। ज्ञापन के माध्यम से यूनियन ने मांग की है कि एक सप्ताह के अभियान के िलए निर्धारित 700 रुपये को घटाकर 550 रुपये किए जाने के निर्णय को तत्काल प्रभाव से वापस लिया जाए।
यूनियन ने ज्ञापन में कहा है कि आशा कार्यकर्ताओं को न्यूनतम वेतन और कर्मचारी का दर्जा तक प्राप्त नहीं है, ऐसे में पहले से ही अल्प मानदेय में की गई कटौती अत्यंत अन्यायपूर्ण व अस्वीकार्य है। उन्होंने कहा कि मातृ-शिशु सुरक्षा, टीकाकरण, जनस्वास्थ्य अभियानों सहित विभाग के अधिकांश दायित्व आशाओं के माध्यम से ही पूरे होते हैं, परंतु उनके मेहनताने में कटौती करना संवेदनहीनता दर्शाता है।
यूनियन ने आरोप लगाया कि जहां विधायकों के वेतन-भत्ते लगातार बढ़ रहे हैं,वहीं आशाओं को पल्स पोलियो अभियान में प्रतिदिन मिलने वाले 100 रुपये भी सरकार को भारी पड़ रहे हैं। ज्ञापन में कहा गया कि यह निर्णय न केवल अमानवीय है, बल्कि आशा कर्मियों के मनोबल पर भी विपरीत प्रभाव डालता है। संगठन ने चेतावनी दी कि यदि समयबद्ध समाधान नहीं हुआ तो यूनियन आंदोलन को बाध्य होगी और भविष्य में पल्स पोलियो अभियान के बहिष्कार जैसी परिस्थितियां भी उत्पन्न हो सकती हैं। ज्ञापन सौंपने वालों में संगठन की प्रदेश अध्यक्ष कमला कुंजपाल, चंद्रा सती, दुर्गा टम्टा, माधवी दर्मवाल, हेमा जोशी, देवकी रौतेला, सरिता कुरिया, प्रभा बिष्ट, कमला बिष्ट व प्रेमा अधिकारी सहित अन्य आशा कार्यकर्ता शामिल थीं।
हिन्दुस्थान समाचार / डॉ. नवीन चन्द्र जोशी

