उत्तराखंड कैम्पा के लिए 335.37 करोड़ के सापेक्ष अब तक 331.4323 करोड़ रुपये अवमुक्त
- धनराशि का ससमय समुचित उपयोग न किए जाने पर सेक्टर प्रमुख होंगे उत्तरदायी
देहरादून, 21 अक्टूबर (हि.स.)। उत्तराखंड राज्य में वन विभाग के अंतर्गत वित्तीय वर्ष 2024-25 में उत्तराखंड कैम्पा के लिए स्वीकृत कार्ययोयजना की कुल धनराशि 335.37 करोड़ के सापेक्ष अब तक विभिन्न मदों-योजनाओं में 306.7633 करोड़ की धनराशि विभाग को अवमुक्त की जा चुकी है। वित्तीय वर्ष 2023-24 के अवशेष देयकों के भुगतान के लिए राष्ट्रीय कैम्पा से अनुमति के उपरांत विभिन्न मदों-योजनाओं की अवशेष धनराशि 24.669 करोड़ सहित कुल 331.4323 करोड़ रुपये विभाग को वर्तमान वित्तीय वर्ष में अवमुक्त कर दी गई है।
वित्तीय वर्ष 2024-25 में स्वीकृत कार्ययोजना के अनुसार मुख्यतः 1508 हेक्टेयर क्षतिपूरक पौधरोपण, 2208 हेक्टेयर नमामि गंगे योजना व अन्य पौधरोपण, रोपण क्षेत्रों का अनुरक्षण, कैचमेंट ट्रीटमेंट (कैट) प्लान के क्रियान्वयन के लिए 1031 हेक्टेयर रोपण कार्यों सहित ड्रेनेज लाइन ट्रीटमेंट का कार्य होना है। मृदा एवं जल संरक्षण कार्यों के अंतर्गत 205 जल धाराओं का उपचार, अवनत वनों के सुधार के लिए रेस्टोरेशन ऑफ डिग्रेडेड फॉरेस्ट (आरडीएफ) योजना का क्रियान्वयन, वन्यजीव प्रबंधन व मानव वन्यजीव संघर्ष रोकथाम पर केन्द्रित फॉरेस्ट लैंडस्केप रेस्टोरेशन (एफएलआर) योजना जिसमें ग्रासलैंड डेवलेपमेंट, बायोफेन्सिंग, एएनआर, प्राकृतावास सुधार आदि कार्य सम्मिलित हैं। वनों तथा वन पंचायतों में फोरेस्ट फायर मैनेजमेंट, 10 केंद्रीयकृत नर्सरी संबंधी कार्य, फील्ड कर्मियों के लिए चौकियों का निर्माण, 1600 किमी वन मार्गों का अनुरक्षण तथा प्रशिक्षण व अनुसंधान जैसे महत्वपूर्ण कार्य किए जाएंगे।
शासन स्तर पर प्रमुख सचिव आरके सुधांशु ने सोमवार को कैम्पा के प्रगति की समीक्षा की। इसमें संगत प्राविधानों एवं भारत सरकार द्वारा प्रदत्त निर्देशों का अनुपालन सुनिश्चित किए जाने, प्रत्येक सेक्टर के लिए समयबद्ध लक्ष्य निर्धारित करने, अवमुक्त धनराशि का ससमय उपयोग करने, वित्तीय-भौतिक प्रगति से पाक्षिक आधार पर शासन को अवगत कराने के लिए उत्तराखंड कैम्पा के मुख्य कार्यकारी अधिकारी को निर्देशित किया।
प्रमुख सचिव आरके सुधांशु ने निर्देशित किया कि प्रत्येक स्तर पर चिन्हित कार्यों को समयबद्ध आधार पर पूर्ण किए जाने के लिए संबंधित सेक्टर के प्रमुख उत्तरदायी होंगे। कार्यों का भौतिक सत्यापन भी औचक निरीक्षण के आधार पर किया जाएगा, जिससे कार्यों के वास्तविक प्रगति की पुष्टि की जा सके। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी एवं वन मंत्री सुबोध उनियाल का निर्देश है कि धनराशि का ससमय समुचित उपयोग न किए जाने पर संबंधित का उत्तरदायित्व निर्धारित किया जाएगा।
हिन्दुस्थान समाचार / कमलेश्वर शरण
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