(संशोधित) सैनिकों का आई-हिमएक्स दल पहुंचा हर्षिल घाटी, पर्यटन और ग्रामीण पुनर्वास को किया प्रोत्साहित
नोट: पहले पैरा में गंगाेत्री शब्द काे संशाेधित कर पुन: जारी किया गया।
देहरादून, 6 अक्टूबर (हि.स.)। पर्यटन को बढ़ावा देने और ग्रामीणों के पुनर्वास को प्रोत्साहित करने के लिए 21 सैनिकों का आई-हिमएक्स अभियान दल रविवार को हर्षिल घाटी पहुंच गया। इस दौरान दल ने जधुंगा गांव, गंगोत्रीधाम सहित अन्य स्थानों पर स्थानीय लोगों से संवाद कर गढ़वाल की परंपराओं, सांस्कृतिक धरोहर को संरक्षित करने पर जोर दिया।
इस मौके पर सैनिकों के दल ने जधुंगा गांव में पर्यटन को बढ़ावा देने और गांववासियों के पुनर्वास के मिशन की शुरुआत की। इस मौके पर स्थानीय अधिकारियों और समुदायों के साथ बातचीत की। साथ ही सेना और गढ़वाल क्षेत्र के लोगों के बीच संबंधों और मजबूत बनाने पर जोर दिया। टीम ने उत्तरकाशी के उप-जिलाधिकारी (एसडीएम) के साथ एक बैठक की। जिसमें गढ़वाल सेक्टर में पर्यटन को बढ़ावा देने की परिवर्तनकारी थीम से जुड़े चल रहे पहलों पर चर्चा की गई। इस मौके पर सेना ने राहत अभियानों के दौरान किए गए सहयोग की जानकारी दी। दल की ओर से जधुंगा गांव में स्थानीय जाड़ भोटिया समुदाय के साथ बातचीत की की गई और भाईचारे और सांस्कृतिक एकता की भावना को प्रोत्साहित किया गया । उन्होंने गांववासियों को अपनी पैतृक भूमि पर समृद्ध बौद्ध परंपराओं को फिर से स्थापित करने के लिए प्रेरित किया। जो ऐतिहासिक रूप से इस घाटी में फली-फूली हैं। यह पहल पलायन को रोकने और क्षेत्र को पुनर्जीवित करने के व्यापक प्रयास का हिस्सा है।जवानों के दल ने प्रतिष्ठित गंगोत्रीधाम और वीपीएस गवर्नमेंट इंटर कॉलेज का दौरा भी किया। उन्होंने नई पीढ़ी को प्रेरित करते हुए स्थानीय परंपराओं को संरक्षित रखने के महत्व पर जोर दिया।
हिन्दुस्थान समाचार
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