आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस एंड एजुकेशन विषय को लेकर सेमिनार का आयोजन

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आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस एंड एजुकेशन विषय को लेकर सेमिनार का आयोजन


नई टिहरी, 31 जुलाई (हि.स.)। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस एंड एजुकेशन विषय को लेकर जिला शिक्षा और प्रशिक्षण संस्थान में जिला स्तरीय सेमिनार आयोजित किया गया। सेमिनार में विषय विशेषज्ञों ने एआई तकनीक, भविष्य की संभावनाएं और मानव जाति के कल्याण के लिए एआई की महत्ता की जानकारी दी। वक्ताओं ने कहा कि एआई इंसानों की अक्ल की नकल करने का बेहतर माध्यम है।

आयोजित सेमिनार का डायट नई टिहरी में निदेशक अकादमिक शोध एवं प्रशिक्षण वंदना गर्ब्याल, प्राचार्य हेमलता भट्ट, सीपी रतूड़ी, एससीईआरटी के उप निदेशक डॉ. कष्णानंद बिजल्वाण, डॉ. राकेश गैरोला, डॉ. रंजन भट्ट, शुभ्रा सिंघल ने संयुक्त रूप से शुभारंभ करते हुए एआई को लेकर भविष्य की चुनौती की जानकारी दी। कार्यक्रम समन्वयक सरिता असवाल, सह समन्वयक संजीव भट्ट ने बताया कि जिलेभर से 160 प्रवक्ता, एलटी शिक्षक और डीएलएड के प्रशिक्षुओं ने सेमिनार में प्रतिभाग किया।

एआई एक्सपर्ट केवि देहरादून के चंद्रकांत भट्ट, डीयू के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. निखिल राजपूत, हाईड्रो इंजीनियरिंग कॉलेज के विवेक कुमार, रमेश बडोनी ने कैप्चा की जानकारी देते हुए बताया कि यह कंप्यूटर और मानव को अलग करने वाली एक तकनीक है जिसका उपयोग ऑनलाइन कार्यों में किया जाता है। कैप्चा एक प्रकार की चुनौती-प्रतिक्रिया परीक्षण है, जिसका उपयोग गणना करने में यह निर्धारित होता है कि उपयोगकर्ता मानव है या नहीं। कृत्रिम बुद्धिमत्ता वह तकनीक है जो कंप्यूटरों और मशीनों को मानवीय बुद्धिमत्ता और समस्या-समाधान क्षमताओं का अनुसरण करने में सक्षम बनाती है। चैट जीपीटी के जरिए हमें इसे आसानी से महसूस कर सकते हैं।

हिन्दुस्थान समाचार / प्रदीप डबराल / वीरेन्द्र सिंह

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