पैराग्लाइडरों के करतबों के साथ हुआ एक्रो फेस्टिवल
-एसआईवी प्रतियोगिता में गौतम और प्रेया जैन ने मारी बाजी
नई टिहरी, 28 नवंबर (हि.स.)। उत्तराखंड पर्यटन विकास परिषद के तत्वावधान में आयोजित पांच दिवसीय टिहरी एक्रो फेस्टिवल 2023 का मंगलवार प्रतिभागियों के पुरस्कार वितरण के साथ विधिवत समापन हुआ। एक्रो फेस्टिवल को हर साला आयोजित करवाने की अपील करते हुए प्रतिभागियों की हौसला अफजाई की गई।
पांच दिनों तक चले एक्रो फेस्टिवल में एसआईवी प्रतियोगिता में गौतम प्रथम, भरत द्वितीय और निखिल ठाकुर तृतीय। एसआईवी फिमेल में प्रेया जैन ने अव्वल रही। एक्रो प्रतियोगिता में विजय कुमार ठाकुर प्रथम, मनोज कुमार द्वितीय और गौरव तृतीय रहे। सभी विजेता प्रतिभागियों को स्मृति चिन्ह व प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया। फेस्टिवल के अंतिम दिन भी पैराग्लाइडरों ने राजा के महल प्रतापनगर से टिहरी झील के ऊपर सिक्रो फ़्लाइंग, विंग शूट जम्प, स्काई डाइविंग के बेहतरीन करतब दिखाते हुए बोटिंग प्वाइंट कोटी कालोनी में लैंडिंग की। सभी स्पर्धाओं में कुल 10 लाख रुपये की धनराशि विजेता प्रतिभागियों को को वितरित की गई।
समापन अवसर कर्नल अश्विनी पुण्डीर ने कि प्रतिभागियों को उनकी जबरदस्त कलाबाजियों के लिए सराहना करते हुए धन्यवाद देते हुए कहा कि उत्तराखंड राज्य ने खुद को देश में साहसिक पर्यटन में अग्रणी राज्यों में रूप में मजबूत किया है। देश में समग्र साहसिक खेल के बुनियादी ढांचे में सुधार की आवश्यकता है। ऐसे अंतरराष्ट्रीय आयोजनों से उत्तराखंड राज्य जल्द ही विश्व के साहसिक पर्यटन मानचित्र पर होगा। पर्यटन विभाग पैराग्लाईडिंग, कयाकिंग, कैनोइंग, राफ्टिंग जैसी अन्य गतिविधियों के साथ टिहरी को एडवेंचर हब के रूप में विकसित करने की दिशा में लगातार कार्य कर रहा है।
इस अवसर पर मुख्य अतिथि अपर मुख्य कार्याधिकारी यूटीडीबी अश्विनी पुंडीर, जन संपर्क अधिकारी यूटीडीबी मनोज जोशी, डीटीडीओ अतुल भण्डारी, विजेन्द्र पांडेय, लता बिष्ट, साहसिक खेल अधिकारी खुशाल सिंह नेगी, सीईओ मंत्रा पैराग्लाइडिंग कम्पनी तानाजी ताकवे
हर साल आयोजित होगा एक्रो फेस्टिवल : कर्नल पुंडीर
यूटीडीबी के साहसिक विंग के अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी कर्नल अश्विनी पुंडीर ने कहा कि पांच दिवसीय इंटरनेशनल टिहरी एक्रो फेस्टिवल 2023 को जनपद टिहरी गढ़वाल में निर्विघ्न व सफल रूप से संपन्न करवाया गया है। अब प्रयास रहेगा कि हर साल यहां पर एक्रो फेस्टिवल आयोजित करवाया जाय। पहले प्रयास में 26 देशों के लगभग 54 पैराग्लाइडर पायलट यहां पहुंचे। जबकि 120 विभिन्न राज्यों के इंडियन पायलट ने यहां पर प्रतिभाग किया। पांच दिनों तक भव्य रूप से एक्रो बैटिक शो के तहत विभिन्न प्रकार की कलाबाजियों को प्रतिभागियों ने बखूबी प्रदर्शन किया है। कहा कि प्रतापनगर से उड़ान भरने के बाद टिहरी झील के किनारे कोटि कालोनी में लैडिंग प्वाइंट लगभग 1400 मीटर की ऊंचाई पर है, जो कि तुर्की में ओलुडेनिज के बाद दूसरी ऐसी साइट है।
वर्तमान में ओलुडेनिज विश्वभर में पैराग्लाइडिंग प्रशिक्षण और हवाई कलाबाजी का सबसे बड़ा शो केंद्र है। यहां पर टैक आफ प्वाइंट प्रतापनगर के निकट टिहरी झील होना सुरक्षा की दृष्टि से पैराग्लाइडरों के लिए अहम है। ताकि झील में उतरकर खतरों से बचा जा सके। सी वाटर की जगह स्वीट वाटर की झील ज्यादा सुरक्षित होती है। प्लस प्वाइंट यह भी है कि यहां पर पैराग्लाइडिंग के लिए खर्चा मात्र 50 से 60 हजार तक आता है। जबकि विदेशों में यही खर्चा 7 से 8 लाख तक होता है। टिहरी झील के निकट पैरागलाइडिंग का एक बेहतर स्पाट मिला है, जिसे पूरी तरह से विश्व में पहचान दिलाने का काम होगा। यहां पर पैराग्लाइडिंग के पीवन, पीटू, पीथ्री व पीफोर का प्रशिक्षण भी शुरू किया गया है। अब तक 45 युवाओं को प्रशिक्षित किया जा चुका है। एडवांस ट्रेंड पायलटों का प्रशिक्षण भी दिया जायेगा।
हिन्दुस्थान समाचार/प्रदीप डबराल//रामानुज
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