आत्मा की विस्मृति ही हमारे दुखों का मूल कारण : निर्मला
ऋषिकेश, 27 दिसंबर (हि.स.)। प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय ढालवाला में परमात्मा ज्ञान द्वारा सुख शांति की अनुभूति कार्यक्रम आयोजित किया गया।
बुधवार को ढालवाला सब सेंटर की संचालिका राजयोगी, बालब्रह्मचारिणी निर्मला दीदी ने बताया कि हम शरीर को अपनी पहचान मानते हैं, जो कि पांच तत्वों का पुतला मात्र है, जिसे लेकर हम परेशान भी इसलिए रहते हैं ,क्योंकि हम अपनी शान से परिचित नहीं है, वास्तव में स्वयं की स्मृति परमपिता परमात्मा दिलाते हैं, जिन्हें हम पिता कहते हैं। आज आत्मा की विस्मृति ही हमारे दुखों का मूल कारण है।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि जयक्रित रावत अध्यापक भारत मंदिर इंटर कॉलेज ने प्रणाम व प्रार्थना की महिमा पर प्रकाश डालते हुए कहा कि जैसे हम बड़ों को प्रणाम करते हैं तो उनकी ब्लेसिंग आशीर्वाद व दुआओं के रूप में मिलता है, इसी प्रकार जब प्रभु से प्रार्थना की जाती है तो उनसे भी हमें आशीर्वाद एवं कृपा मिलती है। संस्था द्वारा स्मृति चिन्ह व आध्यात्मिक पुस्तिका देकर गुरु जी को सम्मानित किया गया।
ऋषिकेश सेंटर की प्रमुख संचालिका राजयोगिनी बालब्रह्मचारी आरती दीदी ने बताया कि आज साइंस के युग में सुख के साधन तो प्रचुर मात्रा में उपलब्ध है, परंतु सुख रहे घटता जा रहा है, जबकि पूर्व में साधन बहुत कम थे ,परंतु सुख भरपूर था। जब लोग सारे कार्य अपने हाथों से करते थे। आज बटन दबाते व पलक झपकते ही कार्य तो हो जाते हैं, लेकिन मनुष्य फिर भी सुखी नहीं है।
मंच का संचालन संगीता बहन द्वारा कुशलतापूर्वक किया गया। उन्होंने स्वागत गीत द्वारा अतिथि व सभी आगंतुकों का स्वागत किया। इस अवसर पर लोग उपस्थित रहे।
हिन्दुस्थान समाचार /विक्रम
/रामानुज
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