एम्स में 7 दिसंबर से आयोजित किया जाएगा दो दिवसीय से सम्मेलन
-भारतीय सांस्कृतिक चिकित्सा पद्धति एवं वैदिक परंपरा के आधार पर महिलाओं के समग्र स्वास्थ्य पर होगी चर्चा : प्रो. मीनू सिंह
ऋषिकेश, 06 दिसंबर (हि.स.)। अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान एम्स में आगामी 7 दिसंबर से दो दिवसीय भारतीय सांस्कृतिक चिकित्सा पद्धति एवं वैदिक परंपरा के आधार पर महिलाओं के समग्र स्वास्थ्य के लिए छठे अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन किया जाएगा। यह जानकारी एम्स की निदेशक प्रोफेसर मीनू सिंह ने पत्रकारों को दी।
प्रोफेसर मीनू सिंह ने बताया कि यह सम्मेलन आयुष विभाग, एम्स, ऋषिकेश द्वारा, श्रीराम योग प्रशिक्षण और अनुसंधान समाज की सहकार्यता 7 और 8 दिसम्बर को संस्थान के मुख्य सभागार में किया जाएगा।
सम्मेलन में मुख्य अतिथि के तौर पर प्रोफेसर मीनू सिंह, निदेशक व सीईओ एम्स, ऋषिकेश, स्वामी रामदेव प्रमुख, पतंजलि योग पीठ हरिद्वार , चिन्मय पंड्या प्रो. वाइस चैंसलर, देव संस्कृति विश्वविद्यालय, हरिद्वार, प्रोफेसर दुर्गेश पंत निदेशक, प्रोफेसर जया चतुर्वेदी संकायाध्यक्ष एम्स व राज नारायण पांडेय अध्यक्ष योग सोसाइटी शामिल होंगे।
आयोजन में मुख्यतः महिला स्वास्थ्य के लिए योग, प्राकृतिक चिकित्सा, यज्ञ, और आयुर्वेद की भूमिका पर चर्चा व सत्र आयोजित किए जाएंगे। इसका उद्देश्य हमारी मातृ-शक्ति के स्वास्थ्य विकास व उसके प्रति जरूरी जागरूकता फैलाना है।
बताया गया कि आयोजन के तहत एक मुख्य सत्र छात्र- छात्राओं के लिए समर्पित है, जिसमें निबंध लेखन प्रतियोगिता, वाद विवाद प्रतियोगिता जैसे मनोरंजक गतिविधि द्वारा इस महत्वपूर्ण विषय पर विद्यार्थियों का ज्ञानवर्धन करने के साथ साथ उनमें इस ओर विशेष रुचि का निर्माण करना है, जिससे नई पीढ़ी के चिकित्सा वर्ग इस विषय की गहराई व अनुसंधान उपयोगिता पर समझ विकसित होगी।
प्रो. सिंह ने बताया कि आयुष विभाग, एम्स ऋषिकेश अपनी संपूर्ण अत्याधुनिक स्वास्थ्य सेवाएं व सुविधाएं बहुखंडीय चिकित्सा प्रणाली आयुर्वेद, योग व प्राकृतिक चिकित्सा, होम्योपैथी, सिद्धा व यूनानी प्रणाली से प्रदान कर रहा है। स्वास्थ्य के प्रति जनजागरण अभियान में अपनी सेवाएं निरंतर प्रदान करने में तत्पर है। जहां निरंतर ऋषिकेश व उत्तराखंड राज्य से मरीजों को सेवा प्रदान की जा रही है।
निदेशक व सीईओ एम्स, ऋषिकेश प्रोफेसर मीनू सिंह ने आयुर्वेद, योग व प्राकृतिक चिकित्सा व अन्य आयुष पद्धतियों को महिलाओं के स्वास्थ्य व अन्य रोगों में उपयोग को अति महत्वपूर्ण बताया। उन्होंने कहा कि इस अद्भुत और ज्ञानवर्धक सम्मेलन के माध्यम से योग,यज्ञ और आयुर्वेद के क्षेत्र में अग्रणी विद्वानों, शोध छात्रों और आध्यात्मिक गुरुओं के साथ मिलकर इस प्राचीन विद्या को नया आयाम प्रदान करने का मौका मिलेगा।
छठे अंतरराष्ट्रीय योग यज्ञ एवं आयुर्वेद सम्मेलन के संयोजक एवं श्रीराम योग सोसाइटी के प्रबंधक डॉ. नवीन पांडेय ने बताया कि इस सम्मेलन का उद्देश्य महिलाओं के स्वास्थ्य को बेहतर बनाने के लिए योग, यज्ञ और आयुर्वेद के महत्वपूर्ण सिद्धांतों पर गहन चिंतन करना है।
उन्होंने बताया कि श्रीराम योग सोसाइटी का उद्देश्य देश एवं दुनिया में योग एवं भारतीय संस्कृति के माध्यम से समग्र स्वास्थ्य का प्रचार प्रसार करना और शोध करना है। इसके लिए प्रतिवर्ष सोसाइटी योग, यज्ञ एवं आयुर्वेद विषय पर आधारित अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन करती है। साथ ही विभिन्न स्कूल- कॉलेजों में विद्यार्थियों को भी योग एवं स्वास्थ्य के प्रति जागरूक करने के साथ ही प्रशिक्षित करती है।
इस अवसर पर संस्थान की संकायाध्यक्ष अकादमिक प्रो. जया चतुर्वेदी, डॉ. वंदना धींगरा, डॉ. श्रीलोय मोहंती, डॉ. विनोद आदि मौजूद थे।
हिन्दुस्थान समाचार /विक्रम
/रामानुज
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