चमनलाल महाविद्यालय में तीन दिवसीय मानवाधिकार प्रशिक्षण कार्यक्रम
हरिद्वार, 15 फरवरी (हि.स.)। चमनलाल महाविद्यालय, लण्ढौरा में राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) नई दिल्ली द्वारा संपोषित तीन दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम की शुरुआत हुई।
मुख्य अतिथि, राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के प्रान्त कार्यवाह दिनेश सेमवाल ने कहा कि जिन अधिकारों पर हम आज चर्चा कर रहे है उनका वर्णन भारतीय ग्रन्थों में पूर्व में ही वर्णित है।भारत आज विश्व गुरु बनने की राह पर अग्रसर है। उन्होंने कहा कि अगर विश्व में शांति एवं सुरक्षा चाहते हो तो उसका एक मार्ग केवल भारत से ही निकलता है।
मुख्य वक्ता श्रीदेव सुमन विश्वविद्यालय के राजनीति विज्ञान के प्रोफेसर डॉ. डी.के.पी. चौधरी ने कहा कि अधिकारों की उत्पत्ति का सर्वप्रथम प्रयास 500 ईसा पूर्व में प्राप्त होता है। मानव अधिकारों के प्रथम घोषणा पत्र में सर्वाधिक योगदान महिलाओं का है।
कार्यक्रम में राजकीय महाविद्यालय मंगलोर के प्राचार्य डॉक्टर तीर्थ प्रकाश, विशिष्ट वक्ता डॉ. अपेक्षा चौधरी एवं डॉ. कल्पना भट्ट, कॉलेज प्रबंधन समिति के अध्यक्ष रामकुमार शर्मा, कोषाध्यक्ष अतुल हरित ने भी मानवाधिकार पर अपने विचार रखे।
प्राचार्य डॉ. सुशील उपाध्याय ने स्वागत उद्बोधन में महाविद्यालय की उपलब्धियां एवं विगत वर्षों की प्रगति की चर्चा करते हुए कहा कि महाविद्यालय की पहली पीढ़ी के अनेक छात्रों ने नेट तथा जेआरएफ पास किया। विश्वविद्यालय की टॉपर लिस्ट में 7 विद्यार्थी है। महाविद्यालय में आधे से अधिक छात्र अल्पसंख्यक हैं। महाविद्यालय में बीते वर्षों में 50 से अधिक सेमीनार का आयोजन किया जा चुका है। कार्यक्रम का संचालन डॉ. सर्वेश त्रिपाठी ने किया। कार्यक्रम में डॉ. हिमांशु, डॉ. अनीता, श्री नवीन कुमार, डॉ. श्वेता, डॉ. देवपाल, डॉ. किरण शर्मा, डॉ. पुनीता, श्री विपुल सिंह आदि उपस्थित रहे।
हिन्दुस्थान समाचार / रजनीकांत/प्रभात
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