मानव वन्यजीव संघर्ष को कम करने के लिए सुनियोजित और प्रभारी नीति बनाएं : मुख्यमंत्री

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मानव वन्यजीव संघर्ष को कम करने के लिए सुनियोजित और प्रभारी नीति बनाएं : मुख्यमंत्री


देहरादून, 19 जुलाई (हि.स.)। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि मानव वन्यजीव संघर्ष को कम करने के लिए वन विभाग की ओर से और प्रभावी प्रयास के साथ इसके निवारण के लिए सुनियोजित नीति बनाते हुए इस पर गंभीरता से कार्य किया जाए। मानव-वन्यजीव संघर्ष में मृतकों के परिजनों और घायलों को यथाशीघ्र अनुमन्य सहायता उपलब्ध करवाई जाए। जंगलों से लगते जो स्थान बायोफेंसिंग से वंचित रह गए हैं, उन स्थानों को अतिशीघ्र बायोफेंसिंग से आच्छादित किया जाए।

शुक्रवार को सचिवालय में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने उत्तराखंड राज्य वन्य जीव बोर्ड की 20वीं बैठक की अध्यक्षता की। इस दौरान उन्होंने कहा कि मानव वन्यजीव संघर्ष की रोकथाम के लिए चिन्हित हॉट स्पॉट क्षेत्रों में वन कर्मियों की गश्त बढाई जाए और वन कर्मियों को पर्याप्त मात्रा में उपकरण कैमरा ट्रैप, एनाईडर, ट्रैक्युलाइज गन आदि दी जाए। साथ ही आधुनिक उपकरण जैसे ड्रोन के माध्यम से भी जंगली जानवरों पर नज़र रखी जाए। जिन प्रभागों में मानव वन्यजीव संघर्ष के ज्यादा मामले आ रहे हैं उन स्थानों पर विशेष नजर रखी जाए।

मुख्यमंत्री ने हल्द्वानी में प्रस्तावित जू एंड सफारी के मास्टर प्लान पर जल्द डीपीआर बनाने के निर्देश दिए। उन्होंने राजाजी टाइगर रिजर्व के अन्तर्गत चौरासी कुटिया का अन्तर्राष्ट्रीय मानकों के अनुसार विकास और उच्चीकरण अति शीघ्र पूर्ण करने के निर्देश दिए।

मुख्यमंत्री ने राज्य में वन्य जीव आधारित पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न नेशनल पार्कों के व्यापक प्रचार प्रसार के लिए वाइल्डलाइफ आधारित डॉक्यूमेंट्री, फिल्म बनाने के भी निर्देश दिए। साथ ही विभिन्न स्थानों पर बर्ड वाचिंग कैंप का आयोजन करने को कहा। उन्होंने कहा कि वन क्षेत्रों में प्रस्तावित विकास योजनाओं को नियमों के दायरे में रहकर जल्द पूरा किया जाए, ताकि आमजन को सहूलियत मिल सके।

जमरानी बांध बहुउद्देशीय परियोजना के लिए स्वीकृति मिली

बैठक में बताया गया कि जमरानी बांध बहुउद्देशीय परियोजना के लिए नेशनल बोर्ड फॉर वाइल्डलाईफ से स्वीकृति मिल चुकी है। जनपद-पौड़ी गढ़वाल के विकासखण्ड यमकेश्वर में किमसार-भोगपुर मोटर रोड के लिए नेशनल बोर्ड फॉर वाइल्डलाईफ से स्वीकृति प्राप्त हो गई है। जिसका निर्माण जल्द किया जाएगा। 9 साल से लंबित राजाजी टाइगर रिजर्व के लिए टाइगर कंजरवेशन फॉउण्डेशन का गठन कर लिया गया है।

फॉरेस्ट लैण्ड स्केप रेस्टोरेशन के 10 वर्षीय प्रस्ताव को तैयार किया जा रहा है

राज्य में वन्यजीव प्रबन्धन के समस्त बिन्दुओं को सम्मिलित करते हुये फॉरेस्ट लैण्डस्केप रेस्टोरेशन के 10 वर्षीय प्रस्ताव को तैयार किया जा रहा है। जिसके लिए वित्तीय वर्ष 2024-25 में 32 करोड़ की धनराशि भारत सरकार से स्वीकृत हो गई है। प्रदेश में मानव वन्यजीव संघर्ष की रोकथाम के लिए वित्तीय वर्ष 2023-24 में आधुनिक उपकरणों के क्रय के लिए वन प्रभागों को 10 करोड़ 50 लाख रुपये की धनराशि आवंटित की गई है।

हल्द्वानी जू एण्ड सफारी के मास्टर प्लान को मिली स्वीकृति

वर्ष 2009 के पश्चात राज्य में वन विश्राम भवनों की दरों को पुनरीक्षित किया गया है। केन्द्रीय चिड़ियाघर प्राधिकरण, केन्द्र सरकार की ओर से हल्द्वानी जू एण्ड सफारी, हल्द्वानी के मास्टर प्लान को स्वीकृति प्रदान की गयी।

बंदर बंध्याकरण का कार्य मिशन मोड में

प्रदेश में बंदर बंध्याकरण का कार्य मिशन मोड में किया जा रहा है, जिसमें जुलाई 2023 से इस साल 31 मार्च तक 39,398 बंदरों का बंध्याकरण किया चुका है। मानव वन्यजीव संघर्ष की रोकथाम के लिए 05 वन प्रभागों (गढ़वाल, टिहरी, पिथौरागढ़, बागेश्वर एवं नरेन्द्रनगर) के अन्तर्गत “लिविंग विद लैपर्ड“ कार्यक्रम चलाया जा रहा है। मानव वन्यजीव संघर्ष की घटनाओं की त्वरित रोकथाम के लिये 31 वन प्रभागों के अन्तर्गत 65 त्वरित प्रतिक्रिया दल का गठन किया गया है।

बैठक में वन मंत्री सुबोध उनियाल, विधायक बंशीधर भगत, दीवान सिंह बिष्ट, सुरेश सिंह चौहान,मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, प्रमुख सचिव आर.के सुधांशु, प्रमुख वन संरक्षक डॉ. धनंजय मोहन, प्रमुख वन संरक्षक, वन्यजीव डॉ. समीर सिन्हा, विशेष सचिव डॉ. पराग मधुकर धकाते, एडीजी ए.पी अंशुमन एवं बोर्ड के सदस्य उपस्थित थे।

हिन्दुस्थान समाचार / राजेश कुमार / वीरेन्द्र सिंह

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