सनातन धर्म एवं संस्कृति के जागरण में संतों की महत्वपूर्ण भूमिका : स्वामी अवधेशानंद

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डूंगरपुरी आश्रम का हुआ लोकार्पण

हरिद्वार, 15 अप्रैल (हि.स.)। उत्तरी हरिद्वार के भूपतवाला स्थित जीडीपुरम में नवनिर्मित श्री डूंगरपुरी आश्रम का वैदिक विधि विधान के साथ आज लोकार्पण किया गया।इस अवसर पर योगगुरु बाबा रामदेव ने कहा कि संतों का जीवन समाज को नई दिशा देने वाला होता है। उन्होंने आशा व्यक्त की कि यह आश्रम आने वाले समय में निर्बल व असहाय व्यक्तियों की सेवा में भी प्रमुख भूमिका निभाएगा।

जूनापीठाधीश्वर आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानंद गिरि महाराज ने कहा कि संत समाज की सनातन धर्म एवं भारतीय संस्कृति के जागरण में महत्वपूर्ण भूमिका है। उन्होंने श्री डूंगरपुरी आश्रम के निर्माण के लिए श्रीमहंत जगदीश पुरी महाराज की सराहना करते हुए इसे संत समाज की सेवा और सनातन धर्म के प्रचार-प्रसार हेतु एक श्रेष्ठ कदम बताया।

जून अखाड़े के अंतर्राष्ट्रीय संरक्षक श्रीमहंत हरि गिरि महाराज ने श्रीमहंत जगदीश पुरी को जूना अखाड़ा का योग्य संत बताते हुए राजस्थान में धर्म जागरण के क्षेत्र में उनके द्वारा किए जा रहे कार्यों को सराहा। राजस्थान के विधायक विधायक प्रतापपुरी महाराज ने कहा कि संतों का जीवन धर्म-संस्कृति के संवर्धन के लिए समर्पित होता है। राजस्थान में संतों द्वारा चलाए जा रहे सेवा प्रकल्प सनातन धर्म को सशक्त बना रहे हैं। इस अवसर पर महामंडलेश्वर स्वामी गर्व गिरि, महामंडलेश्वर संजय गिरि, श्री महंत महेश पुरी, महंत तूफान गिरी, महंत रतन गिरी समेत सैकड़ों संत-महंत और श्रद्धालु उपस्थित रहे।

हिन्दुस्थान समाचार / डॉ.रजनीकांत शुक्ला

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