भवाली की विवादित मस्जिद की भूमि की लीज वैध नहीं

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भवाली की विवादित मस्जिद की भूमि की लीज वैध नहीं


-43 नाली से अधिक सरकारी भूमि पर अवैध कब्जे

नैनीताल, 13 दिसंबर (हि.स.)। नैनीताल जनपद के भवाली क्षेत्र में भूमियाधार मोड़ पर जंगल के बीच स्थित विवादों में आई मस्जिद को लेकर जांच में बड़ा खुलासा हुआ है। मस्जिद के लिये वर्ष 1924 में 5016 वर्ग फुट, अर्थात लगभग दो नाली पांच मुट्ठी भूमि का लीज पट्टा 30 वर्षों के लिये जारी किया था। इसे बाद में बढ़ाया भी गया, किन्तु वर्तमान में इसकी लीज नवीनीकृत नहीं है, यानी वैध नहीं है। साथ ही मस्जिद के चारों ओर लगभग 44 नाली भूमि में चारदीवारी की गयी है। यह बात भी सामने आ रही है कि चारदीवारी पूर्ववर्ती कांग्रेस की हरीश रावत के मुख्यमंत्रित्व वाली सरकार के दौर में सरकारी धनराशि से की गयी है।

उल्लेखनीय है कि यह मामला वर्तमान दिसंबर माह के प्रारंभ में इसोशल मीडिया पर एक वायरल हुए वीडियो के माध्यम से सामने आया था। इसी दौरान मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने हल्द्वानी में आयोजित एक कार्यक्रम में कहा था कि सरकारी भूमि पर अवैध रूप से स्थापित धार्मिक संरचनाओं की पहचान कर कार्रवाई की जाएगी और राज्य के सांस्कृतिक स्वरूप में परिवर्तन स्वीकार नहीं किया जाएगा। उनके निर्देश के उपरान्त इस मामले की जांच राजस्व प्रशासन और वन विभाग की संयुक्त टीम ने की थी। इधर एक दिन पूर्व मुख्यमंत्री धामी ने पुनः नैनीताल जनपद के लेटीबूंगा में आयोजित कार्यक्रम में भी इस मामले का जिक्र किया था।

इधर, पूछे जाने पर नैनीताल वन प्रभाग के प्रभागीय वनाधिकारी आकाश गंगवार ने ‘हिन्दुस्थान समाचार’ को बताया कि संयुक्त जांच दल की रिपोर्ट आ गयी है। रिपोर्ट में भवाली नगर पालिका के 1924 से 1938 के मानचित्र एवं कागजातों में मस्जिद की लीज के प्रपत्र मिले हैं, जिनके अनुसार मस्जिद के लिये 5016 वर्ग फिट यानी लगभग 2 नाली 44 नाली वन भूमि 30 वर्ष की लीज पर दी गयी थी। यह लीज वर्तमान में नवीनीकृत नहीं की गयी है। इस संबंध में आगे भी जांच जारी है और संबंधित वन क्षेत्राधिकारी से विस्तृत रिपोर्ट मांगी गयी है। उन्होंने कहा कि आगे संबंधित पक्ष को भी अपना पक्ष रखने का मौका दिया जाएगा। श्री गंगवार ने पूछने पर यह भी बताया कि चार दीवारी कैसे बनी, यह भी जांच के दायरे में है।

हिन्दुस्थान समाचार / डॉ. नवीन चन्द्र जोशी

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