नैथानी को मरणोपरांत स्पर्श गंगा अभियान सम्मान
देहरादून, 19 दिसंबर (हि.स.)। गढ़वाल विश्वविद्यालय के इतिहास एवं पुरातत्व विभाग के पूर्व तकनीकी अधिकारी स्व. मोहन नैथानी को मरणोपरांत स्पर्श गंगा अभियान सम्मान दिया गया।
गढ़वाल विश्वविद्यालय के राष्ट्रीय सेवा योजना प्रकोष्ठ द्वारा प्रारंभ किए गए गंगा एवं उसकी सहायक नदियों के स्वच्छता के जन जागरूकता अभियान स्पर्श गंगा अभियान में गढ़वाल विश्वविद्यालय के पूर्व तकनीकी अधिकारी और स्पर्श गंगा अभियान के संस्थापक सदस्य स्व. मोहन नैथानी को स्पर्श गंगा महोत्सव 2025 के आयोजन में इस सम्मान से मरणोपरांत प्रदान किया गया।
स्व. मोहन नैथानी का देहांत महामारी कोविड से हुई थी। स्व. नैथानी ने स्पर्श गंगा अभियान के अंतर्गत अनेक महत्वपूर्ण कार्यों और प्रयोगों के साथ अपना अमूल्य योगदान प्रदान किया। वे गढ़वाल विश्वविद्यालय के पहले सोशल मीडिया चैंपियन प्रभारी भी रहे।विश्वविद्यालय के आउट रीच कार्यक्रमों में प्रतिभाग के साथ ही उन्होंने डॉक्युमेंटेशन में महत्वपूर्ण कार्य किए। इतिहास तरह पुरातत्व विभाग में थ्री डी प्रोडक्शन में उनकी दक्षता रही।
स्पर्श गंगा के संस्थापक समन्वयक और उत्तराखंड स्पर्श गंगा बोर्ड के पूर्व ओएसडी प्रो . बड़ौनी ने यह जानकारी देते हुए बताया कि विगत 17 दिसंबर को स्पर्श गंगा दिवस के अवसर पर लेखक गांव थानों में उनकी पुत्री तनीषा नैथानी को पर्यावरणविद पद्मभूषण डॉक्टर अनिल जोशी, पद्मश्री कल्याण सिंह रावत मैती
स्पर्श गंगा अभियान की राष्ट्रीय संयोजिका और फिल्म निर्मात्री डॉ अरुषि निशंक , भातरीय वन्य जीव संस्थान देहरादून की अधिष्ठाता डॉ . रुचि बड़ोला सहित अनेक गणमान्य अतिथियों की उपस्थिति में प्रदान किया गया।
इस अवसर पर देश भर से पांच सौ से अधिक स्पर्श गंगा के स्वयंसेवी, राष्ट्रीय सेवा योजना के छात्र छात्राएं, शिक्षक, अधिकारी, बाल प्रहरी, समाज सेवी और पर्यावरण प्रेमी उपस्थित रहे।
हिन्दुस्थान समाचार / डॉ विनोद पोखरियाल

